शरद पवार और अजित पवार की सियासी राहें फिर मिलेंगी? आशा पवार के बयान के बाद सियासी अटकलें तेज
मुंबई:
महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर गर्म है. शरद पवार (Sharad Pawar) और अजित पवार में सुलह की अटकलें एक बार फिर शुरू हो गई हैं. दरअसल महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की मां आशा ताई पवार ने कल कहा कि उन्होंने भगवान विट्ठल से प्रार्थना की है कि उनके बेटे और उनके चाचा शरद पवार फिर से एक साथ आ जाएं. दरअसल वह नए साल के पहले दिन पंढ़रपुर में विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर पहुंची और पवार परिवार के बीच विवाद खत्म करने की मन्नत मांगी.
इस बयान के सामने आने के बाद एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने भी शरद पवार को पितातुल्य बताया है. वहीं महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि अगर दोनों साथ आते हैं तो फिर बीजेपी को आपत्ति नहीं है. इससे पहले शरद पवार के जन्मदिन पर अजित पवार उन्हें बधाई देने भी पहुंचे थे.
अजित पवार की मां ने क्या कहा?
अजित पवार की मां ने कहा कि भगवान विट्ठल के दर्शन किए अच्छा लगा. सभी के लिए आने वाला वर्ष अच्छा जाना चाहिए यही भगवान के चरणों में प्रार्थना की है. पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि भगवान से मैंने ये प्रार्थना की जाएगी परिवार के सभी विवाद मिटने चाहिए. उन्होंने कहा कि शरद पवार अजीत पवार को साथ आना चाहिए. उन्होंने उम्मीद जताया कि
भगवान विट्ठल आपकी मनोकामना पूरी करेंगे.
6 दशक का है शरद पवार का राजनीतिक जीवन
शरद पवार की राजनीति करीब छह दशक की है. वो 1958 में युवा कांग्रेस में शामिल हुए थे. उन्होंने अपना पहला चुनाव बारामती से 1967 में लड़ा था.इस चुनाव में उन्हें जीत मिली थी. उस समय शरद पवार की आयु केवल 38 साल ही थी. इसके एक दशक बाद ही वो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ गए. वो 1978 में महाराष्ट्र के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने थे.इसके बाद तीन और अवसरों पर सीएम की कुर्सी पर बैठे. मुख्यमंत्री के रूप में शरद पवार से सहकारिता आंदोलन को पूरे महाराष्ट्र में पहुंचाया.
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