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अपनी बात रखने के लिए चुन सकता था बेहतर शब्द… : भारत की विविधता वाले बयान पर बोले सैम पित्रोदा


नई दिल्ली:

कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) को एक बार फिर ओवरसीज कांग्रेस का चीफ (Congress Overseas chief) बना दिया गया है. लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपने विवादित बयानों के बाद 8 मई को पद से इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफे के 50 दिन बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उन्हें दोबारा उसी पद पर नियुक्त किया. पित्रोदा ने लोकसभा चुनाव के दौरान एक इंटरव्यू में भारत की विविधता को लेकर विवादास्पद बयान दिया था. हालांकि, वो अभी भी अपने बयान पर कायम हैं. लेकिन उन्होंने माना कि वो इंटरव्यू में अपनी बात को और बेहतर तरीके से रख सकते थे. सैम पित्रोदा ने गुरुवार को The Hindkeshariको दिए गए खास इंटरव्यू में कहा, “बात शब्दों के बारे में नहीं, बल्कि उसके अर्थ के बारे में है… शायद मैं अपनी बात बेहतर तरीके से रख सकता था.” 

सैम पित्रोदा ने रंगभेद वाले बयान को लेकर पूछे गए एक सवाल का गोलमोल जवाब दिया. उन्होंने कहा, “मुझे अपनी जिंदगी चलानी है. वो (विरोधी) कह सकते हैं कि मैं शिकागो में रहता हूं. ऐसे में भारत के बारे में क्यों बात कर रहा हूं? ये बात समझने की जरूरत है. मैं एक शालीनता के साथ बातचीत यानी हेल्दी डिस्कशन की उम्मीद करता हूं… हेल्दी डिस्कशन अब कहां होता है. लोगों को बातचीत के सार में कोई दिलचस्पी नहीं है, लेकिन बातचीत के स्वरूप को लेकर उन्हें जरूर दिक्कत होती है.”

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पित्रोदा ने इंटरव्यू में कहा, “मेरी बातों को लेकर निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले किसी ने मुझसे ये नहीं पूछा कि मैंने जो कहा, उसका क्या मतलब है? जब मैंने इंहेरिटेंस टैक्स यानी विरासत कर पर बयान दिया, तो उसका गलत मतलब निकाला गया. मेरा मतलब यह नहीं था कि मैं इंहेरिटेंस टैक्स की वकालत कर रहा हूं. आप खुद ही इस नतीजे पर कैसे पहुंच गए?”

उन्होंने कहा, “भारत की विविधता के बारे में भी मेरी कही बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया.” पित्रोदा कहते हैं, “मैंने जो कहा, उससे मेरा मतलब ये बताना था कि हम कितने विविध हैं, कितने अलग हैं. लेकिन इसे नस्लीय टिप्पणी का रूप दे दिया गया. हम अफ्रीका से आए हैं, ये कहने में कोई नस्लीय टिप्पणी नहीं हुई. यह जिंदगी का एक फैक्ट है. कौन कहता है कि श्यामवर्ण यानी अश्वेत होना नस्लवादी है? मैं सांवला हूं. लेकिन मेरी पत्नी का रंग गोरा है. क्या ये बताना नस्लीय टिप्पणी करना हुआ?”

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सैम पित्रोदा ने कहा, “हम बिना बात का मुद्दा बना लेते हैं. इसी वजह से मैंने इस सबसे दूरी बनाने का फैसला लिया था. यह बाकी अहम मुद्दों पर फोकस करने का तरीका है.”

पित्रोदा ने भारत की विविधता पर क्या कहा था?
लोकसभा चुनाव के बीच 8 मई को पित्रोदा का एक वीडियो सामने आया था. ये वीडियो उनके एक इंटरव्यू का हिस्सा था. इसमें वे कह रहे थे कि भारत में ईस्ट के लोग चाइनीज और साउथ वाले अफ्रीकन दिखते हैं. कांग्रेस नेता ने आगे कहा- “हम सभी अलग-अलग भाषाओं, धर्मों, रीति-रिवाजों और खाने का सम्मान करते हैं. यही वह भारत है जिसमें मैं विश्वास करता हूं, जहां हर किसी के लिए एक जगह है. यहां हर कोई एक-दूसरे के लिए थोड़ा-बहुत समझौता करता है.”

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विवाद बढ़ने पर दिया था इस्तीफा
उनके इस बयान से कांग्रेस ने किनारा कर लिया था. विवाद बढ़ने के कुछ देर बाद ही पित्रोदा ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. इसकी जानकारी कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने दी थी. उन्होंने X पर लिखा था कि पित्रोदा ने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया है, जिसे स्वीकार कर लिया गया.

दोबारा नियुक्ति पर कांग्रेस की तरफ से मिली नसीहत
सैम की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस ने बुधवार को एक प्रेस रिलीज जारी किया. इसमें वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने घोषणा में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सैम पित्रोदा को तत्काल प्रभाव से भारतीय ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष फिर से नियुक्त किया है. इसके बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पित्रोदा अब ऐसा कोई बयान नहीं देंगे, जिससे भविष्य में विवाद पैदा होने की गुंजाइश हो.

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इंहेरिटेंस टैक्स को लेकर भी दिया था बयान
लोकसभा चुनाव के दौरान पित्रोदा ने इंहेरिटेंस टैक्स को लेकर बयान दिया था. इसे लेकर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था. सैम पित्रोदा ने कहा था, “अमेरिका में उत्तराधिकार टैक्स लगता है. अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब उसकी मृत्यु होती है तो वह अपने बच्चों को उसका केवल 45 फीसदी ही ट्रांसफर कर सकता है, जबकि 55 फीसदी सरकार ले लेती है. यह एक दिलचस्प कानून है.” 

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पित्रोदा ने कहा, “यह कानून कहता है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति अर्जित की है और अब आप जा रहे हैं, तो आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, बल्कि आधी जो मुझे उचित लगता है.”

पीएम मोदी ने बांसवाड़ा की रैली में दिया था जवाब
लोकसभा चुनाव के समय राजस्थान के बांसवाड़ा में रैली के दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस को सैम पित्रोदा के मामले में जवाब दिया था. मोदी ने कहा था, “कांग्रेस राजघराने के सलाहकार ने पहले कहा था कि मध्यम वर्ग पर ज्यादा टैक्स लगाया जाना चाहिए. अब वे और आगे बढ़ गए हैं. अब कांग्रेस कह रही है कि वह उत्तराधिकार टैक्स लगाएगी. लोगों को उनके माता-पिता से मिली विरासत पर टैक्स लगाई जाएगी. आप अपनी मेहनत से जो संपत्ति जमा करेंगे, वह आपके बच्चों को नहीं मिलेगी. कांग्रेस पार्टी उसे छीन लेगी.”

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इंदिरा गांधी, राजीव गांधी के करीबी
81 साल के सैम पित्रोदा का पूरा नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है. उनका जन्म ओडिशा के टिटलागढ़ में एक गुजराती परिवार में हुआ था. पित्रोदा 40 साल से भी ज्यादा समय से कांग्रेस के साथ जुड़े हैं. वो पूर्व पीएम इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और डॉ. मनमोहन सिंह के साथ काम कर चुके हैं. इंदिरा और राजीव गांधी के काफी करीब हुआ करते थे. पित्रोदा का राहुल गांधी का राजनीतिक गुरु भी माना जाता है.

भारत में की थी C-डॉट की स्थापना
राजीव गांधी ने पीएम रहते हुए पित्रोदा को अमेरिका से भारत आने का न्योता दिया था. भारत आकर उन्होंने C-डॉट यानी सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स की स्थापना की. राजीव गांधी सरकार में सैम पित्रोदा को 6 मिशन पूरे करने की जिम्मेदारी दी गई थी. ये मिशन थे- टेलीकम्युनिकेशन, वॉटर, लिटरेसी, इम्यूनाइजेशन, डेयरी प्रोडक्शन और ऑयलसीड्स को बढ़ावा देना.

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