देश

Pune Porsche Case : नाबालिग ने पुलिस को बताया वो नशे में था, दुर्घटना याद नहीं : सूत्र


पुणे:

17 साल के नाबालिग जिसकी पोर्शे से देर रात पुणे में बाइक से टक्कर के बाद दो 24 वर्षीय इंजीनियरों की मौत हो गई थी ने पुलिस को बताया कि वो यह याद नहीं कर पा रहा है कि असल में उस रात क्या हुआ था, क्योंकि वह नशे में था. इसकी जानकारी सुत्रों से प्राप्त हुई है. किशोर, जो अब सुधार गृह में है, पुलिस के अनुरोध पर किशोर न्याय बोर्ड द्वारा उस पर एक वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने के निर्णय के बाद, दुर्घटना होने से कुछ समय पहले शराब पीते हुए कैमरे में कैद हुआ था और उसने कथित तौर पर एक पब में 48,000 रुपए खर्च किए थे. 

नाबालिग को नहीं याद है दुर्घटना

सुत्रों के मुताबिक, पूछताछ के दौरान 17 वर्षीय नाबालिग ने बताया कि वो यह याद नहीं कर पा रहा है कि उस रात असल में क्या हुआ था. साथ ही पुलिस नाबालिग के ब्लड सैंपल एक बार दोबारा लेने के प्रायस कर रही है क्योंकि पहले उसके ब्लड सैंपल को बदल दिया गया था. अपराध शाखा की जांच में किशोर आरोपी को बचाने के लिए एक सुनियोजित साजिश का खुलासा होने के बाद दुर्घटना के संबंध में कई प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं.

मामले में कई एफआईआर हुई हैं दर्ज

इनमें से एक मामला दुर्घटना से जुड़ा है, दूसरा नाबालिग को शराब परोसने से जुड़ा है और तीसरा मामला लड़के के पिता, जो एक प्रमुख रियल एस्टेट एजेंट है, पर उसे बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने की अनुमति देने का आरोप है. किशोर के माता-पिता के खिलाफ सबूत नष्ट करने के कथित प्रयास और उसके दादा के खिलाफ परिवार के ड्राइवर का अपहरण करने और दुर्घटना का दोष अपने ऊपर लेने की धमकी देने के आरोप में अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं.

यह भी पढ़ें :-  पोर्शे वाले रईसजादे को थाने में परोसे गए पिज्जा, बर्गर? पुलिसवालों से होगी पूछताछ

ससून अस्पताल के दो डॉक्टर और प्रमुख भी गिरफ्तार

सरकारी ससून अस्पताल के फोरेंसिक विभाग के प्रमुख सहित दो डॉक्टरों को रिपोर्ट में हेरफेर करने के लिए ब्लड सैंपल बदलने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. लड़के के दादा, पिता और मां को मामले को छुपाने की कोशिश में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया है. किशोर की मां, जिसका नमूना उसके बेटे के बजाय जांचा गया था, ने पुलिस को बताया है कि ससून अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे स्पष्ट कारण बताए बिना उसके ब्लड सैंपल लिए और उसने इस बात से इनकार किया है कि उसने अपने बेटे को बचाने की कोशिश की थी.

हादसे के 15 घंटों बाद नाबालिग को जामानत मिलने से लोगों में था आक्रोश

इस दुर्घटना में सॉफ्टवेयर इंजीनियर अश्विनी कोष्ठा और अनीश अवधिया की मौत हो गई थी. इस घटना से देश भर में आक्रोश फैल गया था, क्योंकि किशोर को दुर्घटना के 15 घंटे के भीतर ही कुछ शर्तों के आधार पर जमानत दे दी गई थी. इन शर्तों में – 300 शब्दों का निबंध, यातायात पुलिस के साथ 15 दिनों तक काम करना और शराब पीने की आदत के लिए मनोवैज्ञानिक उपचार और परामर्श शामिल था और इन सभी शर्तों को काफी कमजोर माना गया था. इसके तुरंत बाद, किशोर न्याय बोर्ड ने अपना आदेश संशोधित कर दिया और उसे बाल सुधार गृह भेज दिया.

यह भी पढ़ें : 

पुणे पोर्शे हादसा : बेटे को बचाने के लिए खून देने वाली मां हुई अरेस्ट

पिता ने रिश्वत, मां ने खून, दादा ने दी धमकी, पुणे पोर्शे केस में रिश्तों की क्राइम कहानी

यह भी पढ़ें :-  Exclusive: क्‍या हो सकता है नई सरकार के शुरुआती 100 दिनों का एजेंडा, अर्थशास्‍त्री एनके सिंह ने बताया


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button