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'महाराष्ट्र के लोगों के साथ धोखा हुआ…', वोटर्स-डे के मौके पर कांग्रेस का चुनाव आयोग पर हमला


मुंबई:

कांग्रेस ने शनिवार को राष्ट्रीय मतदाता दिवस (National Voters Day) पर निर्वाचन आयोग (EC) की स्वतंत्रता पर सवाल उठाते हुए, बड़ा हमला बोला है.कांग्रेस ने दावा किया कि आज जिस तरह से आयोग काम कर रहा है वह संविधान का मजाक एवं मतदाताओं का अपमान है.उन्होंने पिछले एक दशक में छेड़छाड़ किये जाने का भी दावा किया है. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हान ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा है कि चुनाव आयोग निष्पक्षता के साथ काम नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा है कि आज नेशनल वोटर्स डे है, मगर चुनाव आयोग पारदर्शिता के साथ काम नहीं कर रहा है.

पूर्व सीएम ने उठाए सवाल

पूर्व सीएम ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा है कि चुनाव आयोग की स्याही अब मजाक बन गई है. महाराष्ट्र में जनसंख्या से ज्यादा वोटर्स हैं, आयोग पर इसे ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यहां कई ऐसे वोटर्स हैं, जो बाहरी हैं. वे महाराष्ट्र के नहीं हैं. 

कांग्रेस की लड़ाई जारी रहेगी

पूर्व सीएम ने कहा कि हम लोकतंत्र बचाने के लिए चुनाव आयोग से अपनी लड़ाई जारी रखेंगे. उन्होंने कहा है कि ईवीएम को लेकर अभी भी संशय है, इसकी पारदर्शिता पर सवाल है. उन्होंने कहा है कि पार्टी इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और इसे कई स्तरों पर उठाएगी. उन्होंने कहा है कि हम कोर्ट में जाएंगे, जनता के बीच जाएंगे और ईवीएम पर सवाल उठाएंगे.

पृथ्वीराज ने सीएम को भी घेरा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, मुख्यमंत्री दावोस इन्वेस्टमेंट ट्रिप पर गए थे. यह अच्छी बात है, बधाई, लेकिन पहले का अनुभव क्या रहा? जब एकनाथ शिंदे गए थे, तब क्या हुआ? पिछली सरकार ने जो MOU साइन किए थे, उनकी आज क्या स्थिति है? क्या लोगों को नौकरी मिली? क्या इमारतें बन रही हैं? 16 लाख करोड़ के MOU हुए थे, उनमें से कितनी कंपनियां महाराष्ट्र की हैं? अगर महाराष्ट्र की कंपनियों से समझौता करना था, तो इसके लिए दावोस जाने की क्या जरूरत थी? इसे यहीं किया जा सकता था.

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उन्होंने कहा, मैं भी दावोस गया था, महाराष्ट्र का मार्केटिंग और प्रचार करने के लिए. इसमें कोई बुराई नहीं है. लेकिन महाराष्ट्र अब प्राथमिक औद्योगिकीकरण वाला राज्य नहीं रहा. महाराष्ट्र में उद्योग क्यों नहीं आ रहे? कितने उद्योग यहां से जा चुके हैं? यह एक बड़ा सवाल है. 

प्रवीण चक्रवर्ती ने भी चुनाव आयोग को घेरा

कांग्रेस के डेटा एनालिसिस विभाग के प्रमुख प्रवीण चक्रवर्ती ने चुनाव आयोग को घेरते हुए कहा है कि आज भारत के चुनाव आयोग का 75वां स्थापना दिवस है. मेरी राय में महाराष्ट्र के लोग चुनाव आयोग को इस दिन की बधाई नहीं देंगे. महाराष्ट्र के लोगों के साथ धोखा हुआ है, और चुनाव को चोरी कर लिया गया. महाराष्ट्र में आज की सरकार निष्पक्ष चुनावों के जरिए बनी हुई सरकार नहीं है.

मतदाता सूची में हेरफेर

प्रवीण चक्रवर्ती ने कहा है कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर हेरफेर किया गया है. चुनावों से पहले मतदाता सूची में संदिग्ध तरीके से नए नाम जोड़े गए और ऐसा लग रहा है कि इन सभी नए मतदाताओं ने एक ही गठबंधन, महायुति, को वोट दिया, जिससे उन्हें जीत हासिल हुई.

सवाल नंबर 1- लोकसभा चुनाव के बाद सिर्फ 6 महीने में 48 लाख नए मतदाताओं को जोड़ा गया, जबकि पिछले 5 सालों में केवल 32 लाख मतदाता जोड़े गए थे. क्या यह तर्कसंगत है?

सवाल नंबर 2- क्या आपने कभी सुना है कि किसी राज्य में मतदाताओं की संख्या उसकी आबादी से अधिक हो? क्या हमें इस मुद्दे को नहीं उठाना चाहिए?

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सवाल नंबर 3- सभी नए मतदाताओं ने चमत्कारी रूप से महायुति को वोट दिया. लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच, महायुति को 72 लाख अतिरिक्त वोट मिले. वहीं 24 लाख वोट एमवीए से घटे. 72 – 24 = 48. यानी 48 लाख नए वोटरों ने चुनाव में हिस्सा लिया. यह क्या संयोग है, या फिर इसमें कोई सरकारी हस्तक्षेप है? ये 48 लाख नए वोटर कौन हैं? क्या ये लोग असली हैं या फिर डुप्लीकेट नाम हैं?


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