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वायरल वीडियो में पूजा खेडकर की मां ने किसानों पर जो पिस्तौल तानी, वो पुलिस ने की जब्‍त


पुणे:

दस्तावेजों में फर्जीवाड़े के आरोपों से घिरी ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर मां मनोरमा खेडकर ने जिस पिस्‍तौल से किसान को धमकाया था, वो पुलिस ने जब्‍त कर ली है. मनोरमा खेडकर का किसानों पर पिस्‍तौल ताने हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई. पुणे पुलिस ने उनके घर से एक पिस्तौल और तीन गोलियां जब्त की हैं, जिसका इस्तेमाल उन्होंने कथित तौर पर महाराष्ट्र के कुछ किसानों को धमकी देने के लिए किया था. मनोरमा खेडकर को इस वायरल वीडियो के सिलसिले में गुरुवार को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले से गिरफ्तार किया गया था, जिसमें वह कथित तौर पर एक भूमि विवाद को लेकर बंदूक लहराते हुए और कुछ ग्रामीणों को धमकी देते हुए दिखाई दे रही हैं.

मनोरमा खेडकर की  एसयूवी भी जब्त 

पुलिस ने वायरल वीडियो में दिख रही एसयूवी को भी जब्त कर लिया है, जिससे लोग काफी गुस्‍से में हैं. मनोरमा खेडकर पर हत्या के प्रयास सहित कई आरोप हैं.  फ़ुटेज में मनोरमा खेडकर एक किसान के साथ तीखी बहस करते हुए दिख रही हैं, जो कथिततौर पर उसके नाम पर ज़मीन के दस्तावेज़ देखने की मांग कर रहा है. जैसे-जैसे तनाव बढ़ता गया, उसने मुठभेड़ की रिकॉर्डिंग कर रहे कैमरे को देखकर तुरंत बंदूक को छुपाने से पहले धमकी भरे अंदाज में बंदूक लहराई. मनोरमा खेडकर को मुसीबत में डालने वाला यह वीडियो उनकी 34 वर्षीय बेटी पूजा खेडकर को लेकर चल रहे विवाद के बीच सामने आया है.

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पूजा खेडकर पर लगे हैं गंभीर आरोप

2023-बैच के प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी ने कुछ हफ्ते पहले तब सुर्खियां बटोरीं, जब पुणे के कलेक्टर सुहास दिवसे ने महाराष्ट्र की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक को पत्र लिखकर कई मांगें उठाईं, जिनकी वह अपनी परिवीक्षा के दौरान हकदार नहीं थीं. दस्तावेजों में फर्जीवाड़े के आरोपों से घिरी ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर ने नाम, माता-पिता का नाम, हस्ताक्षर, ईमेल, मोबाइल नंबर और पता बदलकर अपनी फर्जी पहचान बनाई. यही कारण है कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के खिलाफ कार्रवाई शुरू की कर दी है. पाया गया कि उसने शारीरिक विकलांगता और ओबीसी उम्मीदवारी के लिए छूट का लाभ उठाया था, लेकिन उसके ऐसी छूट के लिए पात्र नहीं होने के आरोप सामने आए. उनका दो साल का प्रशिक्षण अब रोक दिया गया है, और आईएएस में उनके चयन की जांच केंद्र द्वारा गठित एक पैनल द्वारा की जा रही है.

यूपीएससी का कड़ा रुख

यूपीएससी द्वारा यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वह अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने के लिए सभी कर्तव्यों का सख्ती से पालन करता है. यूपीएससी के मुताबिक, वह बिना किसी समझौते के उचित उच्चतम मानदंडों के साथ सभी परीक्षाओं सहित अपनी सभी प्रक्रियाओं का संचालन करता है. यूपीएससी का कहना है कि उसने अत्यंत निष्पक्षता और नियमों के सख्त पालन के साथ अपनी सभी परीक्षा प्रक्रियाओं की पवित्रता और अखंडता सुनिश्चित की है.



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