देश

"लोगों का भरोसा उठ जाएगा": बंगाल शिक्षक नियुक्ति मामले में CJI की बड़ी टिप्पणी

हाई कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए, बंगाल सरकार के वकील नीरज किशन कौल ने पूछा,” क्या इस तरह के आदेश को बरकरार रखा जा सकता है. उन्होंने कहा, “यह सीबीआई का भी मामला नहीं है कि 25,000 नियुक्तियां अवैध हैं. टीचर-चाइल्ड रेश्यो सब कुछ गड़बड़ा गया है.”

स्कूल सेवा आयोग की तरफ से पेश सीनियर वकील जयदीप गुप्ता ने तर्क दिया कि हाई कोर्ट की बेंच के पास नौकरियां रद्द करने का अधिकार क्षेत्र नहीं है और उसके आदेश इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के विपरीत हैं. जब सीजेआई ने पूछा कि क्या ओएमआर शीट और आंसर शीट की स्कैन की गई कॉपियां नष्ट कर दी गई हैं, तो उन्होंने पॉजिटिव जवाब दिया. इस दौरान सीजेआई ने पूछा कि “इतने संवेदनशील मामले” के लिए टेंडर क्यों जारी नहीं किया गया. 

स्कूल सेवा आयोग को CJI की फटकार

सीजेआई ने तब पूछा कि इन शीटों की डिजिटल प्रतियां रखना आयोग की ड्यूटी है. इस दौरान स्कूल सेवा आयोग के वकील जयदीप गुप्ता ने जवाब दिया कि यह उस एजेंसी के पास है जिसे काम आउटसोर्स किया गया था. इस पर सीजेआई ने पूछा, “कहां? सीबीआई को यह नहीं मिला. यह आउटसोर्स है, आपके पास नहीं. क्या सुरक्षा प्रोटोकॉल का इससे बड़ा उल्लंघन हो सकता है?. सीजेआई ने कहा कि उनको सिर्फ स्कैनिंग के लिए काम पर रखा गया था, लेकिन आपने उन्हें पूरा डेटा रखने दिया, आप यह नहीं कह सकते कि उन्होंने इसे ले लिया, लोगों के डेटा को रखने के लिए आप जिम्मेदार हैं.”

यह भी पढ़ें :-  पृथ्वी की तरफ आ रहा विशाल एस्टेरॉयड, जिसपर नासा ने रखी है पैनी नजर

सीजेआई ने तब पूछा कि क्या आयोग ने आरटीआई आवेदकों से गलत कहा था कि डेटा उसके पास है. “कोई डेटा (आपके पास) बिल्कुल नहीं है.” इस पर वकील ने जवाब दिया, “ऐसा हो सकता है.” जब उन्होंने पूछा कि क्या हाई कोर्ट के निर्देश निष्पक्ष थे, तो सीजेआई ने जवाब दिया, “लेकिन यह प्रणालीगत धोखाधड़ी है. सार्वजनिक नौकरियां आज बेहद दुर्लभ हैं, और उन्हें सामाजिक गतिशीलता के रूप में देखा जाता है. अगर उनकी नियुक्तियों को भी बदनाम किया जाता है तो सिस्टम में क्या रह जाता है? लोग विश्वास खो देंगे, आप इसे कैसे स्वीकार करेंगे?”

SC में स्कूल सेवा आयोग के वकील की दलील

आयोग की तरफ से पेश सीनियर वकील संजय हेगड़े ने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले में आयोग की ओर से अनियमितताओं के बारे में कुछ भी नहीं है. “अगर हम बीच में एक पीढ़ी खो देते हैं, तो हम भविष्य के लिए सीनियर हेडमास्टरों और परीक्षकों को खो देंगे. यह ध्यान में रखें कि उनमें से कई को कोई नोटिस नहीं मिला. उन्होंने कहा कि जब सिरदर्द होता है, तो आप अपना पूरा सिर नहीं छोड़ते हैं. सीजेआई ने कहा कि वह लंच के लिए पीठ के उठने से पहले इस पर विचार करेंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में सीबीआई को बंगाल सरकार के अधिकारियों की जांच करने को कहा गया था. इसने 25,000 से अधिक शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को रद्द करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने यह भी पूछा था कि क्या मौजूदा सामग्री के आधार पर वैध और अवैध नियुक्तियों को अलग करना संभव है.राज्य सरकार ने तर्क दिया कि हाई कोर्ट ने नियुक्तियों को “मनमाने ढंग से” रद्द कर दिया. 

यह भी पढ़ें :-  न्यायिक अधिकारियों के संशोधित वेतन और पेंशन के पेमेंट के मामले में सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख

ये भी पढ़ें-Video : दोनों हाथ नहीं तो पैर से युवक ने दिया अपना वोट, पेश की जागरूकता की मिसाल

ये भी पढ़ें-LIVE: तीसरे चरण में 11 बजे तक 25.4 फीसदी वोटिंग, महाराष्ट्र में हैरान कर रहा वोटरों का पैटर्न | 10 बड़ी बातें

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button