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उत्तर कोरिया पहुंचे रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन, 24 साल में पहली यात्रा, अमेरिका ने जताई चिंता


नई दिल्‍ली :

रूस (Russia) के राष्‍ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) आज तड़के उत्तर कोरिया (North Korea) पहुंचे. रूस की ओर से कहा गया है कि इस यात्रा से दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को बढ़ावा मिलेगा. भोर से ठीक पहले रूसी टीवी ने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग को प्‍योंगयांग के एयरपोर्ट पर पुतिन का स्‍वागत करते दिखाया. दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया और फिर गले मिले. इसके बाद पुतिन को रूसी झंडों से सजी सड़कों पर काफिले के साथ ले जाया गया. पुतिन की 24 सालों में यह पुतिन की उत्तर कोरिया की पहली यात्रा है.

हाल ही में उत्तर और दक्षिण कोरियाई सैनिकों के बीच सीमा पर टकराव ने क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद उत्तर कोरिया की स्थापना से ही रूस और उत्तर कोरिया सहयोगी रहे हैं और 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पश्चिम द्वारा पुतिन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने के बाद से दोनों देश और भी करीब आ गए हैं. 

अमेरिका और उसके सहयोगियों ने उत्तर कोरिया पर यूक्रेन में इस्‍तेमाल के लिए बैलिस्टिक मिसाइलों सहित रूस को बहुत आवश्यक हथियारों की आपूर्ति करने का आरोप लगाया है. उत्तर कोरिया ने रूस को सैन्य हार्डवेयर देने से इनकार कर दिया है, लेकिन अपनी यात्रा से पहले पुतिन ने युद्ध के प्रयासों में मदद करने के लिए किम की सरकार को धन्यवाद दिया है. 

उत्तर कोरिया और रूस झेल रहे हैं प्रतिबंध 

उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया द्वारा मंगलवार को प्रकाशित एक लेख में पुतिन ने कहा, “हम इस बात की बेहद सराहना करते हैं कि डीपीआरके (उत्तर कोरिया) यूक्रेन में चलाए जा रहे रूस के विशेष सैन्य अभियानों का दृढ़ता से समर्थन कर रहा है.” पुतिन ने लिखा, रूस और उत्तर कोरिया “अब सक्रिय रूप से बहु-पक्षीय साझेदारी विकसित कर रहे हैं”.

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दोनों देश संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों के दायरे में हैं – प्रतिबंधित परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को लेकर 2006 से उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध हैं तो यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं. 

पुतिन की यात्रा को लेकर अमेरिका ने जताई है चिंता 

अमेरिका ने दक्षिण कोरिया के साथ यूक्रेन के सुरक्षा हितों को लेकर पुतिन की यात्रा को लेकर चिंता जताई है. 1950-53 के संघर्ष के बाद से ही दोनों कोरिया तकनीकी रूप से युद्ध की स्थिति में हैं और उन्हें विभाजित करने वाली सीमा दुनिया में सबसे भारी किलेबंदी में से एक है. 

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने संवाददाताओं से कहा, “हम जानते हैं कि उत्तर कोरियाई बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल अभी भी यूक्रेनी लक्ष्यों पर हमला करने के लिए किया जा रहा है (और) यहां कुछ पारस्परिकता हो सकती है,  जो कोरियाई प्रायद्वीप पर सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है.”

दक्षिण कोरिया ने उन सुरक्षा चिंताओं को उजागर करते हुए कहा कि उसके सैनिकों ने उत्तर के सैनिकों पर चेतावनी के तौर पर गोलियां चलाई है, जो मंगलवार को कुछ देर के लिए सीमा पार कर गए और फिर पीछे हट गए. 

दक्षिण कोरियाई सेना ने कहा कि उसका मानना ​​है कि उत्तर कोरियाई सैनिक गलती से सीमा पार कर गए क्योंकि वे सीमा को मजबूत कर रहे थे. साथ ही कहा कि हालांकि उनमें से कुछ बारूदी सुरंगों में विस्फोट के बाद घायल हो गए. 

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