देश

संडे को आ रहा है रेमल; 102 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है हवा, IMD ने दी यह हिदायत

क्या मॉनसून पर प्रभाव पड़ेगा?
राजीवन ने कहा, ‘‘बंगाल की खाड़ी और अरब सागर इस समय बहुत गर्म हैं, इसलिए उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Tropical Cyclone) आसानी से बन सकता है.”उन्होंने कहा, लेकिन उष्णकटिबंधीय चक्रवात न केवल समुद्र द्वारा नियंत्रित होते हैं, बल्कि इसमें वायुमंडल भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. राजीवन ने कहा, ‘अगर ऊर्ध्वाधर हवा (vertical wind) का झोंका बहुत बड़ा है तो चक्रवात तेज नहीं होगा. यह कमजोर हो जाएगा.’ वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ने कहा कि मॉडल सुझाव देते हैं कि चक्रवात मानसून की प्रगति को प्रभावित नहीं करेगा. हालांकि, पई ने कहा कि यह कुछ हिस्सों में मॉनसून की प्रगति को प्रभावित कर सकता है. शुरुआत में यह प्रणाली मॉनसून को बंगाल की खाड़ी के ऊपर आगे बढ़ने में मदद करेगा. इसके बाद, यह मॉनसून परिसंचरण (Monsoon Circulation) से अलग हो जाएगा और बहुत सारी नमी खींच लेगा, जिसके परिणामस्वरूप उस क्षेत्र में इसकी प्रगति में थोड़ी देरी हो सकती है.

कैसे रखा जाता है चक्रवातों का नाम?
विश्व मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार, मौसम के पूर्वानुमानकर्ता भ्रम से बचने के लिए प्रत्येक उष्णकटिबंधीय चक्रवात को एक नाम देते हैं. सामान्य तौर पर, उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नामकरण क्षेत्रीय स्तर पर नियमों के अनुसार किया जाता है. हिंद महासागर क्षेत्र के लिए 2004 में चक्रवातों के नामकरण के लिए एक सूत्र पर सहमति बनी थी. इस क्षेत्र के आठ देशों बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड सभी ने कुछ नाम दिए थे, ऐसे में जब भी कोई चक्रवाती तूफान विकसित होता है, तो उसे क्रमिक रूप से एक नाम दिया जाता है. चक्रवात को ऐसा नाम दिया जाता है, जो याद रखने और उच्चारण में आसान हो. आपत्तिजनक या विवादास्पद नाम नहीं रखे जाते. इन नामों को विभिन्न भाषाओं से भी चुना जाता है, ताकि विभिन्न क्षेत्रों के लोग उन्हें पहचान सकें. नामकरण प्रणाली समय के साथ विकसित हुई है. शुरुआती वर्षों में, नामों को वर्णानुक्रम के अनुसार चुना जाता था. वर्णमाला के प्रत्येक अक्षर के आधार पर एक नाम रखा जाता था. हालांकि इस प्रणाली से भ्रम पैदा होता था और नाम याद रखने में कठिनाई होती थी. इसलिए पूर्व-निर्धारित नामों की वर्तमान प्रणाली शुरू की गई. 

यह भी पढ़ें :-  दिल्ली में सर्दी और कोहरे का सितम ज़ारी, उत्तर भारत में ऑरेंज अलर्ट, 21 उड़ानें रद्द और 23 ट्रेनें लेट



Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button