अंग प्रदेश से कोसी-सीमांचल होते हुए नेपाल की सीमा तक बिछेगी रेल लाइन, रेलमंत्री ने लिया एक्शन
नई दिल्ली:
अंग प्रदेश से नेपाल के सीमावर्ती भीमनगर तक रेललाइन से जुड़ने की आस जगती दिख रही है. राज्यसभा सांसद मनोज झा की मांग पर रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने संबंधित निदेशालय को उक्त मार्ग के जांच का आदेश दिया है. सांसद ने रेलमंत्री को भेजे पत्र में बताया था कि उत्तर बिहार का कोसी व सीमांचल क्षेत्र आजादी पूर्व से ही अत्यंत ही पिछड़ा और रेल सुविधाओं से वंचित रहा है.
यदि अंग प्रदेश भागलपुर से भीमनगर को रेललाइन से जोड़ दिया जाये तो भागलपुर, नौगछिया, मधेपुरा, अररिया एवं सुपौल को एक साथ जोड़ने वाला यह राज्य का एकमात्र रेललाइन होगा. जिसका रूट भागलपुर, नौगछिया, भटगामा, चौसा, पुरैनी, उदाकिशुनगंज, मधेपुरा, सिंहेश्वर स्थान, पिपरा, बीरपुर से भीमनगर (नेपाल बॉर्डर) तक होगा. जिससे अंग प्रदेश को कोसी एवं सीमांचल इलाके से होते हुए नेपाल सीमा तक रेललाइन से जोड़कर करोड़ों की आबादी में आधारभूत विकास संरचना का संचार तो होगा ही,
साथ ही तीन विश्वप्रसिद्ध तीर्थ स्थल देवघर (झारखंड), बाबा विशु राउत (चौसा) एवं सिंहेश्वर महादेव स्थान को एक साथ जोड़कर पर्यटन उद्योग एवं रोजगार को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. सांसद ने कहा है कि इससे सैकड़ों वर्षों से बाढ़ एवं गरीबी का दंश झेल रहे इस इलाके को एक नई पहचान मिलेगी. इस रेल रूट की कुल दूरी 175 किलोमीटर में चार जिले के आठ विधानसभा क्षेत्र के लाखों लोगों को आवागमन की सुविधा तो मिलेगी ही, साथ ही रोजगार के नए आयाम के साथ विकास की एक धारा लाखों लोगों के जीवन को बदल देगा.
मक्का उत्पादन में देश में एक महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले लाखों किसानों को भी अपने उत्पाद को देश के अन्य भागों में पहुंचाने में मदद मिलेगी. उन्होंने भागलपुर-भीमनगर रेल लाइन की स्वीकृति देकर अंग, कोसी एवं सीमांचल इलाके के करोड़ों लोगों को विकास का यह उपहार देने की मांग की है. सांसद के पत्रोत्तर में रेलमंत्री ने लिखा है कि उल्लेखित भागलपुर से भीमनगर वाया नवगछिया, भटगामा, चौसा, पुरैनी, उदाकिशुनगंज, मधेपुरा, सिंहेश्वर स्थान, पिपरा, बीरपुर के लिए रेललाइन के निर्माण किये जाने की विस्तृत जांच के लिए संबंधित निदेशालय को निर्देश दे दिया गया है.