देश

पीएम मोदी ने नमो भारत कॉरिडोर के नए फेज का किया उद्घाटन, अब 40 मिनट में दिल्ली से पहुंचें मेरठ


नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली को नमो भारत कॉरिडोर के साथ-साथ कुल 12,200 करोड़ रुपये की योजनाओं की बड़ी सौगात दी है.पीएम मोदी ने रविवार को नमो भारत कॉरिडोर के तहत दिल्ली के न्यू अशोक नगर से यूपी के साहिबाबाद तक के खंड का उद्घाटन किया. इन दोनों स्टेशनों के बीच इस कॉरिडोर का कुल 13 किलोमीटर का स्ट्रेच है. दिल्ली के न्यू अशोक नगर से चलने वाली नमो भारत ट्रेन का परिचालन आज शाम पांच बजे से शुरू होगा. पीएम मोदी ने रविवार को जिन अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन किया है, उसमें जनकपुरी पश्चिम व कृष्णा पार्क के बीच बनकर तैयार हुई मेट्रो का कॉरिडोर भी शामिल है.

नमो भारत कॉरिडोर के इस नए फेज के शुरू होने से अब दिल्ली से मेरठ के बीच क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को एक नाय आयाम मिला है. आपको बता दें कि अभी तक साहिबाबाद और मेरठ के बीच पहले से ही 42 किलोमीटर का मार्ग चालू था. 42 किलोमीटर  के इस रूट पर कुल 9 स्टेशन पड़ते थे. इस नए फेज के शुरू होने से अब ये पूरा रूट कुल 55 किलोमीटर का हो गया है और इसमें कुल स्टेशन की संख्या 9 से बढ़कर 11 हो गई है.

4600 करोड़ की लागत से तैयार हुआ है ये नया फेज 

नमो कॉरिडोर के नए फेज के तहत दिल्ली के न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद के बीच 13 किलोमीटर के इस स्ट्रेच को तैयार करने में कुल 4600 करोड़ रुपये की लागत आई है.बताया जा रहा है कि आगे चलकर इस फेज के तहत न्यू अशोक नगर से सराय काले खां तक नमो भारत कॉरिडोर को बनाए जाने की योजना भी है. 

यह भी पढ़ें :-  अभी भी देर नहीं हुई, इन नतीजों में भी राहुल के लिए छिपी गुड न्यूज क्या है

Latest and Breaking News on NDTV

शाम 5 बजे से यात्रियों के लिए चलेगी

पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन किए जाने के बाद रविवार शाम पांच बजे से नमो भारत यात्रियों के लिए उपलब्ध होगी.ये ट्रेन प्रत्येक 15 मिनट के अंतराल पर चलेगी. इस ट्रेन के चलने से दिल्ली से मेरठ तक यात्रा में लगने वाले समय में एक तिहाई की कमी आएगी. अब यात्री महज 40 से 45 मिनट में दिल्ली से मेरठ पहुंच पाएंगे. 

6 किलोमीटर हिस्सा होगा भूमिगत 

इस नया स्ट्रेच (कॉरिडोर) 6 किलोमीटर भूमिगत है, इसमें आनंद विहार स्टेशन भी शामिल है. ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि जब नमो भारत ट्रेने किसी भूमिगत मार्ग पर चलेगी. आनंद विहार पर बना भूमिगत स्टेशन नमो भारत कॉरिडोर के सबसे बड़े स्टेशन में से एक है. आनंद विहार स्टेशन से मेरठ साउथ स्टेशन तक की दूरी 35 मिनट में तय की जाएगी. 

मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन को दी गई है प्राथमिकता

नमो भारत परियोजना में मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन को प्राथमिकता दी है. इस परियोजना का मकसद यात्रियों के लिए यात्रा को सहज और सुलभ बनाना है. इस परियोजना को पीएम गति शक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत तैयार किया गया है. बताया जाता है कि इस परियोजना के तहत आनंद विहार स्टेशन का निर्माण तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण था. लेकिन नए तकनीक के इस्तेमाल से इसे साकार किया गया है. 

Latest and Breaking News on NDTV

मिलेंगी ये खास सुविधाएं 

नमो भारत परियोजना को यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर ही बनाया गया है. इस परियोजना के तहत यात्रियों के लिए तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है. मसलन, यात्रियों के लिए स्टेशन पर मुफ्त पेयजल और शौचालय की सुविधा होगी. बुजुर्गों और विकलांग यात्रियों के लिए समावेशी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं. सभी स्टेशन पूरी तरह से सीसीटीवी कैमरे की जद में होंगे. हर ट्रेन में एक कोच महिलाओं के लिए आरक्षित रखा गया है. साथ-साथ दूसरे कोच में भी महिलाओं, दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए सीटें आरक्षित रखी गई हैं.

यह भी पढ़ें :-  PM मोदी आज गुरुग्राम दौरे पर, अलग-अलग राज्यों के 1 लाख करोड़ रुपये के 112 नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स का करेंगे उद्घाटन

नमो भारत ट्रेनों के अंदर व्हीलचेयर और स्ट्रेचर के लिए विशेष स्थान उपलब्ध कराए गए हैं. यात्रियों की समस्याओं और उन्हें बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए हर ट्रेन में एक अटेंडेंट उपलब्ध होगा. आपातस्थिति से निपटने के लिए कोच के अंदर और प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर पर एक पैनिक बटन भी दिया गया है. जिसको दबाते ही आपकी मदद के लिए वहां उपलब्ध कर्मचारी तुरंत पहुंच जाएंगे. 

अन्य फेजों पर काम है जारी

नमो भारत ट्रेनों को लेकर अन्य फेजों पर भी काम जारी है. न्यू अशोक नगर से सराय काले खां और मेरठ साउथ से मोदीपुरम में निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. कहा जा रहा है कि दिल्ली-गाजियाबाद और मेरठ नमो भारत कॉरिडोर के काम पूरा होने के बाद ये कॉरिडोर कुल 82 किलोमीटर का हो जाएगा. इस कॉरिडोर पर ट्रेनों के दौड़ने के बाद लोगों को ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी. साथ ही साथ इसका प्रदूषण पर भी पड़ेगा. कहा जा रहा है कि इस कॉरिडोर के पूरी तरह से शुरू होने के बाद सड़कों से एक लाख से ज्यादा निजी वाहनों का बोझ कम हो जाएगा. और इससे कार्बन उत्सर्जन में सालाना दो लाख टन से ज्यादा की कमी आएगी. 


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button