कतर का आइडिया, बाइडेन की आखिरी वॉर्निंग… जानें- इजरायल और हमास में कैसे हुआ समझौता
इजरायल और हमास के बीच क्या हुई डील
सबसे पहले हम इजरायल और हमास के बीच हुई डील के बारे में जानते हैं. सीजफायर को लेकर जो डील हुई है, उसके मुताबिक हमास 50 बंधकों को छोड़ने पर राजी हुआ है. ये सभी 50 लोग या तो बच्चे होंगे या फिर महिलाएं. इसके बदले इजरायली हुकूमत 4 दिन के सीजफायर और 150 फिलिस्तीनी बच्चों और महिलाओं को छोड़ने के लिए तैयार हुई है.
इजरायल पर 7 अक्टूबर का हमला आतंकी हमला था, इसकी निंदा होनी चाहिए : ऑस्ट्रेलियाई विदेशमंत्री से बातचीत के बाद एस जयशंकर
कतर का क्या है रोल?
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलिस्तीनी संगठन हमास ने 7 अक्टूबर को गाजा पट्टी से दक्षिणी इजरायल पर कुछ मिनटों में 5000 से ज्यादा घातक रॉकेट हमले किए थे. हमास के लड़ाकों ने इजरायल में घुसकर 240 लोगों को बंधक बना लिया था. इसके कुछ ही समय बाद खाड़ी देश कतर आगे आया. उसने तुरंत व्हाइट हाउस से बंदियों को रिहा कराने में मदद के लिए सलाहकारों की एक टीम बनाने की गुजारिश की.
इतनी अहम क्यों है ये डील?
गाजा पट्टी में जंग के बीच इजरायल और हमास में यह समझौता आसान नहीं था. इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद (Mossad) और अमेरिकी एजेंसी CIA (Central Intelligence Agency) के प्रमुखों ने दिन-रात एक करके यह समझौता कराया. इस डील को लेकर अमेरिका की साख भी दांव पर लगी थी. इसलिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को कतर के अमीर और इजरायली पीएम नेतन्याहू समेत कई लोगों को बार-बार फोन तक करने पड़े.
गाजा में 4 दिन तक युद्धविराम, इजरायल-हमास के बीच हुआ 50 बंधकों की रिहाई पर समझौता: रिपोर्ट
काम आई बाइडेन की कॉल
रिपोर्ट के मुताबिक, इस डील को लेकर कतर अहम भूमिका निभा रहा था, लेकिन हमास पर उसकी उतनी पकड़ नहीं थी. हमास ने बीच में बातचीत बंद करने की भी धमकी दी थी. इस डील के एवज में हमास ने मांग रखी थी कि इजरायल की सेनाएं अल शिफा अस्पताल में ऑपरेशन बंद कर दें. इजरायल का दावा है कि इस अस्पताल के नीचे हमास का कमांड सेंटर है. इजरायली सेना ने हमास की मांग को ठुकरा दिया था. एक बार जब दोनों के बीच कतर के जरिए बातचीत शुरू हुई, तो जो बाइडन ने चीनी राष्ट्रपति के साथ समिट से वक्त निकालकर कतर के अमीर को फोन किया. बाइडेन ने साफ धमकी दी- ‘वक्त हाथ से निकलता जा रहा है.’ बाइडेन के इस धमकी भरे मैसेज के बाद कतर के अमीर ने भरोसा दिया कि वो इस डील को कराने के लिए हर मुमकिन कोशिश करेंगे.
कतर ने ऐसे शुरू की कोशिश
अधिकारियों ने कहा कि 7 अक्टूबर को हुए हमलों के तुरंत बाद कतर ने एक अस्थिर क्षेत्र में लंबे समय से मध्यस्थता की कोशिश में संवेदनशील जानकारी के साथ व्हाइट हाउस से संपर्क किया. कतर ने अमेरिका से इजरायिलों के साथ निजी तौर पर इस मुद्दे पर काम करने के लिए एक सेल बनाने की अपील की. अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर जेक सुलिवन ने अमेरिकी मिडिल ईस्ट के दूत ब्रेट मैकगर्क और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के एक अन्य अधिकारी जोश गेल्टज़र को टीम बनाने का निर्देश दिया. अधिकारियों ने कहा कि इस काम में दूसरी अमेरिकी एजेंसियों को लूप में नहीं रखा गया था. क्योंकि कतर और इजरायल ने बहुत ज्यादा गोपनीयता की मांग की थी. ऐसे में कुछ चुनिंदा अधिकारियों को ही इसकी जानकारी थी.
Explainer: सीक्रेट बातचीत की वजह से इजरायल-हमास के बीच हुआ बंधकों की रिहाई पर समझौता
टीम में ये लोग थे शामिल
मिडिल ईस्ट में लंबा समय बीता चुके राजनयिक मैकगर्क, कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान बिन जसीम अल थानी के साथ रोज बातचीत करते थे. उन्होंने अमेरिका का नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर सुलिवन को इसकी रिपोर्ट भी दी. साथ ही साथ जो बाइडेन के साथ भी बातचीत के पॉइंट्स शेयर किए जाते थे.
कुछ दिनों बाद जो बाइडेन ने इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मीटिंग के लिए तेल अवीव गए. 18 अक्टूबर को ये मीटिंग हुई. अधिकारी ने कहा कि नेतन्याहू और उनकी वॉर कैबिनेट के साथ बाइडेन की इस मीटिंग का मकसद बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करना और गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाना था.
सबसे पहले दो अमेरिकी हुए रिहा
इस मीटिंग के पांच दिन बाद 23 अक्टूबर को व्हाइट हाउस टीम को दो अमेरिकी बंधकों नताली और जूडिथ रैनन को रिहा कराने में मदद मिली. वेस्ट विंग ऑफिस के बाहर से मैकगर्क, सुलिवन और फाइनर ने रियल टाइम में गाजा से बाहर बंदियों की कई घंटों की यात्रा पर भी नज़र रखी.
अधिकारियों ने कहा कि जो बाइडेन ने बड़ी संख्या में बंधकों की रिहाई का मौका देखा. उन्होंने कैदियों की अदला-बदली में सीजफायर सुनिश्चित करने का एकमात्र यथार्थवादी रास्ता चुना.
24 अक्टूबर को ग्राउंड ऑपरेशन के लिए तैयार था इजरायल
24 अक्टूबर को इजरायल गाजा में ग्राउंड ऑपरेशन के लिए पूरी तरह से तैयार था. अमेरिकी पक्ष को इसी दौरान खबर मिली कि हमास महिलाओं और बच्चों को रिहा करने के समझौते की शर्तों पर सहमत हो गया है. इसका मतलब ये था कि इजरायल को ग्राउंड ऑपरेशन फिलहाल के लिए रोकना होगा या इसमें देरी करनी होगी.
बाइडेन अगले तीन हफ्तों तक बातचीत में रहे बिजी
इसके बाद जो बाइडेन अगले तीन हफ्तों तक डिटेल बातचीत में बिजी रहे. संभावित बंधकों की रिहाई के बारे में इजरायल और हमास ने कतर के जरिए एक-दूसरे को प्रस्ताव भेजे. इजरायल की तरफ से शर्त रखी गई कि हमास अपने बंधकों की लिस्ट, उनकी पहचान संबंधी जानकारी और रिहाई की गारंटी दे. अधिकारियों ने कहा कि यह प्रक्रिया लंबी और बोझिल थी. कम्युनिकेशन करना मुश्किल था. क्योंकि कोई भी बात दोहा या काहिरा के जरिए गाजा और इजरायल को भेजा जाता था.
“पहले से ही पता है, इजरायल ने बनाए गाजा अस्पताल के नीचे बंकर”: इजरायल के पूर्व PM
बाइडेन की कतर के पीएम से हुई बात
बाइडेन ने कतर के प्रधानमंत्री के साथ पहले फोन पर बात की. अधिकारी ने कहा कि इसके बाद ही बंधकों की रिहाई का फेज शुरू हुआ. समझौते के तहत पहले फेज में महिलाओं और बच्चों को रिहा किया जाएगा. वहीं, इजरायल भी फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा.
हमास ने बंधकों के पहचान की लिस्ट देने से किया था इनकार
हमास ने कहा कि वह पहले फेज में 50 बंधकों की रिहाई की गारंटी दे सकता है, लेकिन उसने पहचान मानदंडों की लिस्ट तैयार करने से इनकार कर दिया. 9 नवंबर को सीआईए चीफ बर्न्स ने दोहा में कतर के नेता और मोसाद के डायरेक्टर बर्निया से बंधकों की रिहाई की प्रक्रिया पर बात की. इसमें दिक्कत ये थी कि हमास ने स्पष्ट रूप से यह पहचान नहीं की थी कि उसके पास कौन-कौन कैद है.
बाइडेन को फिर करना पड़ा फोन
इसके तीन दिन बाद बाइडेन ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी को फोन किया. उन्होंने कतर के अमीर से 50 बंधकों के नाम, उम्र, जेंडर और राष्ट्रीयता समेत स्पष्ट पहचान संबंधी जानकारी मांगी. जानकारी के बिना आगे बढ़ने का कोई आधार नहीं है.
कम्युनिकेशन सिस्टम ठप हो जाने से रुकी बातचीत
हालांकि, गाजा में कम्युनिकेशन सिस्टम ठप हो जाने से बातचीत रुक गई. जब कम्युनिकेशन सिस्टम दोबारा से चालू हुआ, तो बाइडेन सैन फ्रांसिस्को में एशिया-पैसेफिक समिट में हिस्सा लेने गए थे. अधिकारियों ने कहा, “उन्होंने कतर के अमीर को फोन किया और उनसे कहा कि यह आखिरी मौका है. वक्त हाथ से निकलता जा रहा है. इसपर कतर के अमीर ने डील लॉक कराने की हर संभव कोशिश करने की बात कही.
18 नवंबर को मैकगर्क ने दोहा में कतर के प्रधानमंत्री से मुलाकात की. मोसाद से बात करने के बाद बर्न्स को भी फोन किया गया. बैठक में डील की दिशा में खामियों की पहचान की गई और उन्हें दूर किया गया.
गाजा के सबसे बड़े अस्पताल अल शिफा के नीचे मिली 55 मीटर लंबी सुरंग : इजरायल
हमास ने सभी शर्तों को किया मंजूर
19 नवंबर की सुबह काहिरा में मैकगर्क ने मिस्र के खुफिया प्रमुख अब्बास कामिल से मुलाकात की. गाजा में हमास नेताओं से खबर आई कि उन्होंने दोहा में एक दिन पहले हुए समझौतों की करीब-करीब सभी शर्तों को मंजूर कर लिया है. अधिकारियों ने कहा कि सिर्फ एक मुद्दा रह गया है, जो पहले फेज में रिहा किए जाने वाले बंधकों की संख्या और 50 ज्ञात महिलाओं और बच्चों से ज्यादा की रिहाई को प्रोत्साहित करने के सौदे के अंतिम रूप से जुड़ा है.
इसके बाद ताबड़तोड़ मीटिंग और फोन कॉल हुए. आखिरकार हमास और इजरायल के बीच ये डील हो गई.
“गाजा का अलशिफा अस्पताल बना “डेथ जोन” इसे पूरी तरह से खाली कराने की अपील”: WHO