कोलकाता शहर में आज से सात दिनों तक धारा 163 लागू, जानें इस दौरान किन चीजों पर लग गई पाबंदी?
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से बलात्कार और हत्या के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच कोलकाता पुलिस ने सात दिनों के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (पूर्व में धारा 144) लगा दी है. यह 18 अगस्त मतलब आज से लागू हो गई है. इसका मतलब है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के आसपास भी अब कोई धरना प्रदर्शन नहीं हो पाएगा.
किसने दिया आदेश?
पीटीआई के अनुसार, पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार गोयल ने शनिवार को जारी एक आदेश में कहा गया कि कोलकाता शहर और 24 परगना जिले के कोलकाता पुलिस के क्षेत्र में रैलियां, बैठकें, जुलूस, धरना, प्रदर्शन और पांच या अधिक व्यक्तियों की गैरकानूनी सभा निषिद्ध है. इस आदेश में लिखा है, “…भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 की धारा 163 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए 18.08.2024 से 24.08.2024 तक सात (7) दिन या अगली सूचना तक पांच या अधिक व्यक्तियों की कोई भी गैरकानूनी सभा, लाठियां, कोई घातक या अन्य खतरनाक हथियार लेकर घूमने पर रोक है. यह प्रतिबंध “विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त इनपुट और जानकारी के मिलने के कारण लगाया गया है. पुलिस के पास इनपुट है कि एक वर्ग द्वारा हिंसक प्रदर्शनों, रैलियों और बैठकों के जरिए शांति भंग हो सकती है.
क्या है पूरा मामला?
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 8-9 अगस्त की रात को ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी. पीड़ित डॉक्टर चेस्ट मेडिसिन विभाग में MD सेकेंड ईयर की स्टूडेंट थी. रात को 12 बजे दोस्तों संग डिनर के बाद वह सेमिनार हॉल में आराम करने चली गई थी, तभी उसके साथ बहुत ही दर्दनाक तरीके से रेप कर हत्या कर दी गई. मामले की जानकारी आने पर डॉक्टरों में गुस्से की लहर देखने को मिली और उसके बाद राजनीतिक दलों ने भी कोलकाता पुलिस पर सवाल उठाए. हालांकि, इसके बाद एक भीड़ ने आर जी कर अस्पताल में घुसकर जमकर तोड़फोड़ की. जिससे सवालों के घेरे में पश्चिम बंगाल सरकार और खुद ममता बनर्जी भी आ गईं हैं. राजनीतिक दलों से लेकर सभी डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ इस मामले की पूरी जांच की मांग कर रहे हैं. सीबीआई अब मामले की जांच कर रही है.
सीबीआई को क्या पता चला?
ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर मामले में CBI की टीम शनिवार को अपराध स्थल की डिजिटल मैपिंग के लिए आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पहुंची.. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, अब तक की जांच में सीसीटीवी फुटेज में नजर आ रहा है कि आरोपी संजय राय घटना वाले दिन रात करीब 11:00 बजे हॉस्पिटल आता है. वो अस्पताल पहुंचने के बाद करीब 30 मिनट अस्पताल में ही रुकता है. इस 30 मिनट में आरोपी संजय राय की मूवमेंट अस्पताल में नजर आ रही है. इसके बाद वह दोबारा देर रात 3:45 से 3:50 के बीच अस्पताल आता है और किसी मकसद से सेमिनार रूम के अंदर जाता हुआ नजर आया है. करीब 35 मिनट बाद वह सेमिनार रूम से बाहर निकल आता है. सूत्रों के मुताबिक पीड़िता और उसके दोस्तों ने खाना रात में करीब 12 बजे आर्डर किया था. यह खाना एक ऑनलाइन ऐप के जरिए मंगवाया गया था. कोलकाता पुलिस ने इस डिलीवरी बॉय के बयान भी दर्ज किए थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता की मौत भी आखिरी बार खाना खाने के 4 घंटे बाद हुई. सीबीआई ने मृतका के उन चारों डॉक्टर के बयान भी दर्ज किए हैं, जिन्होंने उसके साथ रात में ऑनलाइन ऐप से खाना आर्डर करके मंगवाकर खाया था.
देश भर में रहा हड़ताल
डॉक्टरों की सुरक्षा को मांग को लेकर देश भर के डॉक्टर शनिवार को हड़ताल (Doctors Strike) पर रहे. इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन के 24 घंटे की हड़ताल के आह्वान पर देश क सभी डॉक्टर हड़ताल पर रहे. इस हड़ताल के कारण मरीजों को काफी परेशानी हुई. इस बीच केंद सरकार ने आंदोलनकारी डॉक्टरों से जनहित में काम पर लौटने का अनुरोध किया, मगर आंदोलनकारी डॉक्टरों ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया.
क्या है मांग?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने डेंगू और मलेरिया के बढ़ते मामलों के मद्देनजर डॉक्टरों से काम पर लौटने का अनुरोध किया. मंत्रालय ने डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय सुझाने के लिए एक समिति गठित करने का आश्वासन दिया. दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. सुनील सिंघल ने कहा कि हम जनहित में अब भी काम कर रहे हैं. हम इमरजेंसी ड्यूटी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें स्टेट लॉ नहीं बल्कि सीपीए चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि हमें काम करने के लिए सुरक्षित वातावरण चाहिए. उन्होंने सरकार के कमेटी बनाने पर कहा कि कमेटी बनाने से क्या होगा, यह पहले भी हो चुका है.