देश

'पराली जलाने की घटनाओं में कमी, लेकिन…', दिल्‍ली में प्रदूषण को लेकर उच्‍चस्‍तरीय बैठक


नई दिल्‍ली :

सर्दियों की दस्‍तक के साथ ही दिल्‍ली-एनसीआर सहित आसपास के इलाकों में प्रदूषण (Delhi-NCR Pollution) अपने चरम पर पहुंच जाता है. इस प्रदूषण का एक बड़ा हिस्‍सा पराली जलाने से आता है. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan ) ने शनिवार को दिल्‍ली के प्रदूषण को लेकर महत्‍वपूर्ण बैठक की. चौहान ने बताया कि इस बार पराली जलाने के मामलों में कमी दर्ज की गई है. बैठक में केंद्रीय वन,  पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी के साथ ही उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के कृषि मंत्री, दिल्‍ली के वन एवं पर्यावरण मंत्री और राज्‍यों के मुख्‍य सचिव और कृषि सचिव सहित प्रमुख अधिकारी वर्चुअली शामिल हुए. 

एक बयान में चौहान ने बताया कि पराली जलाने की घटनाओं में कमी दर्ज की गई है. पंजाब में पराली जलाने घटनाओं में 35 फीसदी की कमी दर्ज की गई है. वहीं हरियाणा में ऐसी घटनाओं में 21 फीसदी की कमी आई है. वहीं 2017 के मुकाबले पराली जलाने की घटनाओं में भी 51 फीसदी से भी ज्यादा की कमी आई है. हालांकि इस पर ध्‍यान देने की जरूरत है.  

उन्‍होंने पराली जलाने के मामलों में कमी के बावजूद ध्यान देने की जरूरत जताई. साथ ही कहा कि राज्यों ने बताया कि वह लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं और उनके नोडल अफसर तय हैं. उन्‍होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन कर रहे हैं और जन जागरूकता के प्रयास कर रहे हैं. 

यह भी पढ़ें :-  दिल्ली की एयर क्वालिटी 'बहुत खराब', दीवाली से पहले ही सांस लेना मुश्किल, अभी और जहरीली होगी हवा

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पिछले साल केंद्र सरकार ने 3 लाख से ज्यादा मशीनें सब्सिडी पर पर दी हैं, जो पराली प्रबंधन का काम करती है. बैठक में तय हुआ कि इन मशीनों का और अधिक प्रभावी प्रयोग किया जाएगा. कई बार इन मशीनों तक छोटे किसानों की पहुंच नहीं होती है. उन्‍होंने कहा कि छोटे किसानों को भी पराली के लिए मशीनें मुहैया कराई जा रही हैं. 

उन्‍होंने कहा कि बायो डी कंपोजर का अधिक उपयोग करें. इसे हम मिशन मोड में बढ़ावा देने की कोशिश करेंगे. 

उन्‍होंने कहा कि पराली जलाने के साथ ही अनियंत्रित संख्‍या में जलाए जाने वाले पटाखे भी प्रदूषण की समस्‍या को बढ़ा देते हैं. बैठक में इसे रोकने को लेकर भी बातचीत हुई. 



Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button