PICS : रिकॉर्डतोड़ गर्मी के बीच दिल्ली में भीषण जल संकट, देखिए पानी के लिए कैसे जूझ रहे हैं लोग

शीर्ष अदालत ने बुधवार को कहा कि दिल्ली में लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं, पानी की बर्बादी और टैंकर माफिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आप सरकार की आलोचना की और जानना चाहा कि बार-बार होने वाली समस्या को कम करने के लिए उसने क्या कदम उठाए हैं.
एक अनुमान के मुताबिक, दिल्ली को प्रतिदिन 1,300 मिलियन गैलन पानी की जरूरत होती है, जिसमें से दिल्ली जल बोर्ड केवल अनुमानित 1,000 एमजीडी का उत्पादन ही करता है.

दिल्लीवासी गर्मी और जल संकट की दोहरी मार झेल रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को राष्ट्रीय राजधानी के लिए 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्देश दिया है. साथ ही हरियाणा को इसके प्रवाह को सुविधाजनक बनाने के लिए कहा है.

जल मंत्री आतिशी ने शुक्रवार को कहा था कि दिल्ली में जल का प्रोडक्शन लगातार कम हो रहा है, क्योंकि यहां पर यमुना नदी में कम पानी पहुंच रहा है.

आंकड़े साझा करते हुए दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा कि 6 जून को प्रोडक्शन 1,002 मिलियन गैलन प्रति दिन (एमजीडी) था और अगले दिन घटकर 993 एमजीडी और 8 जून को 990 एमजीडी हो गया.

आतिशी ने बताया कि 9 जून को प्रोडक्शन घटकर 978 एमजीडी और अगले दिन 958 एमजीडी था. मंत्री ने बताया कि 1, 12 और 13 जून को प्रोडक्शन क्रमशः 919 एमजीडी, 951 एमजीडी और 939 एमजीडी था.

साथ ही उन्होंने बताया कि 1005 एमजीडी पानी के प्रोडक्शन की बजाय दिल्ली में 14 जून को केवल 932 एमजीडी पानी का प्रोडक्शन हुआ है. यानी दिल्ली में 70 एमजीडी से ज्यादा पानी की कमी है. यही वजह है कि दिल्ली के कई इलाकों में पानी की ज्यादा किल्लत हो गई है. इसे दूर करने के लिए कई स्थानों पर इमरजेंसी बोरवेल किए गए हैं और टैंकरों की मदद भी ली जा रही है.
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