महाकुंभ में 27 जनवरी को होगी धर्म संसद, सनातन बोर्ड का पेश होगा प्रस्ताव
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) के आयोजन की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. 13 जनवरी से लगने वाले महाकुंभ के लिए साधु-संतों का पहुंचना शुरू हो चुका है. महाकुंभ में 27 जनवरी को धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा. इसमें देश भर के प्रमुख साधु-संत शामिल होंगे. इनमें चारों पीठों के शंकराचार्य और 13 अखाड़ों के प्रमुख भी शामिल होंगे. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने The Hindkeshariसे खास बातचीत में यह जानकारी दी. साथ ही उन्होंने बताया कि धर्म संसद के दौरान सनातन बोर्ड (Sanatan Board) के गठन पर चर्चा की जाएगी.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने बातचीत में कहा कि धर्म संसद में सनातन बोर्ड के गठन के प्रस्ताव को पारित किया जाएगा और यह प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि सनातन को बचाना हमारा उद्देश्य है.
सनातन बोर्ड के गठन का होगा पूरा प्रयास : पुरी
उन्होंने कहा पूरे भारत में वक्फ बोर्ड की चर्चा है. उन्होंने कहा कि अभी एक बयान सामने आया था जिसमें मुस्लिम कहते हैं कि यह भूमि भी हमारी है. इसलिए हम लोगों ने 27 जनवरी को धर्म संसद का आयोजन किया है. हमारा पूरा प्रयास है कि सनातन बोर्ड का गठन हो.
उन्होंने बातचीत के दौरान वक्फ बोर्ड को लेकर सवाल उठाया कि जितनी भूमि इनके पास है वह भूमि कहां से आई. 9 से 10 लाख एकड़ भूमि इनके पास है.
धर्म संसद में ली जाएगी सभी की सहमति : पुरी
साथ ही उन्होंने कहा कि जितने मंदिर-मठ हैं, उन्हें सरकार छीन रही है. हमारे अगल-बगल वाले हैं, वह छीन रहे हैं. हमारे पड़ोसी कब्जे कर रहे हैं. हमारे मठों पर कब्जा हो रहा है, जबकि वक्फ बोर्ड जो दिखाएगा, वह उसका हो रहा है. इसलिए सनातन बोर्ड के गठन के लिए हमने 27 तारीख को धर्म संसद का आयोजन किया है.
उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि पूरे भारत में जितने साधु संत हैं, जितने मठों के प्रमुख हैं, जितने महामंडलेश्वर हैं, सभी को बुलाया जाएगा. इस पर चर्चा होगी कि सनातन बोर्ड का प्रारूप क्या होगा. इसमें हम क्या-क्या विषय रखेंगे. धर्म संसद में सब की सहमति ली जाएगी कि सनातन बोर्ड का प्रारूप कैसा हो.