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UP में सातवें चरण का रण और 13 किले: क्या पूर्वांचल में फिर चलेगी BJP की पुरवईया? समझें सियासी गुणा-गणित

देवरिया का दंगल
देवरिया सीट पर सीधी टक्कर बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. इंडिया अलायंस में ये सीट कांग्रेस को गई है. वहीं बीजेपी ने यहां मौजूदा सांसद का टिकट काटकर नया प्रत्याशी मैदान में उतारा है. बीजेपी ने मौजूदा सांसद रमापति राम त्रिपाठी का टिकट काटकर पूर्व सांसद श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी के बेटे शशांक मणि त्रिपाठी को मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने पूर्व विधायक और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह को टिकट दिया है. बीएसपी से संदेश यादव देवरिया से उम्मीदवार हैं. देवरिया में सबसे ज्यादा 52% OBC वोटर है. 14.2% दलित, 14% मुस्लिम वोटर और ब्राह्मण, राजपूत और कुर्मी वोट निर्णायक माने जाते हैं.

मिर्जापुर का मैदान
यादव के बाद कुर्मी को उत्तर प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी ओबीसी जाति मानी जाती है. उत्तर प्रदेश में इस जाति का नेतृत्व करने का दावा अपना दल (एस)करता रहा है. अपना दल (एस) विधानसभा में तीसरा सबसे बड़ा दल है. अनुप्रिया एक बार फिर मिर्जापुर के चुनाव मैदान में हैं. वहां सपा ने भदोही से बीजेपी सांसद रमेश बिंद को टिकट दे दिया है. यहां BJP, SP और BSP की तिकोनी लड़ाई है. यहां पटेल, बिंद और ब्राह्मण जाति का प्रभुत्व है. सपा ने बिंद, BSP ने ब्राह्मण उम्मीदवार उतारा है, यहां  सबसे ज्यादा 2.5 लाख पटेल मतदाता है. साथ ही 1.6 लाख ब्राह्मण, 1.4 लाख बिंद वोटर, 1.9 लाख दलित, 1.3 लाख मुस्लिम, 1.3 लाख वैश्य मतदाता हैं. 

पूर्वांचल में कैसी है सपा की रणनीति?
साल 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव और 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सफलता के पीछे ओबीसी का बहुत बड़ा हाथ था.सपा 2019 के लोकसभा चुनाव में केवल आजमगढ़ सीट ही जीत पाई थी, वहीं 2022 के विधानसभा चुनाव में उसे केवल गाजीपुर, आजमगढ़ और जौनपुर जिले में ही अच्छी सफलता मिली थी. इससे सबक लेते हुए सपा ने इस बार टिकट बंटवारे में होशियारी दिखाई है. यादवों की पार्टी का ठप्पा हटाने के लिए सपा ने केवल 5 यादवों को ही टिकट दिए हैं.ये सभी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के परिवार से हैं.

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दलितों और मुसलमानों के सहारे बसपा
पूर्वांचल की राजनीति में कभी मजबूत दखल रखने वाली बसपा ने इस बार दलित मुसलमान कार्ड खेला है.बसपा ने आधा दर्जन सीटों पर ओबीसी उम्मीदवार दिए हैं. बसपा ने अपने केवल एक सांसद को टिकट दिया. उसने जौनपुर में अपने सांसद श्याम सिंह यादव को फिर मैदान में उतारा है. इसके अलावा बीसपी ने घोसी,सलेमपुर, बलिया और चंदौली में ओबीसी उम्मीदवार उतारे हैं. 


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