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दिल्ली की 20 सीटों पर पूर्वांचली वोटर हावी, AAP या BJP में किसके हैं साथ? समझिए सियासी हिसाब-किताब


नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 (Delhi Assembly Elections 2025) के लिए वोटिंग डेट (5 फरवरी) जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है, सियासी पारा भी उतनी ही रफ्तार से ऊपर चढ़ता जा रहा है. दिल्ली के 20 सीटों पर उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड से जुड़े वोटर्स निर्णायक स्थिति में हैं. यही वजह है कि सभी पार्टियों की नजर पुरबिया मतदाताओं पर है. इस बार के चुनाव में भी पूर्वांचली वोटरों को लेकर BJP और AAP आमने-सामने आ गए हैं. दिसंबर से ही वोटर लिस्ट में इनके नाम जोड़ने और काटने को लेकर दोनों पार्टियों के बीच जुबानी जंग जारी है. BJP भी इसे मुद्दा बनाने में लग गई है. BJP ने केजरीवाल के बयान को उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के अपमान से जोड़कर इसे चुनावी मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है.

रोजी-रोटी की तलाश में दिल्ली पहुंचने वाले पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के लोग अब यहां के राजनीतिक समीकरण को बनाने बिगाड़ने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. ऐसे में AAP और BJP दोनों ही इस वोट बैंक को साधना चाहते हैं. यहां कांग्रेस की बात इसलिए नहीं की जा रही, क्योंकि दिल्ली के चुनाव में कांग्रेस काफी सुस्त नजर आ रही है. मुख्य मुकाबला AAP-BJP के बीच ही है.

आइए समझते हैं दिल्ली चुनाव में पूर्वांचल वोट बैंक AAP और BJP में किसके साथ जाते दिख रहे हैं? बीते चुनावों में पूर्वांचलियों का आशीर्वाद पाने में BJP कितनी सफल रही? किन-किन सीटों पर AAP की स्थिति मजबूत मानी जाती है. आखिर दिल्ली के विधानसभा चुनाव में पुरबिया मतदाताओं का हिसाब-किताब क्या बैठता है:-

दिल्ली में कितने पूर्वांचली वोटर?
दिल्ली में तकरीबन 25% पूर्वांचली वोटर हैं. इनका असर 20 विधानसभा सीटों पर पड़ता है. यानी दिल्ली की 70 में से 20 सीटें ऐसी हैं, जहां जीत-हार की चाभी पूर्वांचली मतदाताओं के हाथ में है. जाहिर सी बात है कि चुनाव से पहले कोई भी राजनीतिक पार्टी इतने बड़े वोट बैंक को नाराज करने का रिस्क नहीं लेगी. 

पिछले 3 चुनावों में AAP को मिला था पूर्वांचली वोटर का साथ
अगर पिछले 3 चुनावों के नतीजों को देखें, तो पूर्वांचली मतदाता आम आदमी पार्टी के साथ खड़े दिखते हैं. दिल्ली में साल 2013 के चुनाव में AAP को 8 पूर्वांचल बहुल सीटों पर जीत मिली. BJP के खाते में ऐसी 11 सीटें आईं. एक सीट कांग्रेस को मिली थी. 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में AAP ने पूर्वांचली बहुल सभी 20 सीटों पर जीत दर्ज की थी. BJP और कांग्रेस का खाता तक नहीं खुल पाया था. 2020 के चुनाव की बात करें, तो AAP ने तब 20 में से 17 सीटें जीती थीं. BJP के खाते में 3 सीटें आई थीं. कांग्रेस के हाथ इस बार भी खाली रहे थे.

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2024 लोकसभा चुनाव में BJP की ओर शिफ्ट हो गए ये वोटर्स
हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनावों में पूर्वांचली मतदाता पूरी तरह BJP की ओर शिफ्ट हो गए. अगर इन 20 विधानसभा क्षेत्रों के रुझान देखें, तो पूर्वांचली बहुल 20 विधानसभा सीटों में से 18 सीटों पर BJP का दबदबा रहा. AAP-कांग्रेस एक-एक सीट पर आगे चल रही थी. 

दिल्ली में कब कितने पूर्वांचली विधायक?
दिल्ली की सियासत में पूर्वांचली वोटरों का दबदबा लगातार बढ़ता जा रहा है. न सिर्फ वो जीत-हार में अहम रोल निभा रहे हैं, बल्कि विधानसभा में भी अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं. 2015 के चुनाव बाद दिल्ली विधानसभा में 12 पूर्वांचली विधायक हुए थे. 2020 के चुनाव में इनकी संख्या घटकर 9 हो गई थी. यही वजह है कि सभी पार्टियां इस निर्णायक कुनबे को अपने पाले में लाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही हैं. 

आम आदमी पार्टी ने उतारे कितने पूर्वांचली कैंडिडेट?
आम आदमी पार्टी ने पिछले तीनों चुनावों में अच्छी संख्या में पूर्वांचली उम्मीदवार उतारे हैं. 2015 के इलेक्शन में AAP ने 12 कैंडिडेट उतारे. सभी 12 कैंडिडेट को जीत मिली. 2020 के चुनाव में 10 पूर्वांचलियों को टिकट दिया गया. इनमें से 9 को जीत मिली. अब 2025 के इलेक्शन के लिए AAP 10 पूर्वांचलियों को मैदान में उतारा है. सवाल ये है कि पूर्वांचली मतदाता वोटिंग का अपना पुराना ट्रेंड बरकरार रखेंगे या फिर दिल्ली में इस बार नई कहानी लिखेंगे.

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किस सीट पर किस पार्टी को मिली जीत?
बुराड़ी – 2013, 2015 और 2020 के इलेक्शन में AAP ने जीत हासिल की.
बादली– 2013 में कांग्रेस, 2015 और 2020 में AAP को जीत मिली.
किराड़ी– यहां 2013 में BJP और बाद के दोनों चुनावों में AAP ने परचम लहराया.
नांगलोई जाट– 2013 में BJP और बाकी के दो चुनावों में AAP को जीत मिली.
मॉडल टाउन– AAP ने तीनों बार विजय पाई.
जनकपुरी– 2013 में BJP ने ये सीट जीती. 2015 और 2020 में AAP का जादू चला.
विकासपुरी– तीनों बार AAP ने जीत हासिल की.
उत्तमनगर– 2013 के इलेक्शन में BJP और बाद के दोनों इलेक्शन AAP ने जीते.               
द्वारका– 2013 में BJP ने जीती. बाकी के दो चुनाव में AAP ने जीत हासिल की.
मटियाला- 2013 में BJP को जीत मिली. बाकी दो दफा AAP ने ये सीट जीती.    
पालम– पहले इलेक्शन में BJP और बाकी के दो इलेक्शन AAP के नाम रहे.
राजेन्द्र नगर- 2013 में BJP जीती. 2015 और 2020 में AAP जीती.
देवली– तीनों इलेक्शन में AAP को जीत मिली.             
संगम विहार– तीनों इलेक्शन में AAP की जीत हुई.
बदरपुर– 2013 में BJP और बाकी के दो चुनाव में AAP की जीत हुई.     
पटपड़गंज– तीनों इलेक्शन में AAP को बंपर वोट मिले. जीत हुई.
लक्ष्मी नगर– 2013 और 2015 में AAP जीती. 2020 में ये सीट BJP के पास आ गई.
सीमापुरी- यहां तीनों दफा आप को जीत मिली.
गोकलपुर– पहले इलेक्शन में BJP जीती थी. AAP को बाकी 2 इलेक्शन में जीत मिली.
करावल नगर– 2013 में BJP जीती. 2015 में AAP को जीत मिली. 2020 में BJP जीती.

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इस बार किस सीट पर किसका लगा दांव?
-हाई प्रोफाइल पटपड़गंज सीट पर AAP ने अवध ओझा को उतारा है. BJP ने रवींद्र सिंह नेगी पर दांव खेला है. कांग्रेस ने अनिल कुमार को उम्मीदवार बनाया है.
-सीमापुरी में AAP ने वीर सिंह धिंगान को कैंडिडेट बनाया है. BJP से कुमारी रिंकू प्रत्याशी हैं. कांग्रेस ने राजेश लिलौठिया को खड़ा किया है.
-बुराड़ी से संजीव झा AAP कैंडिडेट हैं. कांग्रेस ने मंगेश त्यागी को उम्मीदवार बनाया है. BJP ने प्रत्याशी का ऐलान अभी नहीं किया है.
-मॉडल टाउन से AAP ने अखिलेश पति त्रिपाठी पर भरोसा जताया है. BJP से अशोक गोयल मैदान में हैं. कांग्रेस ने कैंडिडेट फाइनल नहीं किए हैं.
-बदरपुर से राम सिंह नेताजी उम्मीदवार बनाए गए हैं. BJP ने नारायण दत्त शर्मा को खड़ा किया है. कांग्रेस ने कैंडिडेट का ऐलान नहीं किया है.
-द्वारका से विनय मिश्रा को AAP ने प्रत्याशी घोषित किया है. कांग्रेस से आदर्श शास्त्री ताल ठोक रहे हैं. BJP ने उम्मीदवार का नाम तय नहीं किया है.

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पूर्वांचल का बढ़ता दबदबा
-BJP के मनोज तिवारी 2014, 2019 और 2024 में उत्तरी पूर्वी दिल्ली से सांसद हैं.
-दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय पूर्वांचली हैं.
-2015 में 12 और 2020 में 9 पूर्वांचली विधायक हुए.  
-1993 में लाल बिहारी तिवारी, कीर्ति आजाद, परवेज हाशमी MLA बने.
-1998 में परवेज हाशमी, मीरा भारद्वाज, महाबल मिश्रा जीते.
-परवेज हाशमी दिल्ली सरकार में मंत्री भी बने.
-1997 में लाल बिहारी तिवारी पूर्वी दिल्ली से BJP सांसद बने.
-2009 में कांग्रेस महाबल मिश्रा पश्चिमी दिल्ली से लोकसभा पहुंचे.

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