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देश

PM मोदी ने जूनागढ़ की सोनल मां को जन्म शताब्दी पर दी श्रद्धांजलि

उन्होंने कहा, ‘‘मढड़ा धाम, चारण समाज के लिए श्रद्धा का केंद्र है, शक्ति का केंद्र है, संस्कार-परंपरा का केंद्र है. मैं आई के श्री चरणों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराता हूं, उन्हें प्रणाम करता हूं.”

उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात और सौराष्ट्र की ये धरती खास तौर पर महान संतों और विभूतियों की भूमि रही है. कितने ही संत और महान आत्माओं ने इस क्षेत्र में पूरी मानवता के लिए अपना प्रकाश बिखेरा है.”

मोदी ने कहा कि गिरनार भगवान दत्तात्रेय और अनगिनत संतों का स्थान रहा है. 

उन्होंने कहा, ‘‘सौराष्ट्र की इस सनातन संत परंपरा में श्री सोनल मां आधुनिक युग के लिए प्रकाश स्तम्भ की तरह थीं. उनकी आध्यात्मिक ऊर्जा, उनकी मानवीय शिक्षाएँ, उनकी तपस्या, से उनके व्यक्तित्व में एक अद्भुत दैवीय आकर्षण पैदा होता था. उसकी अनुभूति आज भी जूनागढ़ और मढड़ा के सोनल धाम में की जा सकती है.”

उन्होंने कहा, ‘‘सोनल मां का पूरा जीवन जनकल्याण के लिए, देश और धर्म की सेवा के लिए समर्पित रहा. उन्होंने भगत बापू, विनोबा भावे, रविशंकर महाराज, कनभाई लहेरी, कल्याण सेठ जैसे महान लोगों के साथ काम किया.”

मोदी ने कहा कि चारण समाज के विद्वानों के बीच उनका एक विशेष स्थान हुआ करता था और उन्होंने कई युवाओं का मार्गदर्शन कर उनका जीवन बदला. 

कुरीतियों से बचाने के लिए निरंतर किया प्रयास 

समाज के प्रति उनके योगदान को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने समाज में शिक्षा के प्रसार के लिए अद्भुत काम किया. उन्होंने कहा कि सोनल मां ने व्यसन और नशे के अंधकार से समाज को निकालकर नई रोशनी दी तथा समाज को कुरीतियों से बचाने के लिए निरंतर काम करती रहीं.

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चारण साहित्‍य महान परंपरा का प्रमाण : PM मोदी 

मोदी ने कहा कि भागवत पुराण जैसे ग्रन्थों में चारण समाज को सीधे श्रीहरि की संतान कहा गया है. उन्होंने कहा, ‘‘विशाल चारण साहित्य आज भी इस महान परंपरा का प्रमाण है. चाहे देशभक्ति के गीत हों, या आध्यात्मिक उपदेश हों, चारण साहित्य ने सदियों से इसमें अहम भूमिका निभाई है.” उन्होंने कहा कि सोनल मां को पारंपरिक पद्धति से कभी शिक्षा नहीं मिली. लेकिन, संस्कृत भाषा पर भी उनकी अद्भुत पकड़ थी और शास्त्रों का उन्हें गहराई से ज्ञान प्राप्त था.

श्रीराम ज्‍योत प्रज्‍वलित करने का किया आग्रह 

मोदी ने कहा कि यह कल्पना की जा सकती है कि जब अयोध्या में 22 जनवरी को श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम हो रहा है, तो श्री सोनल मां कितनी प्रसन्न होंगी. उन्होंने इस अवसर पर सभी से 22 जनवरी को हर घर में श्रीराम ज्योति प्रज्वलित करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि श्री सोनल मां ने परिश्रम कर आत्मनिर्भर बनने पर जोर दिया था. 

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(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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