देश

कोलकाता रेप-मर्डर केस : आरजी कर अस्पताल का जायजा लेने पहुंचे CISF के वरिष्ठ अधिकारी


कोलकाता:

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के शीर्ष अधिकारी, जो हवाई अड्डों और संसद की सुरक्षा करते हैं, आज सुबह कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का मुआयना करने के लिए पहुंच गए हैं. 31 वर्षीय डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के बाद हुई बर्बरता की चौंकाने वाली घटना के बाद CISF को सरकारी अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को संभालने का काम सौंपा गया है. बता दें कि इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. 

सुबह-सुबह अस्पताल पहुंचे सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी के प्रताप सिंह ने मीडिया से कहा, “हमें हमारा काम करने दें. हम यहां इसलिए आए हैं क्योंकि हमें कुछ काम सौंपा गया है. हमें हमारा काम खत्म करने दें और फिर सीनियर आपको बताएंगे. मैं उच्च अधिकारियों द्वारा दिया गया अपना काम कर रहा हूं.”

केंद्रीय बल का यह मुआयना तब हुआ जब मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने शहर की पुलिस की उस प्रतिक्रिया पर सवाल उठाए, जिसमें 15 अगस्त की सुबह भीड़ ने अस्पताल पर हमला किया था औ दो मंजिलों पर चिकित्सा उपकरण और आपूर्ति को नुकसान पहुंचाया था. भीड़ ने अस्पताल में उस वक्त हमला किया था जब कोलकाता और कई अन्य शहरों में महिला डॉक्टर के लिए इंसाफ के लिए लोग प्रदर्शन कर रहे थे. 

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा था, “हम यह समझ पाने में असमर्थ हैं कि राज्य सरकार अस्पताल परिसर में तोड़फोड़ की घटना से निपटने के लिए तैयार क्यों नहीं थी.” कोर्ट ने कहा कि 15 अगस्त को भीड़ द्वारा की गई हिंसा के बाद अस्पताल से अधिकतर डॉक्टर परिसर छोड़कर चले गए हैं. ऐसे में सुरक्षित माहौल बनाना जरूरी है ताकि डॉक्टर वापस लौट सकें और मरीजों का इलाज कर सकें. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तब अदालत को आश्वासन दिया कि केंद्रीय बल परिसर की सुरक्षा करेंगे. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. अस्पताल परिसर में बड़ी संख्या में लोग पीड़िता के लिए इंसाफ की मांग में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. 

यह भी पढ़ें :-  आरक्षण को लेकर चिराग पासवान का क्लियर स्टैंड, पार्टी ने कहा- "पहले की व्यवस्था ही रहेगी जारी"

पूर्व प्रिंसिपल से लगातार छठे दिन पूछताछ

आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष आज सुबह इस जघन्य अपराध की जांच के सिलसिले में छठे दौर की पूछताछ के लिए कोलकाता स्थित सीबीआई के दफ्तर पहुंचे. 9 अगस्त को एक सेमिनार हॉल में डॉक्टर का शव मिलने के बाद स्थिति से निपटने के पूर्व प्रिंसिपल के तरीके पर सवाल उठने लगे हैं. उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया. सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, पिछले पांच दिनों में संदीप घोष से लगभग 64 घंटों तक पूछताछ की जा चुकी है.

इसके अलावा पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य संचालित संस्थान के प्रिंसिपल के रूप में संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच के लिए स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया है. 

तोड़फोड़ के आरोप में 3 अधिकारी निलंबित

भीड़ के हमले के दौरान पुलिस की प्रतिक्रिया पर शीर्ष अदालत की टिप्पणी से शर्मिंदा बंगाल सरकार ने अब बर्बरता की घटना के सिलसिले में तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. सूत्रों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि निलंबित पुलिसकर्मियों में दो सहायक पुलिस आयुक्त भी शामिल हैं. एक अधिकारी ने बताया, “तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है… दो सहायक पुलिस आयुक्त हैं और एक इंस्पेक्टर है.” उन्होंने बताया कि मामले की आगे की जांच चल रही है.


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button