दिल्ली में लोगों की फूल रही सांसें, काली धुंध से आंखों में जलन; गाजियाबाद-नोएडा का भी बुरा हाल
नई दिल्ली:
दिल्ली-एनसीआर (Delhi Pollution)में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत खराब कैटेगरी में पहुंच गया है. नवंबर की शुरुआत में हवा ने लोगों की सांस फुलाना शुरू कर दिया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, 3 नवंबर को सुबह 6 बजे दिल्ली का AQI (Delhi Air Quality Index) स्तर कई स्थानों पर 400 को पार कर गया, जिसे “बहुत खराब” श्रेणी वाला माना जाता है. दिल्ली में पीएम 10 का स्तर 326 और पीएम 2.5 का स्तर 176 दर्ज किया गया. स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस तरह के प्रदूषण (Air Pollution) के स्तर को सेहत के लिए काफी गंभीर मानते हैं. स्थिति यह है कि राजधानी में प्राइमरी स्कूलों को बंद करना पड़ा है. गैर-जरूरी निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
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शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तरफ से स्वस्थ मानी जाने वाली सीमा से लगभग 100 गुना तक पहुंच गया है.
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दिल्ली के साथ एनसीआर के भी कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता चिंताजनक बनी हुई है. सेक्टर 62, नोएडा में AQI 483 ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया, जबकि गाजियाबाद में AQI 444 ‘खराब’ श्रेणी में था.
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दिल्ली के नरेला में हवा की गुणवत्ता यानी AQI 488, मुंडका में 498, बवाना में 496 और पंजाबी बाग में 484, आनंद विहार में 483, वजीरपुर में 482 और न्यू मोतीबाग में 474 तक दर्ज किया गया है. यही हाल कुछ NCR में आने वाले शहर का है. ग्रेटर नोएडा में AQI का स्तर 473, फरीदाबाद में AQI का स्तर 442 और नोएडा में AQI का स्तर 428 दर्ज किया गया है.
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राजधानी दिल्ली में अगले कुछ हफ्तों तक राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. दिल्ली के लिए एयर क्वालिटी अर्ली वॉर्निंग सिस्टम (EWS) ने बुलेटिन में बताया है कि 4 नवंबर तक और उसके बाद के छह दिनों में भी एयर क्वालिटी ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में रहने की संभावना है.
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दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सचिवालय में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. पर्यावरण मंत्री ने कहा एक नवंबर से अगले 15 से 20 दिन महत्वपूर्ण हैं. वैज्ञानिक कह रहे हैं कि तापमान गिर रहा है और हवा की गति कम हो गई है, इसलिए प्रदूषण के बढ़ने के खतरा हो सकता है.
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आंकड़ों के मुताबिक, गुरुवार को दिल्ली की हवा में PM2.5 बढ़ाने में पराली की हिस्सेदारी 25% थी. ये शुक्रवार को बढ़कर 35% के पार हो गई. इससे साफ पता चलता है कि पराली जलने से दिल्ली की हवा खराब हो रही है.
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प्रदूषण के चलते बच्चों में सर्दी, जुकाम, थकावट, चिड़चिड़ापन, अनिद्रा, सांस लेने में परेशानी, आंखों में लाली, आंखों और चेहरे पर सूजन जैसी शिकायतें काफी बढ़ गई है. इसको लेकर शिक्षक संगठनों ने दिल्ली सरकार से स्कूलों का समय बदलने की मांग की है.
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वायु प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क में आने से आपको फेफड़ों के कैंसर, दिल के दौरे, स्ट्रोक जैसी जानलेवा समस्याएं भी हो सकती हैं. जिन लोगों को पहले से ही फेफड़ों से संबंधित कोई समस्या है उन्हें प्रदूषण से विशेष रूप से बचाव के उपाय करते रहना चाहिए.
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मौसम विभाग का मानना है कि आगामी सप्ताह तक मामूली उतार चढ़ाव के साथ तापमान ऐसा ही बना रहेगा. अगले एक सप्ताह तक बारिश की कोई उम्मीद नहीं है. सुबह शाम और शाम की ठंड रहेगी. 5 नवंबर के बाद तापमान में गिरावट हो सकती है.
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सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल पैनल ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए गुरुवार को ग्रेडेड एक्शन रिस्पॉन्स प्लान (GARP-3) को लागू कर दिया है. इसके तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में गैर-आवश्यक निर्माण गतिविधि पर प्रतिबंध रहेगा. गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम इसमें शामिल हैं. शहर में डीजल ट्रकों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है.