पुलिस ने एल्विश यादव का फोन फोरेंसिक जांच के लिए भेजा, मोबाइल से अहम डेटा किया था डिलीट
नई दिल्ली:
Elvish Yadav snake venom case: नोएडा पुलिस ने यूट्यूबर एल्विश यादव (Elvish Yadav) और उसके दोस्त ईश्वर और विनय के मोबाइल फोन फोरेंसिक जांच के लिए गाज़ियाबाद भेजे हैं. इन 3 मोबाइल फोन के जरिए पुलिस उस डेटा को रिट्रीव करना चाहती है जो एल्विश यादव और उसके दोस्तों ने डिलीट किया था. एल्विश यादव समेत 8 लोगों के खिलाफ कल नोएडा पुलिस ने कोर्ट में 1200 पेज की चार्जशीट दाखिल की है. चार्जशीट में कई चौंकाने वाली बातें निकलकर सामने आई हैं.
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चार्जशीट में नोएडा पुलिस ने दावा किया है कि एल्विश यादव सांपों और उसके जहर के लिए एक वर्चुअल नंबर का इस्तेमाल करता था. वर्चुअल फोन नंबर को ऑनलाइन फोन नंबर या डिजिटल फोन नंबर के रूप में जाना जाता है. यह फोन नंबर और किसी विशेष डिवाइस या स्थान के बीच के लिंक को तोड़ने की अनुमति देता है. वर्चुअल फोन नंबरों से एक ही नंबर का इस्तेमाल करके इंटरनेट से जुड़े कई उपकरणों पर कॉल ले सकते हैं.
सपेरों से था संपर्क
कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट में बताया गया है कि एल्विश को जब पार्टी आयोजित करनी होती थी और उसे सांपों और जहर की जरूरत होती थी, तो वह अपने साथी विनय को वर्चुअल नंबर से कॉल करता था. विनय इसके बाद अपने करीबी ईश्वर को कॉल करता है. ईश्वर का संपर्क राहुल समेत अन्य सपेरों से था. ईश्वर के कहने पर सपेरे उसके द्वारा बताए गए ठिकाने पर पहुंच जाते थे. इसी आधार पर पुलिस ने सारी कड़ी जोड़ी हैं. विनय के मोबाइल पर एल्विश के वर्चुअल नंबर से कॉल मिली हैं.
एल्विश की गिरफ्तारी के बाद नोएडा पुलिस ने उसके साथी विनय और ईश्वर को भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था, तीनों को बाद में जमानत मिल गई.
नोएडा पुलिस ने ईश्वर के बैंक्वेट हॉल में सांपों का जहर निकालने का जिक्र भी चार्जशीट में किया है. चार्जशीट में 24 गवाहों के बयान शामिल किए गए हैं. चार्जशीट में नोएडा पुलिस की ओर से बताया गया है कि एल्विश का इस मामले में जेल भेजे गए सपेरों से संपर्क था. एल्विश के खिलाफ लगी एनडीपीएस की धाराओं का आधार भी पुलिस ने इसमें बताया है.
एल्विश के खिलाफ पुलिस के पास पर्याप्त सबूत…
डीसीपी नोएडा जोन विद्या सागर मिश्रा ने बताया कि सभी नामजद आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है. पर्याप्त साक्ष्यों को अदालत के सामने पेश किया गया है. इसमें मुंबई स्थित डिपार्टमेंट ऑफ फारेंसिक मेडिसीन ताऊ क्सिकोलाजी के विशेषज्ञ की सलाह भी शामिल की गई है. डीसीपी विद्यासागर मिश्र ने बताया कि देशभर में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत दर्ज केस का नोएडा पुलिस की एक टीम ने अवलोकन किया. एक अन्य टीम ने जयपुर से आई फॉरेंसिक रिपोर्ट का अध्ययन किया. रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई थी, सांपों का, जो जहर सपेरों के पास से मिला था, वह करैत प्रजाति के कोबरा का है.
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