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Russia Ukraine War: ऐसा क्या हुआ रूस ने अमेरिका और NATO को दे दी तीसरे विश्व युद्ध की चेतावनी


नई दिल्ली:

Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन में करीब ढाई साल से युद्ध चला आ रहा  है और फिलहाल निकट भविष्य में इस युद्ध के अंत के कोई आसार नज़र नहीं आ रहे हैं. आरंभ में रूस ने युद्ध में काफी आक्रामक रुख के साथ जोरदार बमबारी की लेकिन यूक्रेन (Ukraine attack Kursk in Russia) ने फिर कई बार पलटवार कर रूस को थाम दिया. इस युद्ध के इतने साल खिंचने के बाद अब लगने लगा है कि रूस का सब्र का बांध टूटने लगा है. रूस को लगने लगा है कि यूक्रेन अपनी क्षमता से अधिक युद्ध को झेल रहा है. यह तो तय है और रूस को भी पता है कि यूक्रेन को अमेरिका और यूरोप (United States and Europe) के कुछ देश का खुला साथ मिल रहा है. सीमित साथ की बात तक रूस बर्दाश्त करता आ रहा था, लेकिन अब रूस का  कहना है कि ये देश परोक्ष रूप से युद्ध में शामिल होते जा रहे हैं. 

यूक्रेन ने मांगी मिसाइल इस्तेमाल की इजाजत

रूस ने कहा है कि पश्चिमी देश यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइल के प्रयोग की इजाजत देने की बात सोचकर आग से खेलने का काम कर रहे हैं. रूस ने अमेरिका सहित इन देशों को चेतावनी दे डाली है कि तीसरा विश्व युद्ध केवल यूरोप तक सीमित नहीं रहेगा. इस बात से साफ है कि रूस अमेरिका तक पर हमला कर देगा. इसके अलावा वैश्विक पटल पर जिस तरह से परिदृश्य बदल रहा है वह तीसरी विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि तैयार कर रहे हैं. 

यूक्रेन ने रूस के कुर्स्क पर किया जोरदार हमला

बता दें कि यूक्रेन ने 6 अगस्त को रूस के पश्चिमी कुर्स्क क्षेत्र पर हमला किया और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ऐसा पहली बार हुआ है कि रूस पर इतना बड़ा विदेशी हमला हुआ हो और रूस के इलाके का एक टुकड़ा कट गया हो.

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राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साफ कहा है कि इस हमले का रूस की ओर से उचित जवाब दिया जाएगा. 

पश्चिमी देशों की इजाजत मुसीबत को बुलावा

येरुसेलम पोस्ट की खबर के अनुसार, सर्गेई लावरोव, जिन्होंने 20 से अधिक वर्षों तक पुतिन के विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया है, का कहना है कि पश्चिमी देश यूक्रेन युद्ध को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं और विदेशी आपूर्ति वाले हथियारों के उपयोग पर प्रतिबंधों को कम करने के यूक्रेनी अनुरोधों पर विचार करके “परेशानी को बढ़ावा दे रहे हैं.

पुतिन देते रहे हैं तीसरे विश्व युद्ध की चेतावनी 

2022 में यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने बार-बार दुनिया को चेतावनी दी है कि यह युद्ध सबसे बड़ी परमाणु शक्तियों के एक व्यापक युद्ध में बदल सकता है. हालांकि, उन्होंने कहा है कि रूस अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो गठबंधन के साथ संघर्ष नहीं चाहता है.

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लावरोव ने कहा कि हम एक बार फिर पुख्ता तौर पर कह रहे हैं कि आग से खेलना ठीक नहीं है. समझदार लोगों को जानना चाहिए कि यह बहुत खतरनाक है. यह सभी परमाणु हथियार संपन्न देशों को सोचना और समझना चाहिए. 

यूरोप पर पड़ेगा सबसे बुरा असर

लावरोव ने कहा कि भगवान न करे कि यदि तीसरा विश्व युद्ध यदि होता है तो यह यूरोप पर सबसे ज्यादा असर डालेगा. उन्होंने कहा कि रूस केवल अपनी परमाणु नीति को साफ कर रहा है. उन्होंने कहा कि रूस के राष्ट्रपति को परमाणु हथियार का प्रयोग करने का आदेश देने का अधिकार है.

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यह वह तब कर सकते हैं जब रूस पर परमाणु हथियार का प्रयोग हो, या कोई ऐसा हथियार रूस के खिलाफ प्रयोग में लाया जाए जो भयानक तबाही के लिए जिम्मेदार हो और ऐसा होने पर रूस के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो जाए. 

जेलेंस्की ने ली पुतिन की चुटकी

याद दिला दें कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा था कि रूस के कुर्स्क इलाके में हमले से साफ हो गया है कि रूस का जोरदार हमला करने का बयाव केवल गीदड़ भभकी है. इसके बाद यूक्रेन ने कहा कि उसके पास रूस के भीतर सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के हथियार हैं लेकिन साथी देशों द्वारा इसकी इजाजत नहीं दिए जाने के कारण इसका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. इसी  के साथ उन्होंने कहा कि हमने इसकी इजाजत हथियारों के सप्लार्स से मांगी है. 

रूस ने विदेशी हथियारों के इस्तेमाल का लगाया आरोप

रूस ने कहा  कि पश्चिमी देशों के हथियार, जिनमें ब्रिटिश टैंक और यूएस के रॉकेट सिस्टम का यूक्रेन ने कुर्स्क में हमले के लिए प्रयोग किया है. कीव ने भी यह कंफर्म किया है कि उसने अमेरिका की हिमार्स मिसाइल का प्रयोग कुर्स्क में किया है. 

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अमेरिका ने झाड़ा पल्ला

वहीं, अमेरिका ने कहा है कि उसे यूक्रेन द्वारा कुर्स्क में मिसाइल के प्रयोग से पहले किसी प्रकार से कोई सूचना नहीं दी गई थी. अमेरिका ने यह भी कह दिया है कि उसने इस ऑपरेशन में किसी भी प्रकार से हिस्सा नहीं लिया था. 

अमेरिका के इस हमले से हाथ झाड़ लेने के बाद भी पुतिन के फॉरेन इंटेलीजेंस चीफ, सरगेई नारेश्किन ने कहा कि रूस पश्चिमी देशों के बयान पर भरोसा नहीं करता है. वह यह नहीं मानता है  कि इन देशा का कुर्स्क में हमले से कोई लेना देना नहीं है.

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रूस के उपविदेश मंत्री ने कहा कि सरगेई रेयाब्कोव ने कहा कि इस युद्ध में अमेरिका का शामिल होना एक सच्चाई है. 

ब्रिटेन और अमेरिका ने दी सैटेलाइट तस्वीरें

कुछ विदेश अखबारों में छपी खबरों के मुताबिक अमेरिका और ब्रिटेन ने यूक्रेन को रूस के सैन्य मूवमेंट के बारे में जानकारी देने के लिए सैटेलाइट इमेज दी थी जिसका फायदा उठाकर यूक्रेन ने रूस पर कुर्स्क में हमला कर दिया. इन देशों का कहना है कि यह सूचना यूक्रेन को केवल इसलिए दी गई थी कि वह रूस की सेना के मूवमेंट के बारे जानें और अपनी बेहतर तैयारी कर सके. लेकिन यूक्रेन हमला कर सभी को चौंका दिया. 

अब रूस इस बात से बेहद खफा है और आगे की योजना पर काम कर रहा है.


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