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पीएम मोदी ने खींचा 'विकसित भारत-2047' का खाका, बताया किस संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं


नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने ‘विकसित भारत-2047’ का खाका खींचा. स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी का यह लगातार 11वां भाषण है.इससे पहले उन्होंने अपनी सरकार की कई योजनाओं की घोषणाएं लाल किले से ही की थी. लेकिन आज के भाषण में उनका विकसित भारत का रास्ता बताया. उन्होंने इस दिशा में अपनी सरकार में उठाए हए कमदों का जिक्र किया.उन्होंने कहा कि मेरा भारत महान बने इसके लिए हमारा एक ही संकल्प है ‘नेशन फर्स्ट’, इसी संकल्प को लेकर हम कदम उठा रहे हैं.

विकसित भारत की चुनौतियां

भारत को 2047 तक विकसित भारत बनाने का सपना दिखाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब 40 करोड़ देशवासियों ने दुनिया की महासत्ता को उखाड़ फेंक दिया और गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया. हमारे पूर्वजों का खून हमारी रगों में है. आज हम 140 करोड़ हैं. अगर 40 करोड़ गुलामी की बेड़ियों को तोड़ सकते हैं और आजादी का सपना पूरा कर सकते हैं, तो 140 करोड़ देशवासियों के संकल्प, एक दिशा, और कदम से कदम मिलाकर हर चुनौती को पार कर हम समृद्ध भारत बना सकते हैं. हम 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं. 

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके लिए ‘विकसित भारत-2047’ सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं.इसके पीछे कठोर परिश्रम चल रहा है,देश के कोटि-कोटि जनों के सुझाव लिए जा रहे हैं.मुझे प्रसन्नता है कि मेरे देश के करोड़ों नागरिकों ने ‘विकसित भारत-2047’ के लिए अनगिनत सुझाव दिए हैं.मेरे देश के सामान्य नागरिकों ने हमें अमूल्य सुझाव दिए हैं.

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सरकार ने कौन कौन से कदम उठाए हैं

लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री ने विकसित भारत का सपना दिखाते हुए इस दिशा में उठाए गए कदमों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हमने बड़े रिफॉर्म्स जमीन पर उतारे हैं.गरीब हो,मध्यम वर्ग हो,वंचित हो,हमारे नौजवानों के संकल्प और सपने हों या हमारी बढ़ती हुई शहरी आबादी हो,इन सभी के जीवन में बदलाव लाने के लिए हमने रिफॉर्म का रास्ता चुना है.
उन्होंने कहा कि रिफार्म का हमारा मार्ग आज ग्रोथ का ब्लूप्रिंट बना हुआ है.

उन्होंने कहा,”हमें एक बड़ा दायित्व सौंपा गया और हमने जमीनी स्तर पर प्रमुख सुधार किए. मैं देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारे सुधारों की प्रतिबद्धता केवल कागजों तक सीमित नहीं है. हमारी सुधार प्रक्रिया किसी प्रशंसा के लिए नहीं है,बल्कि देश को मजबूत करने के लिए है. यही कारण है कि मैं कह सकता हूं कि हमारे सुधारों का मार्ग विकास की एक योजना है. यह सुधार, यह विकास और यह परिवर्तन केवल बहस क्लबों, बौद्धिक समाजों और विशेषज्ञों के लिए नहीं है. हमने यह राजनीतिक मजबूरियों के लिए नहीं किया. हमारे पास केवल एक संकल्प है.उन्होंने कहा कि हमने देश के 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाई है, तीन करोड़ परिवारों के घर में नल से जल पहुंचाया है और देश के हर परिवार में स्वच्छता का वातावरण बनाया है.यह भारत में आई हुई नई चेतना का प्रतिबिंब है .

उन्होंने कहा कि हमने ‘वोकल फार लोकल’ का मंत्र दिया. आज, मुझे खुशी है कि ‘वोकल फार लोकल’ अब आर्थिक व्यवस्था के लिए नया मंत्र बन चुका है. हर जिले ने अपनी उत्पादों पर गर्व करना शुरू कर दिया है. ‘वन डिस्ट्रिक, वन प्रोडक्ट’ का माहौल बन चुका है. 

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