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PM मोदी से माफी मांगिए… : भारत के साथ तनाव के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से बोले विपक्षी नेता 

मालदीव जम्हूरी पार्टी (जेपी) के नेता कासिम इब्राहिम ने कहा, “पड़ोसी देश के बारे में हमें इस तरह से बात नहीं करनी चाहिए, जो दोनों देशों के रिश्ते को प्रभावित करती है. मैं राष्ट्रपति मुइज्जू से औपचारिक रूप से माफी मांगने के लिए कहता हूं.”

मालदीव के स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, देश की मुख्य विपक्षी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव दायर करने की तैयारी में है. MDP के सांसद ने स्थानीय मीडिया से चर्चा करते हुए कहा ‘हमने और डेमोक्रेटस ने मिलकर महाभियोग प्रस्ताव को लेकर तय संख्या में साइन कर दिए हैं. इसे जल्द ही संसद में जमा किया जाएगा.’

कुछ दिनों पहले कई विपक्षी नेताओं ने एक साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया था. विपक्षी नेताओं ने कहा,”देश की सरकारों को मालदीव के लोगों के लाभ के लिए सभी विकास भागीदारों के साथ काम करना चाहिए. अब तक मालदीव पारंपरिक रूप से यही करता आया है. हिंद महासागर में स्थिरता और सुरक्षा मालदीव की स्थिरता और सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.”

कैसे बढ़ा भारत और मालदीव के बीच तनाव?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप की यात्रा के दौरान इसे मालदीव के जैसा बताया था. पीएम मोदी ने इस आईलैंड की तारीफ करते हुए भारतीय पर्यटकों से लक्षद्वीप घूमने की अपील की थी. इस ट्वीट के बाद से ही मालदीव में बवाल मच गया. वहां के मंत्रियों ने पीएम मोदी के ट्वीट पर उनका विरोध किया. इसके बाद भारतीयों ने सोशल मीडिया पर मालदीव के बायकॉट का हैशटेग चला दिया. हालांकि, मोदी का विरोध करने पर इन मंत्रियों को पद से हटा दिया गया था.

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15 नवंबर 2023 को राष्ट्रपति बने मुइज्जू

15 नवंबर 2023 को मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव के नए राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी. इसके बाद से भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास आई है. 14 जनवरी को मालदीव में हुई कोर कमेटी की बैठक में मुइज्जू सरकार ने वहां मौजूद 88 भारतीय सैनिकों को हटाने के लिए 15 मार्च तक का समय दिया.

मालदीव हमेशा से भारत का दोस्त रहा. लेकिन हाल ही में वहां राष्ट्रपति बने मोहम्मद मुइज्जू की नीतियों की वजह से भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास आ गई है. मोइज्जू हमेशा से खुले तौर पर भारत के विरोध में नजर आए हैं. उन्होंने चुनाव के दौरान भी ‘इंडिया आउट’ का नारा दिया था. राष्ट्रपति मुइज्जू का झुकाव चीन की ओर ज्यादा रहा है. 

विपक्ष का रवैया मुइज्जू के लिए चिंता की बात

मुइज्‍जू के साथ प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव और उनकी अपनी पीपुल्‍स नेशनल कांग्रेस शामिल है. पिछले साल नियमों में बदलाव करके संसद को यह अधिकार दिया गया था कि सबसे बड़ी पार्टी एमडीपी बिना अल्‍पसंख्‍यक पार्टियों के समर्थन के मुइज्‍जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्‍ताव ला सकती है. मुइज्‍जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्‍ताव के लिए 54 वोटों की जरूरत है. जबकि व‍िपक्षी एमडीपी के पास 56 सांसद हैं.

मालदीव के संविधान में नए संशोधन के तहत अ‍ब महाभ‍ियोग के लिए समित‍ि के अंदर जरूरी सदस्‍यों की संख्‍या 7 कर दी गई है. अब यह भी जरूरी नहीं है कि सभी दलों के सदस्‍य इस समिति के हिस्‍सा हों. 

मुइज्जू ने इसी महीने किया चीन का दौरा

जनवरी में राष्ट्रपति मुइज्जू ने चीन का राजकीय दौरा किया था. यह उनका पहला राजकीय दौरा था, जबकि आमतौर पर मालदीव के राष्ट्रपति पहला राजकीय दौरा भारत का करते हैं. चीन से लौटने के बाद मुइज्जू ने उसकी तारीफ की थी. उन्होंने कहा था- ‘चीन हमारे आंतरिक मसलों में दखल नहीं देता. उन्होंने यह भी कहा था कि हमारा देश छोटा है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं की किसी को हमें धमकाने का लाइसेंस मिल गया है.’

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