"बड़ी बेरहम है सियासत …." : कंगना रनौत ने बताया राजनीति और एक्टिंग का फर्क
कंगना ने कही दिल की बात….
हिमाचल प्रदेश के मंडी से नई-नई सांसद बनीं कंगना रनौत का मानना है कि फिल्मों में काम करना राजनीति से कहीं ज्यादा आसान है. द हिमाचली पॉडकास्ट के साथ इंटरव्यू में अभिनेत्री से नेत्री बनी कंगना ने खुलासा किया कि भले ही वह इस साल मार्च में बीजेपी में शामिल हुईं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में उन्हें राजनीति में शामिल होने के लिए कई ऑफर्स मिले.
मेरे दादा भी विधायक थे
राजनीति के लिए बीजेपी का ही चुनाव क्यों? वाले सवाल पर कंगना ने कहा कि उन्हें लगा कि ऐसा करने के लिए यही सही समय है, भले ही उन्हें पिछले कुछ वर्षों में कई प्रस्ताव मिले. उनके परदादा सरजू सिंह रानौत भी विधायक थे इसलिए ये ऑफर कभी भी मेरे परिवार से बहुत दूर नहीं थे. मेरी पहली फिल्म गैंगस्टर के तुरंत बाद मुझे पॉलिॉटिक्स ज्वाइन करने का ऑफर दिया गया. पिछले कुछ सालों में मेरे पिता और बहन को भी इस तरह के ऑफर मिले. ये पहली बार नहीं है जो मुझसे राजनीति में शामिल होने के लिए संपर्क किया गया.वैसे अगर मुझे खुद भी इसमें दिलचस्पी नहीं होती तो वास्तव में मुझे इतनी परेशानियों से नहीं गुजरना पड़ता.
राजनीति बड़ी बेरहम है…
कंगना ने कहा कि राजनीति में एक कठोर जीवन जीना पड़ता है, ये फिल्मों से पूरी तरह अलग है. एक फिल्म एक्ट्रेस के रूप में आप सेट और प्रीमियर पर जाते हैं, जहां आप रिलेक्स होते हैं. हम एक्ट्रेस के रूप में एक सॉफ्ट लाइफ जीते हैं. मुझे इस जीवन में ढलने और इस कठोरता के साथ तालमेल बिठाने में काफी समय लगा. राजनीति में पूरी तरह से कठोर जीवन है, बिल्कुल डॉक्टर की तरह, जहां केवल परेशान लोग ही आपसे मिलने आते हैं.वहीं दूसरी ओर जब आप फिल्म देखने जाते हैं तो आप बहुत आराम महसूस करते हैं. उन्होंने कहा कि अपने गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव से मार्गदर्शन प्राप्त करने के बाद मैं इस रास्ते पर निकली.
गौरतलब है कि कंगना रानौत ने मंडी लोकसभा सीट पर अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस के दिग्गज वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह के खिलाफ 74,000 से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी. इस जीत के बाद चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर एक सीआईएसएफ अधिकारी द्वारा उन्हें थप्पड़ मारे जाने के बाद वह और तेजी से खबरों में आ गईं. थप्पड़ मारने वाली अधिकारी का कहना था कि उन्होंने प्रर्दशन कर रहे किसानों का अपमान किया. वह उनके द्वारा की गई टिप्पणियों से आहत थी.