देश

PM मोदी के स्वच्छ भारत मिशन का असर, शिशु मृत्यु दर में प्रति वर्ष 60-70 हजार की आई कमी


नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर देश में स्वच्छता अभियान की शुरुआत की थी. जिसका लक्ष्य भारत को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) बनाना है. हाल ही में इस मिशन पर एक अध्ययन किया गया. जिसमें पाया गया है कि स्वच्छ भारत मिशन की मदद से शिशु मृत्यु दर में कमी आई है. अध्ययन के मुताबिक इस मिशन के तहत निर्मित शौचालयों से शिशु मृत्यु दर में हर साल लगभग 60,000-70,000 की कमी आई है. अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान, अमेरिका के शोधकर्ताओं सहित एक टीम ने 20 वर्षों के दौरान 35 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और 600 से अधिक जिलों में किए गए राष्ट्रीय स्तरीय सर्वेक्षणों के आंकड़ों का अध्ययन किया.

इस मिशन से हासिल की गई बड़ी उपलब्धियां

  • साल 2014 में स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) के क्रियान्वयन के बाद पूरे भारत में शौचालय निर्माण में तेजी से वृद्धि हुई है.
  • इस मिशन के तहत साल 2019 तक 100 मिलियन (10 करोड़) से अधिक घरेलू शौचालयों का निर्माण किया है.
  • 6 लाख से अधिक गांवों को ODF घोषित किया.
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2014 की तुलना में 2019 में डायरिया से 300,000 कम मौतें हुईं है.
  • इस मिशन से लोगों को आर्थिक लाभ भी हो रहा है.
  • खुले में शौच से मुक्त गांवों में रहने वाले परिवारों को स्वास्थ्य पर आने वाले खर्चे पर हर साल औसतन 50,000 रुपये की बचत हो रही है.
  • स्वच्छता सुविधाओं के कारण 93% महिलाएं घर पर सुरक्षित महसूस करती हैं.
  • मिशन के मौजूदा चरण को 1.40 लाख करोड़ रुपये के निवेश से समर्थन मिला है. 
यह भी पढ़ें :-  BJP ने MP और छत्तीसगढ़ में जीत का PM मोदी को दिया श्रेय, कांग्रेस ने कहा- 'स्वीकार करते हैं जनादेश'

‘साइंटिफिक रिपोर्ट्स’ नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में स्वच्छ भारत मिशन के तहत निर्मित शौचालय की उपलब्धता और 2000 से 2020 तक पांच वर्ष से कम आयु के शिशुओं और बच्चों की मृत्यु में कमी के बीच संबंधों की जांच की गई.

शिशुओं की मृत्यु दर में 0.9 अंकों की कमी

परिणामों से पता चला कि जिला स्तर पर शौचालय तक पहुंच में औसतन 10 प्रतिशत अंकों का सुधार होने से शिशुओं की मृत्यु दर में 0.9 अंकों की कमी आई तथा पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर में 1.1 अंकों की कमी आई. अध्ययन के लेखकों ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से, भारत में शौचालय तक पहुंच और बच्चों की मृत्यु दर में संबंध रहा है.

Add image caption here

उन्होंने पाया कि किसी जिले में शौचालय तक पहुंच में 30 प्रतिशत या उससे अधिक की वृद्धि से शिशु और बच्चों की मृत्यु में पर्याप्त कमी आई. लेखकों ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने शौचालयों से शिशु मृत्यु दर में प्रति वर्ष 60-70 हजार की कमी आई है.

Latest and Breaking News on NDTV

ये निष्कर्ष वैश्विक और दक्षिण एशियाई संदर्भों से प्राप्त साक्ष्यों के अनुरूप हैं, जिसमें सर्वेक्षणों के माध्यम से एकत्रित जनसंख्या-स्तर के आंकड़ों का विश्लेषण करने वाले कई अध्ययनों से संकेत मिलता है कि बेहतर स्वच्छता से शिशु मृत्यु दर में संभावित रूप से 5-30 प्रतिशत की कमी आ सकती है.

स्वच्छ भारत मिशन खुले में शौच की कुप्रथा को खत्म करने और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार लाने के लिए दो अक्टूबर 2014 को केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया एक देशव्यापी अभियान है.

पीएम मोदी ने जताई खुशी

प्रधानमंत्री ने ब्रिटेन की साप्ताहिक विज्ञान पत्रिका ‘नेचर’ में प्रकाशित ‘‘स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण और भारत में शिशु मृत्यु दर” विषय पर एक शोधपत्र का लिंक साझा कर खुशी जताई. उन्होंने कहा शौचालयों तक पहुंच शिशु एवं बाल मृत्युदर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. प्रधानमंत्री ने साथ ही स्वच्छ भारत मिशन जैसे प्रयासों के प्रभाव पर प्रकाश डालने वाला एक शोध भी साझा किया.

यह भी पढ़ें :-  PM Modi In Maharashtra: महाराष्ट्र में PM मोदी का धुआंधार प्रचार, 6 चुनावी रैलियों को करेंगे संबोधित

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि बेहतर साफ सफाई भारत में जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तनकारी कदम साबित हुई है. पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘स्वच्छ भारत मिशन जैसे प्रयासों के प्रभाव को दर्शाने वाले शोध को देखकर खुशी हुई.

संपूर्ण स्वच्छता का लक्ष्य

ओडीएफ का दर्जा हासिल करने के बाद, स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण ( एसबीएम-जी चरण II) को लॉन्च किया गया. जिसका उद्देश संपूर्ण स्वच्छता प्राप्त करने का है और इस लक्ष्य को साल 2025 तक हासिल करना है. ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के स्तर में और सुधार लाना और गांवों को ODF प्लस बनाना. इसे ODF स्थिरता, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, तरल अपशिष्ट प्रबंधन और दृश्य स्वच्छता के जरिए हासिल किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें-  केजरीवाल की जमानत का विरोधः CBI की सुप्रीम कोर्ट में 10 सबसे बड़ी दलीलें क्या हैं?


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button