देश

दुनिया के सबसे पुराने 'गणतंत्र' का सियासी रण, क्या वीणा से वैशाली छीन पाएंगे मुन्ना शुक्ला


नई दिल्ली:

इतिहास हमें बताता है कि ईसा से करीब 600 साल दुनिया के पहले गणराज्य वैशाली की स्थापना हुई थी.उस गणराज्य की संसद आज की हमारी संसद से करीब 10 गुना बड़ी थी, जिसमें सात हजार से अधिक जनप्रतिनिधियों के बैठने की व्यवस्था थी. वैशाली से निकला गणराज्य का यह विचार आज पूरी दुनिया में फैल चुकी है. दुनिया को गणराज्य देने वाली वैशाली का वैभव अब नहीं रहा. वैशाली अब भारतीय गणराज्य की एक लोकसभा सीट और बिहार के एक जिले में सिमट कर रह गई है. आइए देखते हैं कि 18वीं लोकसभा के लिए हो रहे चुनावी दंगल में वैशाली कहां खड़ी है और उसके अखाड़े में कौन-कौन ताल ठोक रहा है. 

वैशाली लोकसभा क्षेत्र में इस बार की लड़ाई दो प्रमुख गठबंधनों के बीच है. इंडिया गठबंधन में यह सीट राष्ट्रीय जनता दल के खाते में आई है. वहीं एनडीए में यह सीट चिराग पासवान की लोजपा को मिली है.आरजेडी ने माफिया छवि वाले डॉक्टर विजय कुमार शुक्ला ऊर्फ मुन्ना शुक्ला को टिकट दिया है. लोजपा ने अपनी सांसद वीणा देवी पर एक बार फिर भरोसा जताया है. 



वैशाली का चुनाव मैदान

वैशाली सीट 1977 में अस्तित्व में आई थी. इस सीट से कांग्रेस केवल एक बार ही जीत पाई है. वहीं भाजपा को यहां से कभी जीत नसीब नहीं हुई है.राजद के दिग्गज नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने इस सीट का पांच बार प्रतिनिधित्व किया. वो 1996 से 2009 तक चुनाव जीतते रहे. उन्हें 2014 के चुनाव में लोजपा के रामाकिशोर सिंह ने हराया था. वहीं 2019 के चुनाव में लोजपा ने रामा सिंह का टिकट काटकर वीणा सिंह को दे दिया था. वो चुनाव जीतने में कामयाब रही थी. साल 2024 के चुनाव में लोजपा ने एक बार फिर वीणा सिंह पर ही भरोसा जताया है.  

यह भी पढ़ें :-  महंगाई से राहत! रियायती दरों पर मिलेगा आटा, केंद्र सरकार ने फिर शुरू की 'भारत आटा' की बिक्री

वैशाली में 2014 में रघुवंश प्रसाद सिंह को हराने वाले रामा सिंह उर्फ राम किशोर सिंह चुनाव से पहले राजद में शामिल हो गए थे. वो वैशाली से टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने डॉक्टर विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला को उम्मीदवार बना दिया. इसके बाद रामा सिंह एक बार फिर लोजपा में शामिल हो गए है.अव वो वहां से लोजपा उम्मीदवार वीणा देवी को समर्थन कर रहे हैं. 

वैशाली का चुनावी गणित

वैशाली लोकसभा सीटे में कुल छह विधानसभा सीटें हैं. इनमें से मीनापुर, कांटी,बारुराज, पारो और साहेबगंज विधानसभा सीट मुजफ्फरपुर जिले में आती है. वहीं वैशाली विधानसभा सीट वैशाली जिले में आती है. इसमें मीनापुर और कांटी पर आरजेडी का कब्जा है. वहीं बारुराज, पारो और साहेबगंज सीट बीजेपी के कब्जे में है तो वैशाली सीट उसकी सहयोगी जदयू के पास है.वैशाली से राजद के उम्मीदवार मुन्ना शुक्ला मीनापुर से विधायक हैं.

मुन्ना शुक्ला का घर मुजफ्फरपुर की लालगंज विधानसभा क्षेत्र के खांजहाचक के निवासी हैं. शुक्ला ने नामांकन के समय दिए हलफनामें ने अपने ऊपर 17 मुकदमे दायर होने की जानकारी दी है.इनमें हत्या, हत्या के प्रयास और ठगी जैसे मामले शामिल है. शुक्ला का नाम 1994 में हुई गोपालगंज के जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या में भी आया था. 

Latest and Breaking News on NDTV

वीणा देवी मुजफ्फरपुर की साहेबगंज विधानसभा क्षेत्र की रहने वाली हैं.उनके पति दिनेश प्रसाद सिंह बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं. वीणा पिछला चुनाव लोजपा के टिकट पर जीता था. उन्होंने राजद के रघुवंश प्रसाद सिंह को दो लाख 34 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराया था. लोजपा में बंटवारे के बाद वो चिराग के चाचा पशुपति पारस के गुट में शामिल हो गई थीं. लेकिन चुनाव से पहले वो चिराग के गुट में वापस आ गईं. 

यह भी पढ़ें :-  'राहुल को बदलें, EVM को नहीं...' BJP ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से कहा

वहीं बहुजन समाज पार्टी ने इस चुनाव में वैशाली से पत्रकार शंभू कुमार सिंह को टिकट दिया है. वो दिल्ली के खानपुर के रहने वाले हैं.

ये भी पढ़ें: “ये मुस्लिम समुदाय का अपमान है…”, 5 लाख OBC सर्टिफिकेट होंगे रद्द, जानिए कोर्ट का यह फैसला ममता के लिए कैसे है बड़ा झटका


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button