देश

प्रवीण खंडेलवाल का राहुल गांधी पर आरोप, बोले- "जातीय जनगणना केवल राजनीतिक हथकंडा"


नई दिल्ली:

लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जातीय जनगणना की मांग की है. उनके इस डिमांड की भाजपा नेता प्रवीण खंडेलवाल ने आलोचना की है. आईएएनएस से बातचीत में खंडेलवाल ने कहा कि कांग्रेस ने कई सालों तक देश में शासन किया, लेकिन तब कभी जातीय जनगणना की बात नहीं उठाई. अब जब कांग्रेस और राहुल गांधी राजनीतिक रूप से हाशिये पर हैं, तो वे इसे सिर्फ अपने राजनीतिक अस्तित्व को बचाने के लिए उठा रहे हैं. प्रवीण खंडेलवाल ने यह भी कहा कि राहुल गांधी का यह कदम केवल उनकी पार्टी की दयनीय स्थिति को सुधारने की कोशिश है, क्योंकि कांग्रेस अब सत्ता से दूर है. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि राहुल गांधी का उद्देश्य देश की जनता को यह संदेश देना है कि वह अपनी पुरानी गलतियों से बचने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऐसा करना कोई नई बात नहीं है.

कांग्रेस-आप अब एक-दूसरे की सहयोगी

खंडेलवाल ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अब भी एक-दूसरे की सहयोगी हैं. उन्होंने कहा, “पूरा देश जानता है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा और एक-दूसरे के खिलाफ भी चुनाव लड़ा. यह गठबंधन अब भी कायम है और राहुल गांधी द्वारा जातीय जनगणना की मांग केवल अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए की गई है.”

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने किसानों के साथ जो कुछ किया, उससे दोनों पार्टियों पर एक तरह का कलंक लग चुका है. राहुल गांधी शायद उस कलंक से बचने के लिए इस मुद्दे को उठा रहे हैं. प्रवीण खंडेलवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा के सभी सांसद इस मुद्दे पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे और इस विषय पर चर्चा में शामिल होंगे.

यह भी पढ़ें :-  संविधान बदलने के आरोप पर अमित शाह का करारा हमला, The HindkeshariINDIA से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा-झूठ बोल रहे हैं राहुल गांधी

बता दें, राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक साक्षात्कार साझा किया है. इसमें उन्होंने प्रोफेसर सुखदेव थोराट से बातचीत में जातीय जनगणना की आवश्यकता पर बल दिया है. प्रोफेसर सुखदेव थोराट एक जाने-माने शिक्षाविद्, अर्थशास्त्री और दलित मुद्दों के विशेषज्ञ हैं, जो तेलंगाना में जातिगत सर्वेक्षण पर बनी अध्ययन समिति के सदस्य भी हैं.

इस बातचीत में मुख्य रूप से महाड़ सत्याग्रह (1927) के महत्व और जातिगत भेदभाव के खिलाफ बाबासाहेब आंबेडकर की लड़ाई पर चर्चा हुई. राहुल गांधी ने कहा कि महाड़ सत्याग्रह सिर्फ पानी के अधिकार की लड़ाई नहीं थी, बल्कि यह बराबरी और सम्मान की मांग थी. उन्होंने प्रोफेसर थोराट के साथ दलितों के लिए शासन, शिक्षा, नौकरशाही और संसाधनों तक पहुंच जैसे मुद्दों पर भी बात की. राहुल ने जातिगत जनगणना को देश के लिए एक अहम कदम बताया और कहा कि इसका विरोध करने वाले इस सच्चाई को दबाना चाहते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अंबेडकर का सपना अभी अधूरा है और इसे पूरा करने की लड़ाई जारी रखनी होगी.



Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button