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पुणे पुलिस ने की जब्त IAS पूजा खेडकर की 'लग्जरी कार', लाल बत्ती लगाकर जमाती थीं धौंस


पुणे:

पुणे पुलिस ने विवादों में रहीं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की परिवीक्षाधीन अधिकारी पूजा खेडकर द्वारा कथित तौर पर लाल बत्ती लगाकर अवैध रूप से इस्तेमाल की गई ‘लग्जरी कार’ रविवार को जब्त कर ली. पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी. पुणे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) ने शहर की एक निजी कंपनी को बृहस्पतिवार को नोटिस जारी किया था. खेडकर (34) की यहां नियुक्ति के दौरान उनके द्वारा इस्तेमाल की गई ‘ऑडी’ कार इसी कंपनी के नाम से पंजीकृत है. अधिकारियों के अनुसार, पंजीकृत उपयोगकर्ता का पता हवेली तालुका के शिवाने गांव उल्लेख किया गया था.

खेडकर हाल में पुणे में अपने पदस्थापन के दौरान अलग कक्ष और कर्मचारी जैसी मांगों को लेकर विवाद खड़ा करने के बाद चर्चा में रही थीं. भारतीय प्रशासनिक सेवा में चुने जाने के लिए उन्होंने दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा का कथित तौर पर दुरुपयोग किया था. खेडकर ने ‘ऑडी’ कार पर कथित तौर पर लाल बत्ती का इस्तेमाल किया और बिना अनुमति उसपर ‘‘महाराष्ट्र सरकार” भी लिखवाया था.

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विवाद के बाद, उन्हें प्रशिक्षण पूरा होने से पहले पुणे से वाशिम जिले में स्थानांतरित कर दिया गया था. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने रविवार को बताया, ‘‘खेडकर जिस निजी कार का इस्तेमाल कर रही थीं, उस पर लाल बत्ती और सरकारी चिह्न के अनधिकृत इस्तेमाल को लेकर बृहस्पतिवार को नोटिस जारी किया गया था. कार को जब्त कर लिया गया है, उसके दस्तावेजों की जांच की जाएगी और हम मामले की जांच कर रहे हैं.”

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केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर) 1989 की धारा 108 के अनुसार, राज्य सरकार वीआईपी, वीवीआईपी और सरकारी अधिकारियों को सरकारी वाहनों पर लाल या पीले रंग की बत्ती के उपयोग की अनुमति दे सकती है. दिसंबर 2013 में, राज्य सरकार ने गाड़ियों पर बत्ती का उपयोग करने के हकदार सरकारी पदों की सूची को छोटा कर दिया और उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर 2014 में एक संशोधित सूची प्रकाशित की. अक्टूबर 2014 में परिवहन आयुक्त कार्यालय ने विभिन्न विभागों से उन अधिकारियों के वाहनों पर लगी लालबत्ती हटाने को कहा था, जो इनका उपयोग करने के हकदार नहीं हैं.

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सूची के अनुसार, राज्य सरकार में सचिव स्तर से ऊपर के शीर्ष अधिकारी, पुलिस महानिरीक्षक और उससे ऊपर के पुलिस अधिकारी तथा क्षेत्रीय आयुक्तों को ही ‘फ्लैशर’ के बिना पीले रंग की बत्ती का उपयोग करने की अनुमति है, जबकि शीर्ष स्तर के जिला अधिकारी नीली बत्ती का उपयोग करने के हकदार हैं. खेडकर ने अब विदर्भ क्षेत्र के वाशिम जिला कलेक्टरेट में सहायक कलेक्टर के रूप में कार्यभार संभाल लिया है.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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