"रिवर और सीवर को अलग-अलग किए बगैर शुद्ध पानी नहीं पाया जा सकता": The Hindkeshariटेलीथॉन में बोले वॉटर मैन राजेंद्र सिंह

नई दिल्ली:
जलवायु परिवर्तन को लेकर The Hindkeshariके टेलीथॉन 2024 में हमने वॉटर मैन के नाम से प्रसिद्ध राजेंद्र सिंह से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने पानी की किल्लत को लेकर कहा कि कोई रीचार्ज करना ही नहीं चाहता है. हम सिर्फ बातें करते हैं. हम सिर्फ सुंदर-सुंदर शब्दों का इस्तेमाल करते हैं. मैं पिछले 50 सालों से पानी का काम कर रहा हूं. लेकिन ये साफ है कि कोई चीजों को ठीक ही नहीं करना चाहता है. पिछले 50 सालों में मैंने तो समाज के साथ जहां भी पानी का काम किया, बगैरकॉर्पोरेट की मदद की से. बिना किसी सरकारी मदद के हजारों गांव पानीदार हो गए. वो ऐसा हुआ क्योंकि गांव ने बारिश के पानी को अपना मानकर उसे सहजने की कोशिश की. आज हमारा समाज खुद अपनी जिम्मेदारी नहीं समझ रहा है. सरकार भी मुद्दों की बात नहीं कर रही है. जल को बचाने का काम कोई नहीं कर रहा है.
“पानी का संरक्षण करना जरूरी”
राजेंद्र सिंह ने आगे कहा कि आज धरती का पेट खाली है, जब ऐसा होता है तो सूरज से गर्मी आती है. और धरती को बुखार चढ़ जाता है. जब ऐसा होता है तो मौसम का मिजाज बिगड़ जाता है. रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर उन्होंने कहा कि चाहे शहर हों या गांव बारिश के पानी का संरक्षण नहीं करेंगे तो उन्हें पानी कहां से मिलेगा. मैंने 12 लाख लोगों को पिछले 50 सालों में पानी का संचय करना सिखाया है. देश को पानीदार बनाने के लिए पानी का संरक्षण करना जरूरी है. पानी को शुद्ध करने के काम में राज और समुदाय दोनों को मिलकर काम करना होगा. लेकिन आज ऐसा नहीं हो रहा है.
राजेंद्र सिंह ने कहा कि मैं लोगों से कहता हूं कि आप जहां भी रहते हो वहां आप पुराने तलाबों को ठीक करने की जरूरत है. अगर आप ऐसा करते हो तो आपको काफी कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, पहले के लोगों ने कुछ सोच समझकर ही ये तलाब या बावड़ी बनाए थे. नदी में हम अपने घर का गंदा नाला ना मिलाएं. पहले हमारे देश में ऐसा नहीं होता था. सरकार को भी आगे आकर काम करना होगा. हमारे देश में रीवर और सीवर दोनों को अलग-अलग करना होगा.