RG कर रेप मर्डर केस: कोर्ट ने संजय रॉय को दोषी करार दिया, सोमवार को सुनाई जाएगी सजा
कोलकाता:
कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में संजय रॉय को दोषी करार दे दिया गया है. सजा पर सोमवार को कोर्ट में बहस होगी. कोलकाता पुलिस के नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय पर पिछले साल नौ अगस्त को शहर के उत्तरी हिस्से में स्थित सरकारी अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ जघन्य अपराध करने का आरोप लगाया गया था. अदालत ने आज संजय रॉय को दोषी करार दे दिया है.
CBI के शिकंजे में कैसे आया संजय रॉय
- 8 और 9 अगस्त 2024 की रात करीब 4:03 बजे आर जी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हाल में आरोपी संजय राय अन्दर गया और 4:32 बजे बाहर निकला.
- संजय रॉय ने केवल 29 मिनट में मेडिकल छात्रा के साथ रेप किया और उसकी हत्या कर दी, उसके मोबाइल की लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज से ये साबित हुआ है.
- आरोपी संजय रॉय का ब्लूटूथ घटनास्थल पर मिला, जिसकी MAC ID उसके मोबाइल की ब्लूटूथ हिस्ट्री की MAC ID से मैच हो गई.
- ब्लूटूथ भी ऑटोमेटिक उसके मोबाइल से कनेक्ट हो गया.
- पीड़िता के शरीर पर आरोपी के मुंह का सलाइवा पाया गया.
- संजय रॉय की जींस और जूतों पर पीड़िता का खून पाया गया.
- संजय का डीएनए मौके पर मिले सबूतों से मैच हुआ.
- संजय के शरीर पर जो चोट के 5 निशान मिले वो 24 से 48 घंटे के पहले के साथ ये ब्लंट फोर्स इंजरी थी, जो बचाव की कोशिश के दौरान की थीं.
- फुटप्रिंट मैपिंग और मौका-ए-वारदात की 3D मैपिंग, फोरेंसिक जांच से ये साफ हुआ कि उस रात वहां कोई दूसरा शख्स नहीं आया था.
- मेडिकल जांच में यह भी खारिज कर दिया गया कि संजय रॉय यौन रूप से नपुंसक नहीं है.
- केस के दौरान 128 लोगों के बयान दर्ज किए गए, जो केस को अंजाम तक पहुंचाने में काफी अहम रहे.
इस मामले में 12 नवंबर को बंद कमरे में सुनवाई शुरू हुई थी, इसके 57 दिन बाद सियालदह अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिरबन दास ने फैसला सुनाया. मामले की जांच कर रही कोलकाता पुलिस ने रॉय को 10 अगस्त को गिरफ्तार किया था. इससे एक दिन पहले ही डॉक्टर का शव अस्पताल के सेमिनार रूम से बरामद किया गया था. बाद में कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंप दिया था.
डॉक्टर के साथ बलात्कार एवं हत्या के मामले में रॉय पर मुकदमे की सुनवाई नौ जनवरी को पूरी हुई, जिसके दौरान 50 गवाहों से पूछताछ की गई. पीड़ित डॉक्टर चिकित्सक के माता-पिता ने दावा किया है कि अपराध में अन्य लोग भी शामिल थे और उन्हें उम्मीद है कि उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा और अदालत में उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा.
पीड़िता के माता-पिता ने भी मामले की आगे की जांच की मांग करते हुए अदालत में एक आवेदन दायर किया है. इस अपराध के कारण देश भर में आक्रोश फैल गया और कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों ने पीड़िता के लिए न्याय और सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की मांग करते हुए लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन किया.
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