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केरल भूस्खलन: पीड़ितों को बचाने के लिए पूरा जोर लगा रहे बचावकर्मी, मृतक संख्या हुई 177


वायनाड:

केरल के वायनाड जिले में दो दिन पहले हुए भूस्खलन के कारण ढही इमारतों में फंसे पीड़ितों की खोज में बचाव दलों को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है. भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 177 हो गई है और करीब 200 लोग अब भी लापता हैं.

जिला प्रशासन ने बृहस्पतिवार को बताया कि बचावकर्मियों द्वारा मलबा हटाये जाने के बाद मृतकों की संख्या और भी बढ़ने की आशंका है.

कुछ अपुष्ट खबरों में 276 लोगों की मौत का अनुमान लगाया गया है. वहीं वायनाड जिले के अधिकारियों ने ताजा बुलेटिन में बताया कि भूस्खलन में कम से कम 177 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 25 बच्चे और 70 महिलाएं शामिल हैं.

बुलेटिन के मुताबिक, 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से अधिकतर सबसे अधिक प्रभावित मुंडक्कई और चूरलमाला क्षेत्रों के रहने वाले हैं.

भूस्खलन से नष्ट हो चुकी सड़कें व पुल के टूट जाने और भारी उपकरणों की कमी के कारण बचाव दल को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. बचाव दल के कर्मियों को कीचड़ और बड़े-बड़े उखड़े हुए पेड़ों को हटाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. पेड़ों के गिरने से मकान और अन्य इमारतें पूरी तरह से नष्ट हो गये.

आपदा प्रभावित क्षेत्र में बचाव प्रयासों का समन्वय कर रहे राज्य के राजस्व मंत्री के. राजन ने बताया कि सेना, नौसेना, (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) एनडीआरएफ और पुलिस सहित 1,600 से अधिक बचावकर्मी भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में बचाव अभियान में जुटे हैं.

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाद्रा सहित अन्य राजनेताओं ने विस्थापित लोगों से मुलाकात की और उनके साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की.

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विजयन ने यहां सर्वदलीय बैठक के बाद कहा, “पहली प्राथमिकता वायनाड त्रासदी के पीड़ितों को बचाना है.”

उन्होंने कहा कि विभिन्न बलों, निर्वाचित प्रतिनिधियों, अधिकारियों और स्वैच्छिक संगठनों तथा स्थानीय लोगों के समन्वित प्रयासों से चलाया जा रहा बचाव अभियान और कुछ दिन जारी रहेगा.

उन्होंने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि लापता लोगों के शवों को बरामद करने के लिए आपदा प्रभावित क्षेत्र और नदी में चलाया जा रहा खोज अभियान जारी रहेगी.

विजयन ने कहा कि सेना द्वारा चूरलमाला और मुंडक्कई के बीच बनाए जा रहे अस्थायी पुल (बेली ब्रिज) के पूरा होने के बाद बचाव कार्यों के लिए आवश्यक उपकरण आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाए जा सकेंगे.

वायनाड से कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल ने कहा कि यह आपदा ‘वायनाड, केरल और राष्ट्र के लिए एक भयानक त्रासदी है.’ उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “हम यहां के हालात देखने आए हैं. यह देखना काफी दर्दनाक अनुभव है कि लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों और घरों को खो दिया है. इन परिस्थितियों में लोगों से बात करना बहुत मुश्किल है क्योंकि आप वास्तव में नहीं जानते कि उनसे क्या कहना है. यह मेरे लिए काफी मुश्किल दिन रहा लेकिन हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि बचे हुए लोगों को उनका हक मिले.” राजन ने कहा कि अधिकारी फिलहाल लापता लोगों की संख्या नहीं बता सकते हैं.

उन्होंने कहा, “शुरू में हमने लापता लोगों की पहचान करने के लिए मतदाता सूची का इस्तेमाल किया. चूंकि इसमें बच्चों का विवरण नहीं है इसलिए अब हम राशन कार्ड और अन्य विवरणों पर निर्भर हैं. हम राशन कार्ड के विवरण की जांच कर आशा कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से लापता लोगों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं.”

  1. राजन के अनुसार, वर्तमान में सेना, नौसेना, एनडीआरएफ, पुलिस, अग्निशमन और बचाव दल सहित अन्य बलों के 1,600 से अधिक बचावकर्मी भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में मुस्तैद हैं.
  2. राजन ने कहा, “उनके अलावा इलाके से परिचित स्थानीय लोग और अन्य बचावकर्मी भी अभियान में मदद कर रहे हैं. लापता लोगों को खोजने के लिए कुल 3,000 से अधिक लोग अथक प्रयास कर रहे हैं.”
  3. स्वास्थ्य देखभाल कर्मी 24 घंटे काम कर रहे हैं और ऐसी विकट परिस्थितियों से जूझ रहे हैं जिसमें उन्हें गंभीर रूप से घायल लोगों की देखभाल करनी है और इसके साथ ही शवों का पोस्टमार्टम करना है.
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राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा, “आज (बृहस्पतिवार) सुबह सात बजे तक, हमने 256 शवों का पोस्टमार्टम पूरा कर लिया था और इनमें शरीर के अंग भी शामिल हैं. इसलिए यह पूरे 256 शव नहीं हैं, बल्कि इसमें शरीर के अंग भी शामिल हैं. हमने 154 शव जिला प्रशासन को सौंप दिए हैं.”

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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