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प्रशांत किशोर ने पहले गंगा में डुबकी लगाकर किया हवन, फिर तोड़ा अनशन

जन सुराज पार्टी ने नेता प्रशांत किशोर ने कई दिनों बाद आज अपना अनशन तोड़ लिया है. अनशन तोड़ने से पहले उन्होंने गंगा नदी में डुबकी लगाई, इसके बाद हवन किया. इसके बाद उन्होंने जूस पीकर अपना अनशन समाप्त किया. प्रशांत किशोर ने इस अनशन के जरिए BPSC छात्रों की मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की थी.

प्रशांत किशोर ने कहा कि अब मैं जन सुराज आश्रम में रहूंगा और बिहार की व्यवस्था से परेशान लोगों की लड़ाई लड़ूंगा. बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांग को लेकर प्रशांत किशोर दो जनवरी को पटना के गांधी मैदान पहुंचे थे और फिर आमरण अनशन पर बैठ गए थे.  पांच द‍िनों बाद प्रशांत किशोर को पटना पुलिस ने तड़के गिरफ्तार कर लिया, लेकिन उसी दिन कोर्ट से उन्हें जमानत दे दी गई. इसके बाद भी उन्होंने अनशन नहीं तोड़ा, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई. बाद में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सेहत में सुधार होने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, लेकिन प्रशांत किशोर ने अपना अनशन जारी रखा.

इस बीच, बीपीएससी के छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से भी मुलाकात की. इस बीच, उनकी पार्टी ने गंगा किनारे निजी जमीन पर टेंट सिटी का निर्माण शुरू किया, लेकिन जिला प्रशासन ने इस पर रोक लगा दी. हालांकि, जिला प्रशासन ने फिर अस्थाई कैंप बनाने की अनुमति दे दी. इसके बाद जन सुराज पार्टी की तरफ से टेंट सिटी बनाई गई.

प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तबीयत की जांच कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि उनके पास जो जानकारी है, उसके मुताबिक नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. इसके बावजूद वह पिछले छह महीने से राज्य सरकार के मुखिया बने हुए हैं, जबकि असल में उनके आसपास के अधिकारी सरकार चला रहे हैं.

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उल्लेखनीय है कि 6 जनवरी को पुलिस ने प्रशांत किशोर को गांधी मैदान से गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहां शाम को जमानत मिल गई थी.

जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर बिहार में बीपीएससी 70वीं प्रारंभिक परीक्षा रद्द करने की छात्रों की मांगों को लेकर 2 जनवरी से आमरण अनशन पर थे. पार्टी का सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शनिवार को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मिला और एक ज्ञापन सौंपा था.

पूर्व चुनाव रणनीतिकार किशोर ने 30 दिसंबर को इस मुद्दे को लेकर पटना के गांधी मैदान में विरोध प्रदर्शन किया था जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और पानी की बौछार की थी. इसके बाद किशोर ने अपने एक पार्टी सहयोगी को एक प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा से बात करने के लिए भेजा था, लेकिन गतिरोध दूर नहीं हुआ.


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