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ट्रेनों में लगाए जाएंगे 12 हजार जनरल कोच: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का ऐलान


नई दिल्ली:

भारत में रेल का नेटवर्क करोड़ों लोगों के लिए यात्रा का मुख्य साधन है. हर दिन लाखों लोग भारतीय रेल से यात्रा करते हैं. त्योहार और सर्दी के मौसम में लोगों को सीटों के लिए खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में रेलवे ने स्पेशल ट्रेनों में 12000 जनरल कोच लगाने का फैसला किया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को संसद में इसका ऐलान किया. उन्होंने कहा, “भारतीय रेलवे का पूरा ध्यान गरीब और मिडिल क्लास परिवारों पर है. भारतीय रेलवे ने इस वित्त वर्ष में लगभग 12,000 जनरल कोच बनाने का निर्णय लिया है.”

रेलवे का यह कदम खासकर उन लोगों के लिए है, जो सामान्य कोचों में यात्रा करते हैं और जिनके लिए टिकट मिलना एक चुनौती हो सकता है. इसके अलावा इस साल 900 अतिरिक्त जनरल कोचों को जोड़ा गया है, ताकि यात्रियों को ज्यादा सुविधा मिल सके.” 

सरकार ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि रेल मंत्रालय सभी प्रतीक्षा सूची वाले टिकटों पर ‘क्लर्केज’ शुल्क लगाता है और रद्दीकरण सहित सभी स्रोतों से प्राप्त राजस्व का उपयोग रखरखाव और संचालन से संबंधित कार्य व्यय के लिए किया जाता है.

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रतीक्षा सूची वाले टिकटों पर रद्दीकरण शुल्क के बारे में पूछे गए सवालों के लिखित जवाब में कहा, “रेल यात्री (टिकट रद्दीकरण और किराया वापसी) नियम 2015 के अनुसार आईआरसीटी की वेबसाइट के माध्यम से रद्द किए गए सभी प्रतीक्षा सूची वाले टिकटों को रद्द करने पर क्लर्केज शुल्क लगाया जाता है.”

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समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा चौधरी ने रेलगाड़ियों में सीट की कमी के कारण रेलवे द्वारा रद्द किए गए प्रतीक्षा सूची वाले टिकटों पर रद्दीकरण शुल्क लगाने का मुद्दा उठाया.

चौधरी ने जानना चाहा, “क्या सरकार रेलवे द्वारा रद्द किए गए उक्त प्रतीक्षा सूची वाले टिकटों पर ऐसे रद्दीकरण शुल्क को माफ करने की योजना बना रही है.”

वैष्णव ने कहा कि अग्रिम आरक्षण अवधि के दौरान ‘कन्फर्म/आरएसी’ टिकटों के रद्द होने पर खाली होने वाली सीट को भरने के लिए प्रतीक्षा सूची वाले टिकट जारी किए जाते हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, प्रतीक्षा सूची वाले टिकट यात्रियों के पास अद्यतन योजना के तहत ‘अपग्रेड’ होने या विकल्प योजना के तहत वैकल्पिक ट्रेन में स्थानांतरित होने का विकल्प भी है.”

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार के पास रद्दीकरण शुल्क से जुटाए गए राजस्व का डेटा है, वैष्णव ने कहा, ‘‘टिकट रद्द करने के कारण जमा की गई राशि को अलग से नहीं रखा जाता है.”
 


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