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119 साल के इतिहास में रेलवे बोर्ड को मिला पहला दलित सीईओ, जानें सतीश कुमार से जुड़ी खास बातें


नई दिल्ली:

रेल मंत्रालय ने मंगलवार को सतीश कुमार को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के पद पर नियुक्त किया. एक आदेश में कहा गया है, “मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने रेलवे बोर्ड के सदस्य (ट्रैक्शन और रोलिंग स्टॉक), भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस) सतीश कुमार को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के पद पर नियुक्ति को मंजूरी दे दी है.”

कौन हैं सतीश अधिकारी

सतीश कुमार 119 साल के इतिहास में रेलवे बोर्ड अध्यक्ष बनने वाले पहले दलित अधिकारी हैं. उनके पास रेलवे में सेवा का तीन दशक से भी ज्यादा काम करने का अनुभव है. वह पहले भी कई प्रमुख पदों पर अपनी भूमिका निभा चुके हैं. इससे पहले सतीश कुमार रेलवे महाप्रबंधक समेत कई शीर्ष पदों पर सेवाएं दे चुके हैं. सतीश कुमार अब रेलवे बोर्ड की मौजूदा सीईओ जया वर्मा सिन्हा की जगह लेंगे. जो कि जल्द ही रिटायर हो रही हैं. जया वर्मा सिन्हाजया वर्मा सिन्हा ने एक साल पहले ही अपना कार्यभार संभाला था. सिन्हा रेलवे बोर्ड की सीईओ बनने वाली पहली महिला थीं. सतीश कुमार की नियुक्ति एक सितंबर या उसके बाद कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से उनकी सेवानिवृत्ति तक रहेगी.

सतीश कुमार से जुड़ी खास बातें

सतीश कुमार 1986 बैच के इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ मैकेनिकल इंजीनियर्स (IRSME) अधिकारी हैं. उन्होंने मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MNIT), जयपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंक में बीटेक की पढ़ाई की है. इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी से ऑपरेशन मैनेजमेंट एवं साइबर लॉ में पीजी डिप्लोमा भी किया. रेलवे में उनका शुरुआती काम सेंट्रल रेलवे के झांसी डिवीजन और बनारस डीजल लोकोमोटिव वर्क्स (BLW) से हुआ. बाद में उन्होंने उत्तर-पूर्वी रेलवे, गोरखपुर और और पटियाला लोकोमोटिव वर्क्स में भी सेवाएं दी. फॉग सेफ डिवाइस पर भी उन्होंने काम किया है. यह उनका ऐसा इनोवेशन है, जिससे कोहरे की स्थिति में भी ट्रेनों की सेफ्टी के लिए काफी उपयोगी है.

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8 स्टेशनों के नाम बदलने को भी मंजूरी

इस बीच, सरकार ने उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल में आठ स्टेशनों के नाम बदलने को भी मंजूरी दे दी है. कासिमपुर हॉल्ट को अब जायस सिटी कहा जाएगा. जयस का नाम बदलकर गुरु गोरखनाथ धाम कर दिया गया है. मिश्रौली को अब मां कालीखान धाम कहा जाएगा. बानी को अब स्वामी परमहंस कहा जाएगा. निहालगढ़ (एनएचएच) को महाराजा बिजली पासी (एमबीएलपी) कर दिया गया है. अकबर गंज को अब मां अहोरवा भवानी धाम कहा जाएगा. वारिसगंज हॉल्ट का नाम बदलकर अमर शहीद भाले सुल्तान कर दिया गया. वहीं फुर्सतगंज को अब तपेश्वरनाथ धाम कहा जाएगा.

(आईएएनएस इनपुट्स के साथ)


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