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बजट पर राहुल गांधी के भाषण पर बरसे पीयूष गोयल, टैक्स से लेकर MSP तक याद दिला दी हर बात

संसद में बजट को लेकर राहुल गांधी ने सरकार को जमकर घेरा था. अब केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पूर्व यूपीए सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि UPA के काल में राजकोषीय घाटा अधिक था और साथ ही विकास भी कम हुआ. इसी के साथ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान महंगाई बहुत ज़्यादा थी. यूपीए सरकार 2014 में एक कमज़ोर अर्थव्यवस्था छोड़कर गई थी. यूपीए के समय में राजकोषीय घाटा बहुत ज़्यादा था, महंगाई बहुत ज़्यादा थी, विकास दर कम थी.

यूपीए के कार्यकाल में बड़े-बड़े घोटाले हुए

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने साथ ही कहा कि यूपीए के 10 साल का शासन एक असफल मॉडल है. यूपीए सरकार के दौरान क्रोनी कैपिटलिज्म अपने सबसे बुरे दौर में था, बड़े-बड़े भ्रष्टाचार के घोटाले हुए. पी चिदंबरम ने यूपीए सरकार की विफलताओं को यह कहकर उचित ठहराने की कोशिश की कि वैश्विक अर्थव्यवस्था भी धीमी गति से बढ़ रही थी. लेकिन असल में यूपीए सरकार के दौरान अर्थव्यवस्था निराशा की स्थिति में थी, अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां ​​भारत को डाउनग्रेड करने के बारे में सोच रही थीं.

राहुल के बजट भाषण पर बरसे पीयूष गोयल

देश 2014 में शीर्ष 5 कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में से आज शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाओं में आ गया है. हम आज 10वें स्थान से 5वें स्थान पर आ गए हैं. अगले 3 वर्षों में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी. बजट पर लोकसभा में राहुल गांधी के भाषण पर पीयूष गोयल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका भाषण संवैधानिक अधिकारियों पर आक्षेप लगाने के बारे में था. राहुल गांधी ने तर्कहीन दावे और मांगें कीं. राहुल गांधी ने झूठ बोला. उन्होंने ऐसे दावे किए जो निराधार थे. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं राहुल गांधी का बजट का हलवा वाले बयान की निंदा करता हूं, राहुल गांधी का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है. इस तरह राहुल गांधी बार-बार भारत की विरासत का अपमान करते हैं.

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राहुल के बजट भाषण को केंद्रीय मंत्री ने बताया बचकाना

उन्होंने 140 करोड़ भारतीयों के संकल्प को कमजोर किया है, बजट पर राहुल गांधी का भाषण बचकाना और फर्जी था. मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि क्या वे भ्रष्टाचार का समर्थन करते हैं. राहुल गांधी टैक्स आतंकवाद की बात करते हैं, लेकिन यह कांग्रेस ही थी जिसने इसमें बदलाव किए. कांग्रेस ने संसद में दिए गए जवाब में एमएसपी के विचार को खारिज कर दिया था. कांग्रेस ने लागत+50% पर एमएसपी पर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को क्यों लागू नहीं किया.

एससी, एसटी और ओबीसी की कांग्रेस को चिंता नहीं

आज जो अधिकारी सर्वोच्च पद पर हैं उनकी भर्ती भी कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई थी. कांग्रेस पार्टी ने कभी भी इस विषय पर कोई बात नहीं कि आज यूपीएससी सिविल सर्विस की परीक्षा 22 भाषाओं में होती है. एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय की कांग्रेस ने कभी चिंता नहीं की. राहुल गांधी शायद भूल गए हैं कि इंदिरा गांधी ने 1973 में वन रैंक वन पेंशन को खत्म किया था. 140 करोड़ भारतीय आज भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.



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