पंजाब उपचुनाव: बरनाला सीट पर कांग्रेस की जीत, 'आप' ने 3 सीटों पर मारी बाजी
दिल्ली:
पंजाब की चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव (Punjab By Election Result) का नतीजा सामने आ गया है. यहां तीन सीटों पर आम आदमी पार्टी को जीत मिली है. वहीं, 1 सीट पर कांग्रेस को जीत मिली है. बरनाला सीट पर कांग्रेस कुलदीप सिंह ढिल्लो जीत गए हैं.
आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार गुरदीप सिंह रंधावा ने डेरा बाबा नानक विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में शनिवार को जीत हासिल की. उन्होंने कांग्रेस की जतिंदर कौर को 5,699 मतों के अंतर से हराया.
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पंजाब की 4 सीटों पर कौन आगे?
- बरनाला में कांग्रेस के कुलदीप सिंह ढिल्लो की जीत.
- गिद्दड़बाहा में आम आदमी पार्टी के हरदीप सिंह डिम्पी की जीत
- डेरा बाबा नानक में आम आदमी पार्टी के गुरदीप सिंह रंधावा की जीत
- चब्बेवाल में आम आदमी पार्टी के डॉ. इशांक कुमार की जीत
पंजाब की ये चारों सीटें लोकसभा चुनावों में इन निर्वाचन क्षेत्रों के विधायकों के निर्वाचित होने के बाद खाली हो गई थीं. मुख्य चुनाव अधिकारी सिबिन सी ने बताया कि हर विधानसभा क्षेत्र में एक मतगणना केंद्र बनाया गया है. यहां पर पंजाब पुलिस कर्मियों और केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती के साथ तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है. उन्होंने बताया कि डेरा बाबा नानक सीट पर 11 उम्मीदवार चुनाव लड़े थे, जहां 64.01 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि चब्बेवाल (आरक्षित) सीट पर छह उम्मीदवार थे और वहां 53.43 प्रतिशत मतदान हुआ.
गिद्दड़बाहा, डेरा बाबा नानक में कौन जीतेगा?
इसी तरह, राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सीट गिद्दड़बाहा में 14 उम्मीदवार मैदान में हैं, जहां सबसे अधिक 81.90 प्रतिशत मतदान हुआ. बरनाला निर्वाचन क्षेत्र में 14 उम्मीदवार मैदान में हैं और वहां 56.34 प्रतिशत मतदान हुआ. कांग्रेस ने लुधियाना के सांसद अमरिंदर सिंह राजा वारिंग की पत्नी अमृता वारिंग को गिद्दड़बाहा से, जबकि गुरदासपुर के सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा की पत्नी जतिंदर कौर को डेरा बाबा नानक से, रंजीत कुमार को चब्बेवाल से मैदान में उतारा है.
गिद्दड़बाहा से शिरोमणि अकाली दल के पूर्व नेता ढिल्लों, जो कभी सुखबीर बादल के करीबी सहयोगी थे, ने अगस्त में पाला बदल लिया और कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल होने का उनका फैसला इस निर्वाचन क्षेत्र के व्यापक हित में है जो “विकास के लिए संघर्ष कर रहा है”. मुक्तसर जिले की यह सीट कभी अकालियों का गढ़ मानी जाती थी, प्रकाश सिंह बादल ने लगातार पांच बार – 1969, 1972, 1977, 1980 और 1985 – यहां से जीत दर्ज की, उसके बाद 1995 में उन्होंने अपने भतीजे मनप्रीत बादल को राजनीतिक बागडोर सौंप दी.
डेरा बाबा नानक में कांग्रेस की उम्मीदवार जतिंदर कौर के अलावा आप के उम्मीदवार गुरदीप सिंह रंधावा और बीजेपी के रविकरण सिंह कहलों मैदान में थे. चब्बेवाल से आप उम्मीदवार इशांक कुमार, आप सांसद राज कुमार चब्बेवाल के बेटे, कांग्रेस के रंजीत कुमार और बीजेपी के सोहन सिंह ठंडल के खिलाफ मैदान में हैं, जो अकाली दल से आए एक और दलबदलू हैं, जिन्होंने 2012 के विधानसभा चुनावों में यह सीट जीती थी, लेकिन 2017 और 2022 में हार गए.
विधानसभा में कुल 117 सदस्य हैं, जिनमें से सत्तारूढ़ पार्टी आप के पास 90 सदस्य हैं, जबकि विपक्षी कांग्रेस के पास 13 सीटें, शिरोमणि अकाली दल के पास तीन सीटें, बीजेपी के पास दो, बसपा के पास एक और निर्दलीय उम्मीदवारों के पास तीन सीटें हैं.
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