संभल बवाल LIVE: हिंसा वाले इलाके में बाहरी शख्स की एंट्री बैन! इंटरनेट-स्कूल बंद, 800 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान जमकर हिंसा हुई. इसमें चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को चोटें आई. पुलिस-प्रशासन को इस दौरान स्थिति पर काबू पाने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा. इस बीच हिंसा में मरने वाले चारों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई, जिसमें उनकी मौत तमंचे की गोली से होने का कारण बताया गया है.
संभल में ताजा हालात Live :
संभल हिंसा लोकतंत्र पर काला धब्बा- गिरिराज सिंह
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने संभल हिंसा को लोकतंत्र पर धब्बा बताया और कहा कि इस धब्बे का जिम्मेदार अगर कोई है, तो वो जियाउर्रहमान हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ 302 के तहत मुकदमा चलना चाहिए. जिन लोगों ने यह आतंक और दंगा फैलाया है, ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि फिर कभी इस तरह की स्थिति पैदा न हो. इन लोगों ने अपनी करतूतों से साफ कर दिया है कि इन्हें सरकारी मशीनरी और संविधान पर भरोसा नहीं है. अगर होता, तो इस तरह की हरकत कभी नहीं करते. इन लोगों द्वारा की गई इस तरह की हरकतों से यह साफ जाहिर होता है कि इन्हें संविधान पर तनिक भी भरोसा नहीं है.
यूपी कांग्रेस ने मौन प्रदर्शन कर की न्यायिक जांच की मांग
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मौन धरना देकर घटना की न्यायिक जांच की मांग की. उप्र कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि संभल में जो कुछ हो रहा है, वो निश्चित रूप से पूरे राज्य में सरकार द्वारा की जा रही नफरत की राजनीति का नतीजा है. हिंसा मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाना चाहिए.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्य की राजधानी में पार्टी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन के दौरान अपनी बांह पर काली पट्टी बांधी हुई थी. राय ने कहा, “हमने आज मौन विरोध प्रदर्शन किया और जल्द ही कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए संभल जाएगा.”
जिला प्रशासन ने लगाई कई पाबंदियां
हिंसा के बाद जिला प्रशासन ने बेकाबू स्थिति से निपटने के लिए सोमवार को कई तरह की पाबंदियां लगाने का आदेश जारी किया. इस आदेश के मुताबिक, कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा. ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा. इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा.
इंटरनेट और स्कूल बंद
इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है. साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है. डीआईजी के अनुसार, हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है.
सांसद और विधायक के बेटे का खिलाफ एफआईआर दर्ज
संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है. दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है.
तमंचे की गोली से हुई मौत
संभल हिंसा में मरने वाले चारों लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है. चारों की मौत देसी बंदूक की गोली से हुई है. 315 बोर की गोली से मारे जाने की बात पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई है. यह जानकारी मंडल आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने दी.
उपद्रवियों पर लगेगा NSA- संभल डीएम
संभल के डीएम राकेश पेनसिया और एसपी कृष्ण बिश्नोई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि शाही जामा मस्जिद का सर्वे ख़त्म होने के बाद साज़िश के तहत हिंसा की गई. अब तक 25 लोग गिरफ़्तार किए गए हैं. ड्रोन फ़ुटेज के आधार पर लोगों के पासपोर्ट साइज़ इमेज बना कर पहचान की जा रही है. सब पर केस होगा, NSA लगेगा. फिलहाल इलाके में शांति है.
800 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता में बताया कि हिंसा में घायल हुए दारोगा दीपक राठी ने 800 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है, जिनमें बर्क और इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल को नामजद किया गया है.
पुलिस अपनी लापरवाही छिपाना चाहती है- सपा सांसद
सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसका सीधा सा मतलब यही है कि पुलिस अपनी लापरवाही छिपाना चाहती है और उसके आरोप मुझ पर मढ़ना चाहती है, ताकि मैं अपने क्षेत्र के लोगों की जायज आवाज को ना उठा सकूं. वह लोग गलतफहमी के शिकार हैं, मुझे खुद से ज्यादा अपने क्षेत्र के उन लोगों की फिक्र है, जिनकी हत्या हुई है या फिर उन लोगों की, जिन पर झूठा केस दर्ज किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट संभल मामले का संज्ञान लेकर उठाए सख्त कदम- सांसद बर्क
सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि आज हमने अपनी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में लोकसभा स्पीकर से मुलाकात की है. मैं सुप्रीम कोर्ट से भी गुजारिश करता हूं कि वह इस मामले का संज्ञान लेकर सख्त कदम उठाए. जिस तरह से पूर्व नियोजित तरीके से मासूमों की हत्या की है और इस घटना को अंजाम दिया गया है, वह बेहद अफसोस की बात है. मेरी मांग है कि इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए और जो दोषी हैं, उन पर हत्या का केस दर्ज कर कार्रवाई हो.”
मैं भीड़ में नहीं गया था- सपा विधायक के बेटे नवाब सुहैल इकबाल
सपा विधायक के बेटे नवाब सुहैल इकबाल ने The Hindkeshariसे कहा कि मैं भीड़ में गया ही नहीं, ना कोई इसकी कोई फोटो और ना कोई वीडियो है. ये गलत आरोप है गलतफहमी हो सकती है. जिस घर में मैं बंद था वो जामा मस्जिद से 400-500 मीटर दूर था. मैं सिर्फ एक नेक नीयत से गया था, ताकि हमारे लोग भड़के ना. मैंने हमेशा प्रशासन का सहयोग किया है.
पता नहीं बेटे का नाम एफआईआर में क्यों डाला- सपा विधायक नवाब इकबाल
संभल से सपा विधायक नवाब इकबाल महमूद ने कहा कि इस आरोप में कोई दम नहीं है, ना ही कोई एविडेंस है ना जाने किस लिहाज से उन्होंने मेरे बेटे का नाम डाल दिया है. जब दूसरी बार सर्वे हुआ तो एक बार आदेश करना चाहिए था ताकि जनता को मालूम हो जाता, आखिर इतनी जल्दी क्यों थी? हमारी लड़ाई किसी गैर मुस्लिम से नहीं है और ये अदालत का मामला है तो अदालत का सम्मान करें और शांति बनाए रखें.
संभल हिंसा सोची समझी रणनीति का हिस्सा- अफजाल अंसारी
अफजाल अंसारी ने कहा कि हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है. सोची समझी रणनीति के तहत पहले उत्तेजना फैलाई गई और फिर नियंत्रण करने के नाम पर बेगुनाहों के साथ गलत कार्रवाई की गई.
संभल जाने से रोके गए चंद्रशेखर बोले- यूपी में गोलियों से हो रहा न्याय
आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद को सोमवार को संभल जाने से प्रशासन ने हापुड़ में रोक दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि उप्र में गोलियों के द्वारा न्याय किया जा रहा है. संभल जा रहे सांसद चंद्रशेखर रावण को पुलिस ने हापुड़ में पिलखुवा के टोल प्लाजा पर रोक लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि चाहे सीए का आंदोलन हो, किसानों और एससी एसटी के बच्चों का आंदोलन, यूपी में लगातार गोलियां चल रहीं हैं. यहां गोलियों द्वारा न्याय किया जा रहा है.
संभल में हुई हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण- भाजपा सांसद साक्षी महाराज
भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की हम निंदा करते है. जो कुछ हुआ है, उसकी जांच की हम मांग करते है. जो भी इस मामले में आरोपी है, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
विहिप ने की संभल हिंसा में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ रासुका लगाने की मांग
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने संभल हिंसा मामले में शामिल लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत मामला दर्ज करने की मांग की. विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेन्द्र जैन ने कहा कि हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई भी उनसे की जाए. जैन ने कहा, ‘‘जिस तरह से मुस्लिम कट्टरपंथियों ने संभल में पुलिस पर पथराव किया, गोलियां चलाईं और आगजनी की, वह बेहद निंदनीय है। जिस तरह से मुस्लिम नेताओं, मौलानाओं के साथ ही कांग्रेस एवं समाजवादी पार्टी के कई नेताओं ने इस हिंसा का समर्थन किया है, वह भी चिंताजनक है।”
तेजस्वी यादव ने संभल हिंसा के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि इस घटना का उद्देश्य देश भर में सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण करना था. उन्होंने भाजपा को बिहार में इसी तरह की चालें चलने के खिलाफ चेतावनी दी. उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश में जो कुछ हो रहा है, वह निंदनीय है. हम योगी आदित्यनाथ सरकार में पुलिस और प्रशासन की गुंडागर्दी देख रहे हैं, क्योंकि उन्हें अब कानून के शासन से कोई सरोकार नहीं है.
संसद में गूंजा संभल मस्जिद विवाद
संभल मस्जिद विवाद संसद तक पहुंच गया. आज जैसे ही शीतकालीन सत्र शुरू हुआ, विपक्षी पार्टी के सांसदों ने संभल मुद्दे पर बहस की मांग शुरू कर दी. कुछ ही देर में लोकसभा में संभल को लेकर माहौल गरमा गया, जिसके बार कार्यवाही को स्थागित कर दिया गया.
यूपी सरकार का रवैया दुर्भाग्यपूर्ण – प्रियंका गांधी
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि संभल में अचानक उठे विवाद को लेकर राज्य सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इतने संवेदनशील मामले में बिना दूसरा पक्ष सुने, बिना दोनों पक्षों को विश्वास में लिए प्रशासन ने जिस तरह हड़बड़ी के साथ कार्रवाई की, वो दिखाता है कि सरकार ने खुद माहौल खराब किया. प्रशासन ने जरूरी प्रक्रिया और कर्तव्य का पालन भी जरूरी नहीं समझा. सत्ता में बैठकर भेदभाव, अत्याचार और फूट फैलाने का प्रयास करना न जनता के हित में है, न देश के हित में. माननीय सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का संज्ञान लेकर न्याय करना चाहिए.
संभल, उत्तर प्रदेश में अचानक उठे विवाद को लेकर राज्य सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इतने संवेदनशील मामले में बिना दूसरा पक्ष सुने, बिना दोनों पक्षों को विश्वास में लिए प्रशासन ने जिस तरह हड़बड़ी के साथ कार्रवाई की, वह दिखाता है कि सरकार ने खुद माहौल खराब किया। प्रशासन ने…
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 25, 2024
गौरतलब है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था. इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया. देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया. पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी. हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई.