देश

सातवां फेज, 8 राज्य और 57 सीटें… : NDA या INDIA? कौन होगा 2024 के फाइनल राउंड का चैंपियन?


नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) का सफर समाप्ति की ओर है. शनिवार (1 जून) को सातवें फेज में 7 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की कुल 57 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. आखिरी फेज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की संसदीय सीट वाराणसी में भी वोटिंग होनी है. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री आरके सिंह, अनुराग ठाकुर, एक्ट्रेस कंगना रनौत, भोजपुरी एक्टर रवि किशन, भोजपुरी सिंगर पवन सिंह, काजल निषाद भी चुनाव लड़ रहे हैं. सातवें फेज में ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी, अफजाल अंसारी, विक्रमादित्य सिंह की किस्मत का भी फैसला होगा. 

2019 में इन 57 सीटों में से सबसे ज्यादा 25 सीटें BJP ने जीती थी. TMC को 9, BJD के 4, JDU और अपना दल (एस) 2-2 सीटें मिली. JMM महज 1 सीट जीत सकी थी. कांग्रेस को केवल पंजाब की बदौलत 8 सीटों पर जीत मिली थी. आइए समझते हैं कि लोकसभा चुनाव के फाइनल राउंड में कौन सी सीटों पर BJP की मजबूत पकड़ है. कहां INDIA अलायंस का पलड़ा भारी है.

The HindkeshariBattleground: यूपी में कहां जाएगा मायावती का वोट बैंक? BSP के नुकसान से BJP या SP किसे होगा फायदा

किस राज्य की कौन-कौन सी सीटों पर होनी है वोटिंग?
1. पंजाब (13 सीटें): गुरदासपुर, अमृतसर, जालंधर,खडूर साहिब, होशियारपुर, आनंदपुर, साहिब, फरीदकोट, फिरोजपुर, बठिंडा, संगरूर और पटियाला में वोट डाले जाएंगे.

2. उत्तर प्रदेश (13 सीटें): महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, रॉबर्ट्सगंज में मतदान होंगे.

3. पश्चिम बंगाल (9 सीटें): दमदम, बारासात, बशीरहाट, जयनगर, मथुरापुर, डायमंड हार्बर, जादपुर, कोलकाता साउथ, कोलकाता नॉर्थ में वोट डाले जाएंगे.

4. ओडिशा (6 सीटें): मयूरभंज,बालासोर, भद्रक, जाजपुर, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर में मतदान है.

5. हिमाचल प्रदेश (4 सीटें): कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर और शिमला में वोटिंग होगी.

6. झारखंड (3 सीटें): राजमहल, दुमका और गोड्डा में वोटिंग कराई जाएगी.

7. बिहार (8 सीटें):  पाटलिपुत्र, पटना साहिब, आरा, बक्सर, सासाराम, काराकट, जहानाबाद और नालंदा में मतदान है.

यह भी पढ़ें :-  इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल्स देने के लिए SBI ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी 30 जून तक की डेडलाइन

8.चंडीगढ़ (1 सीट): चंडीगढ़ सीट पर वोटिंग होगी.

2019 के सातवें फेज में किसकी कितनी उड़ान?
2019 के लोकसभा चुनावों के आंकड़ों को देखें, तो बिहार की 8 में से 8 सीटों पर NDA को जीत मिली थी. चंडीगढ़ सीट पर BJP को जीत मिली. हिमाचल प्रदेश की सभी 4 सीटें BJP के खाते में गई. झारखंड की 3 में से 2 सीटों पर BJP ने कमल खिलाया. ओडिशा की 6 में 4 सीटों पर BJD उम्मीदवारों ने जीत का स्वाद चखा. पंजाब की 13 में से 8 सीटों पर कांग्रेस के हाथ मजबूत हुए. उत्तर प्रदेश की 13 में से 11 सीट NDA ने अपने नाम किए. बंगाल की सभी 9 सीटों पर ममता बनर्जी की TMC को जीत मिली.         
 

BJP को हराना या घटाना चाहती है कांग्रेस? मल्लिकार्जुन खरगे के दावे से समझिए पूरा ‘गेम प्लान’

2024 के सातवें फेज में किस पार्टी के कितने उम्मीदवार?
2024 के लोकसभा चुनाव के सातवें फेज में बहुजन समाज पार्टी ने सबसे ज्यादा 56 उम्मीदवार उतारे हैं. बीजेपी ने 51 कैंडिडेट उतारे हैं. कांग्रेस ने 31 उम्मीदवारों पर दांव खेला है. टीएमसी ने 9 प्रत्याशियों को मैदान में भेजा है. समाजवादी पार्टी ने 9 प्रत्याशी खड़े किए हैं. सीपीआई-एम 8 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. अकाली दल ने 13 उम्मीदवारों पर दांव लगाया है. आम आदमी पार्टी भी पंजाब की सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. बीजू जनता दल ने 6 उम्मीदवार खड़े किए हैं. सीपीआई ने 7 उम्मीदवार उतारे हैं.
    
   

2019 के इलेक्शन में पहले फेज में 70% वोटिंग हुई. 2024 के पहले फेज में सिर्फ 66.1% वोटर टर्नआउट रहा. 2019 के दूसरे फेज में 70.1% वोटिंग हुई और 2024 के दूसरे फेज में 66.7% मतदान रिकॉर्ड हुआ. 2019 के तीसरे फेज का वोटर टर्नआउट 66.9% रहा. जबकि 2024 के तीसरे फेज में 65.7% वोटिंग हुई थी. 2019 के चौथे फेज में 69.1% वोटिंग हुई, जबकि 2024 के चौथे फेज में 69.2% वोट पड़े थे. 2019 के पांचवें फेज में 62% वोट पड़े. 2024 के पांचवें फेज में 62.2% वोट पड़े थे. 2019 के छठे फेज में 64.2% वोटिंग हुई थी.  2024 के इलेक्शन के छठे फेज में 63.4% वोटिंग हुई.    

क्या BJP स्ट्राइक रेट सुधार पाएगी?    
राजनीतिक विश्लेषक अमिताभ तिवारी कहते हैं, “पिछले इलेक्शन में 57 सीटों में से NDA ने 30 सीटें जीती थी. BJP की 60% स्ट्राइक रेट थी, जो उसके ऑल इंडिया एवरेज से कम थी. इस चुनाव में पहले, चौथे फेज में BJP का स्ट्राइक रेट पिछली बार की तुलना में कम रहा. इस बार BJP को अपना बेस मजबूत करना है. बिहार में सातवें फेज में 8 सीटों पर वोटिंग होनी है. वहां तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की वजह से BJP को थोड़ी मुश्किलें देखनी पड़ रही है. बंगाल की बात करें, तो पिछले चुनाव में BJP एक भी सीट नहीं जीत पाई थी. पीएम मोदी का फोकस कोलकाता में रहा था. इसबार BJP को वहां सीटें बढ़ानी है. ओडिशा में भी BJP के सामने चुनौती है. अगर BJP बंगाल, ओडिशा और बिहार में सीटें बढ़ा लेती है, तो उसका स्ट्राइक रेट सुधार जाएगा.”

यह भी पढ़ें :-  कुशासन, भ्रष्टाचार और देश विरोधी एजेंडे का हवा देना ‘इंडिया’ गठबंधन की विचारधारा : PM मोदी

अबकी बार 400 पार? राम मंदिर से शुरुआत, फिर चेंज किया गियर, BJP के चुनाव की इनसाइड स्टोरी पढ़िए

INDIA गठबंधन भरेगा उड़ान?
कांग्रेस प्रवक्ता अजय उपाध्याय कहते हैं, “राहुल गांधी ने इस बार कई राज्यों में प्रचार किया है. भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान लोगों का समर्थन दिखा है. चुनाव का एजेंडा भी वास्तव में राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा से ही तय हुआ था. महिलाओं, युवाओं के अधिकारों की बात कांग्रेस ने की और प्लान रखा. निश्चित तौर पर इस चुनाव में INDIA गठबंधन उड़ान भरेगा.”

बंगाल में TMC को झटका देगी BJP?
राजनीतिक विश्लेषक अमिताभ तिवारी कहते हैं, “बंगाल में पीएम मोदी का जादू चल सकता है. इसके 5 कारण हैं. पहला कारण- ममता बनर्जी कांग्रेस के INDIA अलायंस का हिस्सा नहीं हैं. इससे नुकसान होगा. ये चुनाव चूंकि लोकसभा का चुनाव है. इसलिए चुनाव में प्रो बीजेपी या एंटी बीजेपी, प्रो मोदी या एंटी मोदी का माहौल बनेगा. एंटी मोदी वोट कहीं न कहीं TMC या कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन में बंट सकती है. दूसरा कारण- पीएम मोदी की लोकप्रियता बंगाल में भी अच्छी-खासी है. पिछले चुनाव में 32% मतदाताओं ने पीएम मोदी के नाम पर वोट किया था. तीसरा करण-BJP को लाभार्थियों का भी बड़ा एडवांटेज मिल सकता है. मोदी सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी चाहे वो महिला हो, किसान हो… उसका भी अच्छा खासा असर बंगाल में देखने को मिलेगा.” 

अमिताभ तिवारी कहते हैं, “चौथा कारण- BJP को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और संदेशखाली मामले का फायदा मिल सकता है. बंगाल में मुस्लिम आबादी करीब 30% है. इसलिए यहां पोलराइजेशन यानी ध्रुवीकरण काम कर सकता है. पिछले चुनावों में हमने देखा है कि जहां भी ध्रुवीकरण होता है, वहां BJP को ऑटोमेटिक फायदा मिलता है. पांचवां कारण-” एंटी इंकमबेंसी का असर भी दिखेगा. 13 ऐसी सीटें हैं, जहां ममता के खिलाफ एंटी इंकमबेंसी भी अच्छी-खासी है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि BJP इन स्थितियों का फायदा उठा पाती है या नहीं.” 

यह भी पढ़ें :-  "वोट देने का कलेक्टिव डिसीजन तो वोट जिहाद ही है": The Hindkeshariसे बोले असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा

मोदी का ‘जादू’ या दीदी की ‘ममता’… कौन होगा बंगाल का टाइगर? क्या बदल जाएगी 2019 वाली तस्वीर


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button