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महाकुंभ 2025: भगदड़ से लेकर श्रद्धालुओं के लिए स्पेशल ट्रेने चलाने तक…पढ़ें प्रयागराज में अब तक क्या क्या हुआ 


प्रयागराज:

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ (MahaKumbh 2025)  के दौरान बुधवार को मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गहरा दुख जताया है. योगी सरकार ने महाकुंभ भगदड़ में मृतकों के परिजनों के लिए 25-25 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है. साथ ही राज्य सरकार ने इस घटना की न्यायिक जांच के आदेश भी दिए हैं. भगदड़ के बाद अब महाकुंभ में हालात पूरी तरह से सामान्य हो गए हैं. वहां प्रशासन हर व्यवस्था को संभाल चुकी है. किसी को स्नान करने में अब किसी तरह की दिक्कत नहीं हो रही है.  चलिए हम आपको बताते हैं कि महाकुंभ में भगदड़ मचने के बाद से अब तक वहां क्या क्या हुआ और अब संगम घाट पर कैसे हालात हैं…

महाकुंभ की घटना को लेकर भावुक हुए सीएम योगी

महाकुंभ में मची भगदड़ को लेकर सीएम योगी बुधवार को भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि हम लोग रात से ही मेला प्रशासन के साथ संपर्क में हैं. प्राधिकरण, पुलिस प्रशासन, NDRF, SDRF और भी अन्य जितने भी व्यवस्थाएं हो सकती थीं, उन सबको मेला क्षेत्र में तैनात किया गया है.सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार ने फैसला किया है कि इस घटना की न्यायिक जांच कराई जाएगी. इसके लिए हमने जस्टिस हर्ष कुमार, पूर्व डीजी वीके गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डीके सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यी न्यायिक आयोग का गठन भी किया है. 

कैसे हुआ हादसा?

  • मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर संगम नोज पर अमृत स्नान करने की प्रबल इच्छा लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा. हर कोई इस पवित्र क्षण का भागीदार बनना चाहता था. इसके चलते वहां अप्रत्याशित भीड़ जमा हो गई.
  • जो श्रद्धालु मौनी अमावस्या के दिन ही स्नान करने के लिए पहुंचे थे, उन्होंने बैरिकेडिंग के किनारे पॉलिथीन बिछाकर डेरा जमा लिया था. प्रशासन ने विभिन्न अखाड़ों के लिए सुबह 5 बजे से शुरू होने वाले अमृत स्नान के लिए अलग से रास्ता आरक्षित किया था.
  • मंगलवार रात लगभग 1 बजे… स्नान के लिए जाने वाले रास्ते पर भीड़ अपनी क्षमता से अधिक हो गई. पुलिस और प्रशासन योजना के अनुसार बैरिकेडिंग से लोगों को घाट तक ले जाने और वापस लाने की व्यवस्था कर रहे थे. हालांकि, अप्रत्याशित भीड़ नियंत्रण से बाहर हो गई.
  • लगभग 1:45 बजे लोग अनियंत्रित होकर बैरिकेडिंग कूदकर संगम की ओर जाने लगे. इस भगदड़ में बैरिकेडिंग कूदने वाले लोग उन परिवारों पर गिर पड़े जो वहां सो रहे थे. 
  • इसके बाद भीड़ ने अचानक लोगों को रौंदना शुरू कर दिया, जिससे कई लोग घायल हो गए. तीर्थयात्रियों के पहुंचने से मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई और 60 अन्य घायल हो गए.
  • लोगों के कुचलने से कई महिलाएं बेहोश हो गईं और जैसे ही वे जमीन पर गिरीं, भगदड़ मच गई. 
  • घायलों को तुरंत महाकुंभ मेला क्षेत्र के पास के अस्पताल में भेजा गया, जबकि कुछ गंभीर रूप से घायल महिलाओं को इलाज के लिए बेली अस्पताल और स्वरूप रानी मेडिकल कॉलेज भेजा गया.
  • महाकुंभ में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए डायवर्जन योजना लागू की गई और श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक दिया गया. श्रद्धालुओं के समूहों को शहर के बाहरी हिस्से में रोक दिया गया.
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मेला प्रशासन ने जारी किया मृतकों और घायलों का आंकड़ा

महाकुंभी में मची भगदड़ को लेकर मेला प्रशासन ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मृतकों और घायलों का आंकड़ा जारी किया है. महाकुंभ मेला प्रशासन ने बताया कि भगदड़ में 30 लोगों की जान जा चुकी है. कुल 90 लोग घायल हुए थे. 60 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मृतकों में 25 लोगों की पहचान की गई है. DIG महाकुंभ नगर मेला क्षेत्र वैभव कृष्ण ने बताया कि आखिर संगम तट पर भगदड़ कैसे मच गई थी. DIG वैभव कृष्ण ने बताया कि मंगलवार रात 1 से 2 बजे के बीच बहुत भीड़ हो गई थी.कुछ श्रद्धालु मौनी अमावस्या पर ब्रम्ह मुहूर्त में अमृत स्नान के लिए संगम तट पर ही सोए हुए थे.मेले में बैरिकेड्स लगे हैं. घाट पर कुछ बैरिकेड्स टूट गए, जिसकी वजह से जमीन पर सो रहे कुछ श्रद्धालु अफरातफरी में चढ़ गए. कुचलने से जो घायल हो गये, उनमें से कुछ की मौत हो गई.

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2019 में कुंभ की व्यवस्था संभाल चुके अधिकारियों की तैनाती 

महाकुंभ में हुए हादसे के बाद अब सारा जोर व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने पर है. सूत्रों के अनुसार महाकुंभ  में व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिए कई अन्य अधिकारियों को भी तैनात किया गया है. बताया जा रहा है ये वो अधिकारी हैं जिन्होंने 2019 में हुए कुंभ के दौरान भी व्यवस्थाओं को देखते थे. महाकुंभ में भगदड़ के बाद सीनियर IAS आशीष गोयल को आगे के इंतज़ाम की ज़िम्मेदारी दी गई है. वे साल 2019 में हुए कुंभ में प्रयागराज के कमिश्नर थे. इस समय वे सारा पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन हैं. कल रात सीएम के घर हुई बैठक के बाद ये फ़ैसला हुआ. इसके अलावा 2019 में प्रयागराज के डीएम रहे भानु चंद्र गोस्वामी को भी मेला की ज़िम्मेदारी दी गई है. भगदड़ में तीस लोगों की मौतें के बाद से ही यूपी सरकार और उसके इंतज़ाम पर सवाल उठने लगे हैं. इसी के साथ 5 विशेष सचिव महाकुंभ के लिए तैनात किए गए हैं. इसी के साथ ही प्रयागराज के तमाम स्टेशनों पर भीड़ को इकट्ठा होने से रोका जा रहा है. 

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प्रशासन ने जारी किया था हेल्पलाइन 

महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद उत्तर प्रदेश प्रशासन ने 1920 हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. इन नंबरों पर फोन करके लोग अपनों की जानकारी हासिल कर सकते हैं. मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में 6 करोड़ से ज्यादा लोगों ने पवित्र स्नान किया.इसके साथ ही 10 लाख से ज्यादा कल्पवासी संगम तट पर ठहरे हैं. 

रेलवे ने 190 विशेष ट्रेनें चलाने की योजना बनाई

भगदड़ की घटना के बाद उत्त मध्य रेलवे CPRO शशिकांत त्रिपाठी ने कहा कि स्नान के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु रेलवे परिसर की ओर आ रहे हैं. ये भीड़ अब धीरे-धीरे स्टेशन की ओर बढ़ रही है. हमने दोपहर 12 बजे तक लगभग 50 उत्तर मध्य रेलवे, 13 उत्तर रेलवे और 20 पूर्वोत्तर रेलवे के माध्यम से कुल 80 से अधिक विशेष ट्रेनों का संचालन किया है. 

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प्रयागराज में हालात सामान्य

प्रयागराज में महाकुंभ से जुड़ी भगदड़ जैसी स्थिति के बाद अब हालात पूरी तरह सामान्य हो चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कुंभ की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और राज्य सरकार से लगातार संपर्क में हैं. पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से चार बार बात की और राहत पहुंचाने के लिए जरूरी निर्देश दिए. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हालात अब नियंत्रण में हैं, हालांकि प्रयागराज में श्रद्धालुओं का भारी दबाव बना हुआ है.उन्होंने यह भी बताया कि भगदड़ की घटना बैरिकेड को फांदने के कारण हुई.सीएम ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अफवाहों से बचें. उन्होंने बताया कि आज लगभग 9 से 10 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज में हैं.

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प्रयागराज आने वाले कई एंट्री पॉइंट को बंद कर दिया गया था

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प्रयागराज में बुधवार को 9 करोड़ से ज्यादा लोग पहुंचे. श्रद्धालुओं का संगम तट पर आना लगातार जारी है. भीड़ को कंट्रोल करने के लिए मेला प्रशासन ने प्रयागराज आने वाले 8 एंट्री पॉइंट को बंद कर दिया था. हालांकि, बाद में स्थित सामान्य होने के बाद एंट्री खोल दिए गए.भदोही-वाराणसी बॉर्डर पर 20 किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ था. चित्रकूट बॉर्डर पर भी जाम की स्थिति रही. कौशांबी बॉर्डर पर 50 हजार से ज्यादा गाड़ियों को रोका गया था और वहां 5 घंटे से जाम की स्थिति बनी हुई थी. फतेहपुर-कानपुर बॉर्डर पर भी जाम देखा गया था. प्रतापगढ़ बॉर्डर पर 40 हजार वाहनों को रोका गया था. जौनपुर बॉर्डर पर प्रयागराज जाने वाली सभी बसों को रोका गया था. मिजापुर बॉर्डर पर भी लंबा जाम लगा हुआ था और रीवा बॉर्डर पर भी गाड़ियों को रोका गया था. 

अखाड़ा परिषद ने अमृत स्नान करने से कर दिया था इनकार

भगदड़ के बाद अखाड़ा परिषद ने अमृत स्नान करने से इनकार कर दिया था. हालांकि, बाद में हालात सामान्य होने के बाद अखाड़ों ने अमृत स्नान में भाग लिया. स्नान के लिए संगम में साधु-संतों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई. सभी 13 अखाड़ों ने अमृत स्नान किया.


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