Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.
देश

सड़कें टूटीं, टोल क्यों? हाईकोर्ट का बड़ा फैसला; जानिए क्या कहता है नियम


नई दिल्ली:

भारत में पिछले लगभग एक दशक में बुनियादी ढ़ाचे का तेजी से विकास हुआ है. जिनमें सबसे अधिक विकास सड़कों का हुआ है. नेशनल हाईवे का जाल पिछले कुछ दशकों में तेजी से फैला है, और यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क बन चुका है. इन सड़कों के निर्माण और रखरखाव के लिए टोल टैक्स एक प्रमुख सोर्स है. लेकिन हाल के वर्षों में टोल टैक्स को लेकर विवाद बढ़ा है, खासकर तब जब सड़कें खराब हालत में होती हैं और फिर भी वाहन चालकों से शुल्क वसूला जाता है. इस मुद्दे पर समय-समय पर अदालत की तरफ से भी फैसले आए हैं. ताजा फैसला जम्मू कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट का आया है जिसमें कहा गया है कि अगर सड़क की हालत अच्छी नहीं है तो आप टोल टैक्स नहीं वसूल सकते हैं.

अदालत ने कहा कि यदि सड़कें खराब हालत में हैं, तो टोल वसूलना जनता के अधिकारों का हनन है. सुविधा के बदले शुल्क लिया जाता है, लेकिन यहां तो सुविधा का नामोनिशान नहीं है. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि संबंधित प्राधिकरण जल्द से जल्द सड़क की मरम्मत और निर्माण कार्य पूरा करें. 

टोल टैक्स को लेकर क्या हैं नियम?
भारत में टोल टैक्स का संचालन राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (शुल्क निर्धारण और संग्रह) नियम, 2008 के तहत होता है. ये नियम सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा बनाए गए हैं. इसके तहत राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा स्थापित किए जाते हैं, जहां वाहनों से उनकी श्रेणी और तय दूरी के आधार पर शुल्क लिया जाता है. नियमों में साफ प्रावधान है कि दो टोल प्लाजा के बीच कम से कम 60 किलोमीटर की दूरी होनी चाहिए. अगर यह दूरी कम होती है, तो टोल प्लाजा को हटाने का अधिकार मंत्रालय के पास है. 

इस नियम के तहत स्थानीय लोगों को राहत देने के लिए कुछ छूट भी दी जाती है. अगर कोई व्यक्ति टोल प्लाजा से 20 किलोमीटर के दायरे में रहता है, तो वह निवास प्रमाण दिखाकर मासिक पास ले सकता है, जिसकी कीमत सामान्य टोल से कम होती है. इसके अलावा, फास्टैग सिस्टम लागू होने के बाद टोल वसूली को तेज और पारदर्शी बनाने की कोशिश की गई है. हालांकि, तकनीकी खामियों के कारण कई बार वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता रहा है. 

  • सड़कों के निर्माण और रखरखाव के लिए टोल टैक्स एक प्रमुख सोर्स है.
  • जम्मू कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने कहा है कि सड़क की हालत खराब होने पर टोल टैक्स नहीं लिया जा सकता.
  • टोल टैक्स का संचालन राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम, 2008 के तहत होता है.
  • टोल शुल्क वाहन की श्रेणी और तय दूरी के आधार पर लिया जाता है.
  • दो टोल प्लाजा के बीच कम से कम 60 किलोमीटर की दूरी होनी चाहिए.
  • फास्टैग सिस्टम से टोल वसूली को तेज और पारदर्शी बनाने की कोशिश की गई है.
यह भी पढ़ें :-  Explainer : दिल्ली से जयपुर आधे घंटे में, हाइपरलूप टेक्नोलॉजी कैसे बदल देगी परिवहन की तस्वीर

सरकार का क्या कहना है? 
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी टोल टैक्स को लेकर कई बार अपनी राय रख चुके हैं। उनका मानना है कि टोल वसूली सड़क निर्माण और रखरखाव के लिए जरूरी है, लेकिन यह जनता पर बोझ नहीं बनना चाहिए. 

हम एक समान टोल नीति लाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि पूरे देश में एक जैसा टोल लागू हो और लोगों की शिकायतें कम हों.

– नितिन गडकरी, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री

जनवरी 2025 में पुणे में एक कार्यक्रम में गडकरी ने निजी वाहनों के लिए मासिक और सालाना टोल पास की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था टोल राजस्व का 74% हिस्सा वाणिज्यिक वाहनों से आता है, जबकि निजी वाहनों की हिस्सेदारी 26% है. इसलिए हम निजी वाहन चालकों को राहत देना चाहते हैं.गडकरी ने यह भी वादा किया था कि टोल बूथ को गांवों से बाहर ले जाया जाएगा, ताकि स्थानीय लोगों को परेशानी न हो. 

नितिन गडकरी ने कई बार कहा है कि अगर सड़कें अच्छी हालत में नहीं हैं, तो टोल नहीं वसूला जाना चाहिए। जनता को बेहतर सुविधा देना हमारी जिम्मेदारी है. तंबर 2024 में दिल्ली-जयपुर हाईवे पर टोल की शिकायतों पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा, सड़क बनाने का पैसा लोन से आता है, जिसे चुकाने में समय लगता है। लेकिन हम यह सुनिश्चित करेंगे कि जनता को परेशानी न हो.

कितना टोल वसूला जाता है, क्या हैं नियम? 
भारत में टोल टैक्स की वसूली पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल टोल संग्रह 64,809.86 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल से 35% अधिक है. 2019-20 में यह आंकड़ा 27,503 करोड़ रुपये था. दिसंबर 2024 में लोकसभा में गडकरी ने बताया था कि 2000 से अब तक पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत 1.44 लाख करोड़ रुपये टोल के रूप में वसूले गए हैं. 

Latest and Breaking News on NDTV

टोल की दरें वाहन के प्रकार और दूरी पर निर्भर करती हैं. एक प्राइवेट कार के लिए औसतन 1.50 से 2 रुपये प्रति किलोमीटर टोल लिया जाता है, जबकि ट्रक और बसों के लिए यह दर 5 से 7 रुपये प्रति किलोमीटर तक हो सकती है. देश में करीब 1,200 टोल प्लाजा हैं, जिनमें से ज्यादातर NHAI के अधीन हैं. 2023-24 में NHAI ने अकेले 54,000 करोड़ रुपये से अधिक टोल वसूला.  यह राशि सड़क निर्माण, रखरखाव और कर्ज चुकाने में खर्च होती है. 

Latest and Breaking News on NDTV

टोल के पैसे का क्या होता है? 
टोल टैक्स का संचालन और नियंत्रण सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन होता है. इसकी जिम्मेदारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को सौंपी गई है. NHAI राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 और शुल्क नियम, 2008 के तहत टोल प्लाजा स्थापित करता है और शुल्क वसूलता है. कई मामलों में निजी कंपनियों को PPP मॉडल के तहत टोल संचालन का ठेका दिया जाता है, लेकिन उनकी निगरानी NHAI और मंत्रालय करते हैं. टोल से होने वाली आय का एक बड़ा हिस्सा बैंकों से लिए गए कर्ज की वापसी में जाता है, क्योंकि ज्यादातर हाईवे परियोजनाएं लोन लेकर बनाई जाती है. 

  • प्राइवेट कार के लिए टोल 1.50 से 2 रुपये प्रति किलोमीटर होता है.
  • भारत में टोल टैक्स की वसूली पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है.
  • वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल टोल संग्रह 64,809.86 करोड़ रुपये रहा था.
  • देश में करीब 1,200 टोल प्लाजा हैं, ज्यादातर NHAI के अधीन हैं.
  • टोल की राशि सड़क निर्माण, रखरखाव और कर्ज चुकाने में खर्च होती है.  
  • PPP मॉडल के तहत निजी कंपनियां टोल संचालन करती हैं, लेकिन NHAI उनकी निगरानी करता है.
यह भी पढ़ें :-  वे अस्पताल में आईं और... कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं विनेश ने पीटी उषा पर लगाए गंभीर आरोप

टोल टैक्स से किसे मिलती है छूट? 
भारत में टोल टैक्स से कुछ वाहनों को छूट मिलती हैं. यह छूट राष्ट्रीय राजमार्गों पर लागू होती है. राज्य सरकारें अपने स्तर पर अतिरिक्त छूट प्रदान कर सकती हैं, जैसे कि महाकुंभ 2025 के दौरान उत्तर प्रदेश में कुछ टोल प्लाजा को मुफ्त करने की घोषणा की गई थी.  जिन लोगों को छूट मिलती है, उन्हें अक्सर आधिकारिक पहचान पत्र या प्रमाण प्रस्तुत करना होता है.  


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button