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Cyclone Dana: तूफान का सामना करने के लिए बंगाल और ओडिशा में युद्धस्तर पर तैयारी


नई दिल्ली:

Cyclone Dana: गंभीर चक्रवाती तूफान ‘दाना’ से निपटने के लिए ओडिशा और पश्चिम बंगाल जोरदार तैयारियां कर ली गई हैं. तूफान से प्रभावित होने वाले इलाकों से  लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. शिक्षण संस्थानों को बंद करने का फैसला किया गया है. प्रभावित इलाके से गुजरने वाली 150 से अधिक ट्रेनें रद कर दी गई हैं. भारतीय तटरक्षक बल हाई अलर्ट पर है. उसने चक्रवाती तूफान दाना के कारण पैदा होने वाली किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए अपने जहाज और प्लेन तैनात कर दिए हैं.

बंगाल की खाड़ी में उठ रहा चक्रवाती तूफान दाना 24 की रात से 25 अक्टूबर की सुबह के बीच ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों से टकराने की आशंका है. चक्रवात के चलते इन राज्‍यों में भारी बारिश होगी. केंद्र और दोनों राज्‍यों की सरकारों के साथ सेना भी सतर्क  है. केंद्र सरकार ने बंगाल और ओडिशा के अधिकारियों के साथ चक्रवाती तूफान को लेकर बैठक की है. मौसम विभाग ने कहा है कि, इस दौरान भारी बारिश के साथ 100-120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है. 

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा है कि जगन्नाथ पुरी से लेकर पश्चिम बंगाल के तटों तक पूरे पूर्वी तटीय इलाके चक्रवाती तूफान ‘दाना’ से प्रभावित हो सकते हैं. 

आईएमडी के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने गहरे दबाव के क्षेत्र के चक्रवाती तूफान में तब्दील होने और 25 अक्टूबर की सुबह पुरी और सागर द्वीप के बीच उत्तरी ओडिशा और दक्षिणी पश्चिम बंगाल के तटों को पार करने की आशंका है. इस दौरान हवा की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती हैं.

ओडिशा में 800 चक्रवात आश्रय केंद्र तैयार

ओडिशा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने बताया कि राज्य सरकार ने लगभग 800 चक्रवात आश्रय केंद्र तैयार रखे हैं, जिनमें संवेदनशील इलाकों से निकाले गए लोगों को रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने अब तक 250 चक्रवात आश्रय केंद्रों का दौरा किया है, जहां निकासी के बाद लोगों को रखा जाएगा.

पुजारी के अनुसार, चक्रवाती तूफान के कारण विभिन्न इलाकों से निकाले गए लोगों के लिए भोजन, पानी, दवा, बिजली और अन्य आवश्यक चीजों का बंदोबस्त किया गया. उन्होंने बताया कि 800 चक्रवात आश्रय केंद्रों के अलावा स्कूल-कॉलेज में 500 अतिरिक्त अस्थाई आश्रय शिविर बनाए गए हैं.

विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) डीके सिंह ने स्कूल और जन शिक्षा विभाग को उन 14 जिलों में एहतियात के तौर पर 23 से 25 अक्टूबर तक सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय सहित अन्य शिक्षण संस्थान बंद रखने का निर्देश दिया है, जिनके चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका है.

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तूफान के लिए बंगाल तैयार, 26 अक्टूबर तक स्कूल बंद रहेंगे

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि राज्य प्रशासन आसन्न चक्रवात के कारण होने वाली किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयार है. उन्होंने घोषणा की कि एहतियात के तौर पर नौ जिलों में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल बुधवार से 26 अक्टूबर तक बंद रहेंगे. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और एसडीआरएफ की टीमें पहले ही तैनात कर दी गई हैं तथा राज्य और जिला स्तर पर चौबीसों घंटे एकीकृत नियंत्रण कक्षों का संचालन किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमारी सरकार इस चक्रवाती तूफान का सामना करने के लिए तैयार है. हमने राज्य और जिला स्तर पर एकीकृत नियंत्रण कक्ष पहले ही शुरू कर दिए हैं और वे चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं. एहतियात के तौर पर मछुआरों को समुद्र में न जाने को कहा गया है. जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को स्थिति सामान्य होने तक नजर रखने को कहा गया है.”

मुख्यमंत्री ने कहा कि दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिले, पूर्व मेदिनीपुर और इसके तटीय क्षेत्रों पर चक्रवात का गंभीर असर पड़ने की आशंका है. उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम मेदिनीपुर के अलावा पड़ोसी जिलों – बांकुड़ा, झारग्राम और हुगली के भी प्रभावित होने की संभावना है. एहतियात के तौर पर इन जिलों में 23 से 26 अक्टूबर तक स्कूल बंद रहेंगे. हम कोई जोखिम नहीं लेना चाहते. स्कूल और कॉलेज कभी-कभी लोगों के लिए आश्रय स्थल के रूप में उपयोग किए जाते हैं.”

राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, झारग्राम, बांकुड़ा, हावड़ा, हुगली और कोलकाता जिलों में बुधवार से 26 अक्टूबर तक शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे.

भारतीय तटरक्षक बल ने एक बयान में कहा कि वह ‘हाई अलर्ट’ पर है और उसके समर्पित जवान व संसाधन मदद, बचाव तथा राहत प्रदान करने के लिए तैयार हैं. बयान के मुताबिक, “तटरक्षक बल ने अपने जहाजों और विमानों को किसी भी आपातकालीन स्थिति में तेजी से प्रतिक्रिया देने के लिए रणनीतिक रूप से तैनात किया है.”

इसमें कहा गया है कि तटरक्षक बल के जवान समन्वित एवं प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए पश्चिम बंगाल और ओडिशा में स्थानीय प्रशासन तथा आपदा प्रबंधन अधिकारियों के साथ समन्वय में काम कर रहे हैं. बयान के अनुसार, तटरक्षक बल ने मछुआरों और नाविकों को नियमित मौसम चेतावनी और सुरक्षा सलाह प्रसारित करने के लिए पश्चिम बंगाल के हल्दिया और ओडिशा के पारादीप में हेलीकॉप्टर एवं ‘रिमोट ऑपरेटिंग स्टेशन’ तैनात किए हैं.

ओडिशा सरकार ने एनडीआरएफ की 10 अतिरिक्त टीमें मांगी

चक्रवात से निपटने के लिए ओडिशा सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 10 अतिरिक्त टीम की मांग की हैं. पुजारी ने कहा, “एनडीआरएफ की मौजूदा टीमों को पहले से ही उन जिलों के लिए रवाना कर दिया गया है, जिनके चक्रवात ‘दाना’ से प्रभावित होने की आशंका है.” पश्चिम बंगाल में एनडीआरएफ ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अभी तक 13 टीमें तैनात की हैं.

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अतिरिक्त विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पद्मनाभ बेहरा ने बताया कि ओडिशा आपदा त्वरित प्रतिक्रिया बल (ओडीआरएएफ) की 17 टीमों को भी चक्रवात की आशंका वाले 10 जिलों में तैनात किया जाएगा. उन्होंने कहा कि तीन अन्य ओडीआरएएफ टीमों को तैयार रखा जाएगा.

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मौसम विभाग ने मछुआरों को 23 से 25 अक्टूबर तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है. उसने कहा है कि ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों पर हवा की गति 60 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंचने की आशंका है और इसके बाद यह धीरे-धीरे और तेज होगी.

पुजारी ने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने यह सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील इलाकों को पूरी तरह से खाली कराने का निर्देश दिया है कि चक्रवात के कारण किसी भी व्यक्ति को कोई नुकसान न पहुंचे. पुजारी के अनुसार, राज्य सरकार ने उन गर्भवती महिलाओं की सूची भी तैयार की है, जिनका प्रसव अगले 15 दिनों में हो सकता है. उन्होंने बताया कि इन महिलाओं को पास अस्पताल में स्थानांतरित किया जा रहा है, ताकि आपदा के दौरान किसी भी मुश्किल से बचा जा सके.

एक सवाल के जवाब में पुजारी ने कहा कि कुछ लोग चोरी के डर से अपना घर छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस को उन गांवों में गश्त तेज करने का निर्देश दिया गया है, जहां के लोगों को चक्रवात आश्रय केंद्रों में स्थानांतरित किया जाएगा.

कोलकाता हवाई अड्डे पर चक्रवात के मद्देनजर तैयारियां शुरू

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोलकाता हवाई अड्डे के अधिकारियों ने चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के 25 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों से गुजरने की आशंका के मद्देनजर इससे उत्पन्न होने वाली किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. अधिकारी के मुताबिक, हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे और जल निकासी प्रणाली के निरीक्षण तथा सभी प्रतिष्ठानों की जांच एवं मरम्मत जैसी मानक संचालन प्रक्रियाओं पर अमल किया जा रहा है.

कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निदेशक डॉ प्रवत रंजन बेउरिया ने बताया, ‘‘मैं जल्द ही हवाई अड्डे पर विभिन्न हितधारकों के साथ बैठक करुंगा.” बेउरिया ने कहा, ‘‘हमें भारी बारिश की आशंका है, जिससे हवाई अड्डा परिसर और उसके आसपास जलभराव हो सकता है. हम स्थिति से निटपने के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.”

उड़ान संचालन पर संभावित प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह चक्रवात आने के बाद की स्थिति पर निर्भर करेगा. उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल, हवाई अड्डे के अधिकारी मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन कर रहे हैं.” 

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चक्रवात की आशंका के चलते 150 से अधिक ट्रेनें रद्द

एक अधिकारी ने बताया कि दक्षिण-पूर्व रेलवे ने चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के मद्देनजर पश्चिम बंगाल और ओडिशा को देश के विभिन्न हिस्सों से जोड़ने वाली कई मेल और एक्सप्रेस ट्रेन रद्द कर दी हैं. गंभीर चक्रवाती तूफान के 25 अक्टूबर को ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों से टकराने की आशंका के मद्देनजर दक्षिण पूर्व रेलवे (एसईआर) क्षेत्र से गुजरने वाली 150 से अधिक एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. 

एसईआर के एक अधिकारी ने बताया कि रद्द की गई ट्रेनों में हावड़ा-सिकंदराबाद फलकनुमा एक्सप्रेस, कामाख्या-यशवंतपुर एसी एक्सप्रेस, हावड़ा-पुरी शताब्दी एक्सप्रेस, हावड़ा-भुवनेश्वर शताब्दी एक्सप्रेस और हावड़ा-यशवंतपुर एक्सप्रेस शामिल हैं.

एसईआर के अधिकारी ने कहा कि रद्द की गई ट्रेन 23 से 25 अक्टूबर तक अपने शुरुआती स्टेशनों से प्रस्थान करने वाली थीं. जरूरत पड़ने पर दक्षिण पूर्व क्षेत्र से गुजरने वाली और भी ट्रेन रद्द की जा सकती हैं.

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ओडिशा में राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप स्थगित

भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने बताया कि ओडिशा में आने वाले चक्रवात के कारण 25 अक्टूबर से यहां शुरू होने वाली 39वीं राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप स्थगित कर दी गई है. पांच दिवसीय प्रतियोगिता यहां कलिंगा स्टेडियम में होनी थी. एएफआई ने एक बयान में कहा, ‘‘ओडिशा में (आने वाले) चक्रवात के कारण 39वीं राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप स्थगित कर दी गई है. अगली तारीख जल्द ही प्रकाशित की जाएगी.”

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि ओडिशा आने वाले चक्रवात का सबसे ज्यादा असर झेलेगा.

(इनपुट एजेंसियों से)


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