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रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने स्वीकर किया पीएम मोदी का भारत आने का निमंत्रण, किसके लिए है क्या संदेश


नई दिल्ली:

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत आने के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है. उनकी भारत यात्रा की तैयारियां चल रही हैं. इस बात की जानकारी रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने गुरुवार को दी. हालांकि किसी भी पक्ष ने अभी यह नहीं बताया है कि पुतिन का भारत दौरा कब होगा.लेकिन राष्ट्रपति पुतिन का यह भारत दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी उथल-पुथल मची हुई है, खासकर डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद से.

क्या बोले रूसी विदेश मंत्री

लावरोव ने रूसी अंतरराष्ट्रीय मामलों की परिषद की ओर से ‘रूस और भारत: एक नई द्विपक्षीय एजेंडा की ओर’, विषय पर आयोजित सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित करते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है.उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे के कार्यक्रम को तैयार किया जा रहा है. 

लावरोव ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले विदेश दौरे के लिए रूस को चुना था,अब हमारी बारी है. 

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 2018 में अपनी भारत यात्रा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के साथ.

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल जुलाई रूस का दौरा किया था. यह करीब पांच साल में उनकी रूस की पहली यात्रा थी. इससे पहले, उन्होंने 2019 में रूस के पूर्वी शहर व्लादिवोस्तोक का दौरा किया था. वहां वे एक आर्थिक सम्मेलन में शामिल हुए थे.अपनी पिछली यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भारत आने का न्योता दिया था.

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कितनी महत्वपूर्ण है पुतिन की भारत यात्रा

The Hindkeshariने राष्ट्रपति पुतिन की प्रस्तावित भारत यात्रा के महत्व के सवाल पर विदेश मामलों के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार कमर आगा से बात की. उन्होंने कहा कि पुतिन की यह भारत यात्रा काफी महत्वपूर्ण है. खासकर तब जब पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो. उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय रिश्तों में इस तरह के सेंक्शन को नहीं मानता है. उन्होंने कहा कि रूस भारत का बहुत पुराना दोस्त है. वो कहते हैं कि रूस दुनिया में ऐसा अकेला देश है जो संयुक्त राष्ट्र में भारत के खिलाफ आने वाले प्रस्तावों को वीटो करता है. वो कहते हैं कि रूस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का भी समर्थक है. इन सब बातों को देखते हुए भारत के लिए रूस काफी महत्वपूर्ण हो जाता है. भारत कभी भी रूस को नहीं छोड़ सकता है. 

आगा कहते हैं कि पुतिन की भारत यात्रा ऐसे समय पर हो रही है, जब भारत पर अमेरिकी दवाब लगातार बढ़ता चला जा रहा है. इससे भारत अमेरिका और दुनिया के दूसरे अन्य देशों को यह दिखाना चाहता है कि हम किसी के दवाब में नहीं आते हैं और हमारी विदेश नीति स्वतंत्र और स्वायत्त है.

अपने तीसरे कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा पर पीएम नरेंद्र मोदी रूस गए थे.

अपने तीसरे कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा पर पीएम नरेंद्र मोदी रूस गए थे.

पुतिन की भारत  यात्रा से चीन को क्या संबंध देगा भारत

पुतिन की भारत यात्रा से क्या चीन को भी कोई संदेश जाएगा.इस सवाल पर आगा कहते हैं कि रूस भारत का मित्र देश है. उसने कई बार चीन पर इस बात को लेकर दबाव डाला है कि वह कब्जा किए हुए जमीन को छोड़े और भारत पर अनावश्यक रूप से कोई दवाब न डाले. इसके पीछ रूस की कोशिश यह रहती है कि चीन के साथ भारत के रिश्ते सुधर जाएं. 

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रूसी राष्ट्रपति इससे पहले दिसंबर 2021 को भारत की यात्रा पर आए थे. अपनी उस यात्रा में 21वें भारत-रूस सम्मेलन में भाग लिया था. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. इस यात्रा में दोनों देशों ने रणनीतिक सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की थी.

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