देश

संसद लोकतंत्र की आत्‍मा, इसकी सर्वोच्‍चता में कार्यपालिका या न्यायपालिका का हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं : उपराष्‍ट्रपति 

उपराष्ट्रपति ने आपातकाल को स्वतंत्र भारत के इतिहास का ‘‘सबसे काला दौर’’ बताया. (फाइल)

खास बातें

  • संसद की संप्रभुता राष्ट्र की संप्रभुता का पर्याय है और यह अभेद्य है : उपर
  • कार्यपालिका, न्यायपालिका, विधायिका को सहयोगात्मक संवाद करना चाहिए
  • उपराष्ट्रपति ने आपातकाल को भारत के इतिहास का सबसे काला दौर बताया

नई दिल्ली :

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) ने रविवार को कहा कि संसद (Parliament) लोकतंत्र की आत्मा है और इसकी सर्वोच्चता में कार्यपालिका या न्यायपालिका का कोई भी हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं है. यहां संविधान दिवस (Constitution Day) कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘संसद की संप्रभुता राष्ट्र की संप्रभुता का पर्याय है और यह अभेद्य है.”

यह भी पढ़ें

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button