देश

हाजीपुर सीट पर रार बरकरार : सीट नहीं मिलने पर NDA छोड़ सकते हैं पशुपति पारस

हाजीपुर सीट क्यों है ज़रूरी?

भाजपा के साथ पारस ने अपनी निराशा का इजहार ऐसे समय में किया है, जब केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी ने हाजीपुर सहित बिहार में कई लोकसभा सीटों पर उनके दावे को नजरअंदाज करते हुए उनके भतीजे चिराग पासवान के साथ सीटों के बंटवारे का समझौता किया, जो लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के एक अन्य धड़े का नेतृत्व करते हैं. पारस ने कहा कि वह हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे, जो उनके और पासवान के बीच विवाद का कारण रहा है.

चाचा बनाम भतीजा

चिराग ने इससे पहले संकेत दिया था कि उनकी पार्टी इस सीट से चुनाव लड़ेगी. उन्होंने यह भी कहा था कि भाजपा ने उनकी सभी चिंताओं का समाधान कर दिया है. रामविलास पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी 2020 में उनके निधन के बाद दो हिस्सों में बंट गई. उनके भाई पारस राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) और उनके बेटे चिराग पासवान लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का नेतृत्व करते हैं. दोनों भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा हैं.

रालोजपा भाजपा की ‘ईमानदार सहयोगी’ है- पारस

पारस ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में सीटों के बंटवारे पर उनकी पार्टी को ‘उचित प्राथमिकता’ नहीं देने पर भाजपा से निराशा जताई और कहा कि भाजपा नेतृत्व को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि रालोजपा भाजपा की ‘ईमानदार सहयोगी’ रही है और इसके नेतृत्व को यह ध्यान में रखते हुए फैसला लेना चाहिए कि राज्य में उनकी पार्टी के पांच सांसद हैं. पारस ने कहा कि उनकी पार्टी ने भाजपा के साथ अपनी दोस्ती अब तक निभाई है.

यह भी पढ़ें :-  Exclusive : पहले राज ठाकरे से गठबंधन क्यों नहीं चाहती थी BJP, अब क्या बदला? देवेंद्र फडणवीस ने बताई वजह

न्याय नहीं हुआ तो अगला कदम उठाएंगे

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हमारी पार्टी के साथ न्याय नहीं हुआ है. हम भाजपा द्वारा उम्मीदवारों की आधिकारिक घोषणा का इंतजार करेंगे और फिर निर्णय लेंगे.’ उन्होंने कहा, ”आज हमारे संसदीय बोर्ड के सदस्यों की बैठक हुई. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, राजग ने बिहार में सीट बंटवारे में हमारी पार्टी को उचित तरजीह नहीं दी है. इस वजह से हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं में काफी निराशा है.’

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से बिहार में सीट बंटवारे के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, ‘अगर हमें उचित सम्मान नहीं दिया जाता है, तो हम कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं. हमारे दरवाजे खुले हैं. मुझे आज बस इतना ही कहना है.’ उन्होंने कहा, ‘हमारी पार्टी संतों का समूह नहीं है. लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता सर्वोपरि है.’

बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नीत गठबंधन में शामिल होने की योजना के सवाल पर रालोजपा प्रमुख ने कहा कि उन्होंने अभी तक उनसे बात नहीं की है. उन्होंने कहा, ‘हम बिहार में राजग उम्मीदवारों की आधिकारिक घोषणा का इंतजार करेंगे और फिर निर्णय लेंगे.’

एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि वह हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे और उनके सांसद भी उन सीटों से चुनाव लड़ेंगे, जहां से वे 2019 के लोकसभा चुनावों में चुने गए थे.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

यह भी पढ़ें :-  Niwai Election Results 2023: जानें, निवाई (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र को
Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button