जम्मू-कश्मीर : अनंतनाग-राजौरी में रिकॉर्डतोड़ मतदान, पिछले 35 वर्षों में सबसे ज्यादा हुई वोटिंग
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर और बारामूला में रिकॉर्ड मतदान प्रतिशत के बाद, अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर भी मतदान प्रतिशत का रिकॉर्ड टूट गया, जहां 40 वर्ष में सबसे अधिक 53 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. निर्वाचन आयोग ने कहा कि इसके साथ, कश्मीर घाटी की तीन सीटों – श्रीनगर (38.49 प्रतिशत), बारामूला (59.1 प्रतिशत) और अनंतनाग-राजौरी (53 प्रतिशत) में ‘कई दशकों में’ सबसे अधिक मतदान हुआ.
अगस्त 2019 में केंद्र के संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में यह पहला बड़ा चुनाव था.
अनंतनाग-राजौरी सीट साल 2019 में नौ प्रतिशत मतदान हुआ था. यहां तक कि आतंकवाद प्रभावित जैनापोरा विधानसभा क्षेत्र में मतदान प्रतिशत 41 दर्ज किया गया, जहां 2019 में दो प्रतिशत मतदान हुआ था. मतदान प्रक्रिया के समापन पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए, जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) पांडुरंग कुंडबाराव पोले ने कहा कि अनंतनाग-राजौरी में मतदान 53 प्रतिशत दर्ज किया गया. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की पांच लोकसभा सीट पर कुल मतदान 58 प्रतिशत रहा.
पोले ने कहा, “पिछले 40 वर्षों में इन पांच सीट पर सबसे अधिक मतदान हुआ है. इससे पहले 2014 में 49 प्रतिशत जबकि 1996 में 47.99 प्रतिशत मतदान हुआ था.” उन्होंने कहा कि सुरनकोट, राजौरी और बुद्धल विधानसभा क्षेत्रों में सबसे अधिक 68 प्रतिशत मतदान हुआ. कुलगाम विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 32 प्रतिशत मतदान हुआ. पोले ने कहा कि मतदान कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रहा और कहीं से हिंसा की कोई खबर नहीं मिली है.
अधिकारियों ने कहा कि बिजबेहरा में एक घटना को छोड़कर, पूरे लोकसभा क्षेत्र में मतदान शांतिपूर्ण रहा. इस लोकसभा क्षेत्र में 18 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं और यह पांच जिलों अनंतनाग, कुलगाम, शोपियां, पुंछ और राजौरी में फैला हुआ है.
साल 2022 में जम्मू और कश्मीर में किए गए परिसीमन पुलवामा जिले और शोपियां विधानसभा क्षेत्र को अनंतनाग लोकसभा सीट से हटा दिया गया था, जबकि पुंछ और राजौरी के सात विधानसभा क्षेत्रों को इसमें जोड़ा गया था.
इससे पहले दिन में, मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने पीटीआई वीडियो को बताया कि जम्मू-कश्मीर में मतदान से उत्साहित निर्वाचन आयोग ‘बहुत जल्द’ केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग अपनी सरकार के हकदार हैं.
निर्वाचन आयोग ने एक बयान में कहा, ‘अनंतनाग-राजौरी में हुए मतदान में जम्मू-कश्मीर के लोगों ने भी लोकतंत्र में विश्वास जताया है और इनकार करने वालों को गलत साबित किया है.’
आयोग के अनुसार, तत्कालीन अनंतनाग सीट पर 1989 में सबसे कम 5.07 प्रतिशत और 1996 में 50.2 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था. चुनाव आयोग ने कहा कि परिसीमन प्रक्रिया के कारण, मौजूदा अनंतनाग-राजौरी सीट के लिए पिछले चुनावों के मतदान आंकड़ों की सीधे तौर पर तुलना नहीं की जा सकती.
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने अनंतनाग-राजौरी से चुनाव लड़ा. उनका मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के मियां अल्ताफ अहमद से था. अपनी पार्टी के जफर इकबाल मन्हास भी 20 उम्मीदवारों में शामिल थे.