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इतिहास के सबसे 'भीषण' जाम से जूझ रहा है प्रयागराज, रीवा हाइवे पर यहां लगा सबसे अधिक जाम


नई दिल्ली:

प्रयागराज आजकल अपने इतिहास के सबसे भयावह जाम का सामना कर रहा है. देश के अलग-अलग हिस्सों से प्रयागराज को जाने वाली सड़कों पर गाड़ियों का कई-कई किलोमीटर लंबा जाम लगा है. लोग ‘रोड अरेस्ट’ की गिरफ्त में हैं. सबसे बुरा हाल रीवा-प्रयागराज हाइवे पर लगा है. हालांकि रविवार की तुलना में सोमवार को जाम में कुछ कमी देखी जा रही है. ऐसा तब हुआ है जब मध्य प्रदेश पुलिस ने लोगों से प्रयागराज न जाने की अपील की है. पुलिस लोगों से रास्ते से ही वापस लौट जाने की अपील कर रही है. 

रीवा से प्रयागराज पहुंचने में कितना समय लगता है

आम दिनों में प्रयागराज से रीवा जाने में डेढ़-दो घंटे का समय लगा हुआ है. लेकिन शनिवार-रविवार को लोगों को इस दूरी को तय करने में आठ-10 घंटे का समय लगा. मध्य प्रदेश से प्रयागराज की ओर आने वाला हर रास्ता आकर रीवा-प्रयागराज हाइवे में मिलता है. माघी पूर्णिमा के पवित्र अवसर पर संगम में स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में लोग प्रयागराज के लिए निकल पड़े. इससे रीवा-प्रयागराज जाम हो गया. प्रयागराज में प्रवेश करने से पहले सोहागी घाटी पहाड़ी रास्ता है. वहां गाड़ियों की रफ्तार कम हो जाती है. इसलिए चाकघाट बॉर्डर से ही जाम ने विकराल रूप ले लिया.इससे लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी. इस रास्ते पर 25 किमी लंबा जाम लग गया. 

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जाम का कहां कहां हुआ असर

इसे देखते हुए रीवा के जिला प्रशासन ने प्रयागराज के जिला प्रशासन से संपर्क कर उनकी सलाह पर गाड़ियों को आगे बढ़ाया. यह जाम इतना लंबा था कि इसका असर कटनी, सिवनी और जबलपुर तक महसूस किया गया. इन शहरों में महाकुंभ जाने वाली गाड़ियों की वजह से जाम देखा गया. इन जिलों में पुलिस ने लोगों से अपील की कि वे अभी प्रयागराज न जाएं, क्योंकि वहां भीषण जाम लगा हुआ है. पुलिस की इस अपील का लोगों पर असर भी हुआ और वो वापस लौट गए. इससे पुलिस को व्यवस्था संभालने में थोड़ी मदद मिली. 

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