चीन के साथ संबंध 'चुनौतीपूर्ण', भारत अपने हितों की रक्षा करने में सक्षम : विदेश मंत्री एस जयशंकर
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत के आसपास के छोटे देशों में चीनी हस्तक्षेप चिंता का विषय है, जयशंकर ने कहा, ‘‘चीन के साथ हमारे रिश्ते चुनौतीपूर्ण हैं. लेकिन यह (भारत) एक ऐसा देश है जो आज आश्वस्त है, जो अपने हितों को आगे बढ़ाने और उनकी रक्षा करने में सक्षम है तथा प्रतिस्पर्धी दुनिया में हम प्रतिस्पर्धा करेंगे.”
मंत्री ने इस बात को खारिज किया कि एक दशक पहले की तुलना में अब ऐसे पड़ोसियों की संख्या अधिक है जो भारत के प्रति मित्रवत नहीं हैं. विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘कृपया बांग्लादेश जाएं और लोगों से पूछें कि वे क्या सोचते हैं. कृपया श्रीलंका में पूछें. उनके गंभीर आर्थिक संकट के दौरान, कौन उनके साथ खड़ा था? नेपाल जाएं और उनसे पूछें कि कोविड के दौरान आपको सभी टीके कहां से मिले? यूक्रेन संकट होने के बाद आपको उर्वरक और ईंधन किसने दिया.”
उन्होंने कहा कि पड़ोस में ऐसी ताकतें हो सकती हैं जो समस्याएं पैदा करती हैं और भारत में ऐसे लोग हो सकते हैं जो इन समस्याओं को तूल देना पसंद करते हैं.
जयशंकर ने कहा, ‘इसलिए, जहां तक हमारा सवाल है, मुझे लगता है कि अभी चीन के साथ हमारे संबंध बहुत ही असामान्य हैं, और पाकिस्तान के साथ भी हमारे संबंध ठीक नहीं हैं – आप सभी जानते हैं कि हमारे वर्तमान संबंधों की स्थिति क्या है. लेकिन इन दोनों को छोड़कर, मुझे लगता है कि पड़ोसियों के साथ हमारे संबंध पहले की तुलना में काफी बेहतर हैं.”
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के साथ भारत के रिश्ते बहुत मजबूत हैं और ये हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं. बांग्लादेश में विपक्षी ताकतों द्वारा भारत विरोधी प्रदर्शन किए जाने से संबंधित एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, ‘मैं केवल यह कह सकता हूं कि भारत-बांग्लादेश संबंध बहुत अच्छे हैं, बहुत मजबूत हैं. जब मैं भारत-बांग्लादेश संबंधों को देखता हूं, तो मैं पूरी तरह आश्वस्त होता हूं कि हर क्षेत्र में संबंध मजबूत हो रहे हैं.”
उन्होंने कहा, ‘इसलिए, वहां के बारे में मेरा दृष्टिकोण सकारात्मक है, बहुत सकारात्मक आकलन है. ‘इन आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कि भाजपा शासन के दौरान चीन ने भारत की जमीन पर अतिक्रमण किया है, जयशंकर ने कहा, ”1962 में, हमने 38,000 किलोमीटर जमीन खो दी, लेकिन 2000 के बाद, मुझे नहीं लगता कि आपका यह कहना सही होगा कि हमने ज़मीन खो दी है.’
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर भाजपा के चुनावी वादे की वर्तमान स्थिति पर एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि इस मामले पर एक राष्ट्रीय स्थिति है. उन्होंने कहा, ‘भारत की संसद ने एक संयुक्त रुख अपनाया है, और देश के हर राजनीतिक दल ने उस रुख का समर्थन किया है. यह एक ऐसा रुख है जिसमें हम कभी स्वीकार नहीं करेंगे कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं है. इसलिए, यह एक संयुक्त रुख है.’
जयशंकर ने कहा कि जहां तक पाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों का सवाल है तो आतंकवाद प्रमुख मुद्दा है. विदेश मंत्री ने कहा, ‘हम एक ऐसी पार्टी और सरकार हैं जो बहुत स्पष्ट रही है कि हम आतंकवाद को नजरअंदाज नहीं करेंगे; जब आतंकवाद होगा तो हम उससे मुंह नहीं मोड़ेंगे. अगर कुछ होता है, तो हम उससे निपटेंगे.’
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