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पश्चिमी देशों को पुतिन की परमाणु हमले की चेतावनी, क्‍या विश्‍व युद्ध के मुहाने पर खड़ी है दुनिया?


मास्को:

रूस (Russia) के राष्‍ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने पश्चिमी देशों को रूस पर बड़े स्‍तर पर हवाई हमले की स्थिति में परमाणु हमले (Nuclear Attack) की चेतावनी दी है. रूस की ओर से यह चेतावनी पश्चिमी देशों खासकर अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा यूक्रेन को उसके खिलाफ क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल करने की इजाजत दिए जाने को लेकर बढ़ती चिंता के बीच आई है. राष्ट्रपति पुतिन ने आज परमाणु प्रतिरोध पर चर्चा के लिए मॉस्को की शीर्ष सुरक्षा परिषद के साथ तत्काल बैठक की.

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि अगर कोई परमाणु शक्ति संपन्न देश किसी अन्य देश द्वारा रूस पर हमले का समर्थन करता है तो उसे आक्रमणकारी माना जाएगा. 

रूस के खिलाफ क्रूज मिसाइल के इस्‍तेमाल को मंंजूरी! 

पिछले हफ्ते ब्रिटेन ने कथित तौर पर रूस पर बमबारी करने के लिए अपनी ‘स्टॉर्म शैडो’ क्रूज मिसाइल के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी थी. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से वाशिंगटन डीसी में मुलाकात की थी. कथित तौर पर दोनों नेताओं ने यूक्रेन द्वारा रूस की धरती पर हथियारों के इस्तेमाल पर चर्चा की. 

रूस के खुफिया विभाग को इस तरह की संभावना की जानकारी थी और उसने इस महीने की शुरुआत में ही कहा था कि “पश्चिम द्वारा यूक्रेन में युद्ध को तेज करने के कारण मॉस्को के लिए अपने परमाणु सिद्धांतों में संशोधन जरूरी हो गया है.”

अमेरिका और ब्रिटेन की रूसी धरती पर क्रूज मिसाइलें लॉन्च करने के लिए यूक्रेन को मंजूरी देने वाली रिपोर्टों पर बोलते हुए रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने इस महीने कहा था कि, “यदि पश्चिम ने यूक्रेन को (रूस पर बमबारी करने की) अनुमति दी तो वह सीधे तौर पर रूस से लड़ रहा होगा.” उन्होंने कहा कि इस हालत में रूस को “उचित निर्णय” लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. 

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क्‍या कहता है रूस का परमाणु सिद्धांत? 

दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु शक्ति रूस है. रूस और अमेरिका के परमाणु हथियारों को मिला दिया जाए तो इनके पास दुनिया के 88 फीसदी परमाणु हथियार हैं. रूस का वर्तमान परमाणु सिद्धांत यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने से चार साल पहले पुतिन ने ही स्थापित किया था. इसके अनुसार, रूस परमाणु हमला होने या पारंपरिक हमले से राज्य के अस्तित्व को खतरा होने पर परमाणु हथियारों का उपयोग कर सकता है. 

अमेरिका और रूस के बीच एक परमाणु संधि भी है, जिसे यूएस-रूस न्यू स्टार्ट संधि के नाम से जाना जाता है. यह 5 फरवरी, 2011 को लागू हुई थी. इसके तहत अमेरिका और रूसी संघ के पास रणनीतिक आक्रामक हथियारों पर संधि की केंद्रीय सीमाओं को पूरा करने के लिए 5 फरवरी 2018 तक सात साल का वक्‍त था और जब तक संधि लागू रहेगी, तब तक वे उन सीमाओं को बनाए रखने के लिए बाध्य हैं. अमेरिका के विदेश विभाग के अनुसार, दोनों 4 फरवरी, 2026 तक संधि का विस्तार करने पर सहमत हुए हैं. 

रूस के पास दुनिया के सबसे ज्‍यादा परमाणु हथियार

सेंटर फॉर आर्म्स कंट्रोल एंड नॉन-प्रोलिफरेशन के अनुसार रूस के पास अनुमानित 6,372 परमाणु हथियारों का भंडार है, जो दुनिया में सबसे बड़ा है. इनमें से 1,572 जमीन आधारित बैलिस्टिक मिसाइलों, पनडुब्बी से प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइलों और भारी बमवर्षकों पर तैनात हैं. करीब 870 से अधिक रणनीतिक हथियार और 1,870 गैर-रणनीतिक हथियार रिजर्व में हैं और इसके अतिरिक्त अनुमानित 2,060 हथियार नष्ट होने की प्रतीक्षा में हैं. 

यूक्रेन द्वारा रूसी इलाकों पर हमला करने के लिए क्रूज मिसाइलों के इस्‍तेमाल पर रूस की बड़ी प्रतिक्रिया हो सकती है. अंतरराष्ट्रीय चिंता इस बात को लेकर है कि ऐसे में रूस  परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर गंभीरता से विचार कर सकता है. दुनिया इस वक्‍त विभिन्‍न युद्धों से जूझ रही है, ऐसे में पुतिन की चेतावनी ने विश्‍व युद्ध को लेकर चिंता को बढ़ा दिया है. 

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