Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.
देश

सहारा निवेशकों के लिए राहत की खबर, समूह पर संपत्ति बेचने पर कोई प्रतिबंध नहीं


नई दिल्ली:

सहारा समूह पहले ही कई विवादों घिरा हुआ है. अब उनकी मुश्किलें और बढ़ गई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए सेबी-सहारा रिफंड खाते में करीब 10,000 करोड़ रुपये जमा करने के लिए सहारा समूह पर अपनी संपत्ति बेचने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. 31 अगस्त, 2012 को जारी निर्देश में अदालत ने निर्देश दिया था कि सहारा समूह की कंपनियां – एसआईआरईसीएल और एसएचआईसीएल – व्यक्तिगत निवेशकों या निवेशकों के समूह से एकत्र की गई राशि को 15 प्रतिशत प्रति वर्ष ब्याज के साथ सेबी को वापस कर देंगी.

शीर्ष अदालत ने क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह द्वारा अदालत के निर्देशानुसार राशि जमा नहीं करने पर नाराजगी व्यक्त की. निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए सेबी-सहारा रिफंड खाते में करीब 10,000 करोड़ रुपये जमा करने के लिए सहारा समूह को अपनी संपत्ति बेचने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक सुनवाई के दौरान यह बात कही. शीर्ष अदालत ने एक अगस्त, 2012 को निर्देश दिया था कि सहारा समूह की कंपनियां – एसआईआरईसीएल और एसएचआईसीएल निवेशकों से जमा की गई राशि को 15 प्रतिशत सालाना ब्याज के साथ सेबी को वापस करेंगी.

जजों ने जताई थी नाराजगी

यह ब्याज धनराशि जमा करने की तारीख से पुनर्भुगतान की तारीख तक के लिए देय होगा. जज संजीव खन्ना, एम एम सुंदरेश और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने सहारा समूह के अदालत के निर्देशानुसार राशि जमा नहीं करने पर नाराजगी जताई थी. सहारा समूह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि कंपनी को अपनी संपत्तियां बेचने का अवसर नहीं दिया गया.

यह भी पढ़ें :-  प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट: मंदिर-मस्जिद विवाद पर SC ने कही 3 बड़ी बातें, आपके लिए जानना जरूरी

सर्किल रेट से कम कीमत पर नहीं बेचा जाना चाहिए

इस पर पीठ ने कहा कि न्यायालय के आदेश अनुसार 25,000 करोड़ रुपये में से बाकी 10,000 करोड़ रुपये जमा करने के लिए सहारा समूह पर अपनी संपत्तियां बेचने के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही जोड़ा कि संपत्तियों को सर्किल रेट से कम कीमत पर नहीं बेचा जाना चाहिए. इसे सर्किल रेट से कम कीमत पर बेचने की स्थिति में न्यायालय की पूर्व अनुमति लेनी होगी.

(भाषा इनपुट्स के साथ)


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button